संगीत अपने आप में एक ऐसी भाषा है जिसे समझने के लिए आपका किसी विशेष धर्म, परिवार या देश में जन्म होना आवश्यक नहीं है। बिना किसी बोल के भी ये एक ऐसी भाषा है जो भिन्न प्रकार के लोगों को साथ मिलाती है और मिलाती आयी है। आज हम ऐसे ही किस्से से सम्बंधित बात करने जा रहे हैं जिसने दो भिन्न देशों के संगीत दिग्गजों को मिलाया था।
राग मारवा एक 6 स्वर का भारतीय राग है जिसमें 5वें स्वर ‘प्’ को नहीं शामिल किया जाता है। यदि इसके रस की बात की जाये तो कई लोग इसे वीर रस का भी बताते हैं। वहीं मारवा को शांत, मननशील और प्यार को दर्शाने वाला भी बताया गया है। इसका सम्बन्ध सूर्यास्त के समय मैन में उत्पन्न होने वाले भावों से भी है। कहते हैं कि सूर्यास्त के समय बढ़ता अँधेरा हमारे मैन में एक व्याकुलता और गंभीरता का भाव उजागर करता है।
भारत के मशहूर संगीतकार उस्ताद विलायत खान द्वारा राग मारवा की एक प्रस्तुति आप नीचे दिए गए विडियो में देख सकते हैं:
भारत का संगीत विश्व भर में इतना मशहूर था कि विश्वप्रसिद्ध विदेशी संगीतकार तक यहाँ अपने संगीत के ज्ञान की वृद्धि करने पहुँच जाते थे। उन्हीं में से थे ‘दी बीटल्स’ बैंड (The Beatles) जिन्होंने भारत आकर रवि शंकर के साथ अपने संगीत पर काम किया। बीटल्स के सदस्य जॉर्ज हैरिसन इसमें कितनी गहराई से उतर चुके थे उसका अंदाज़ा आप सबसे ऊपर दिए गए विडियो से लगा सकते हैं।
जॉर्ज राग मारवा से इतने प्रभावित हुए कि सन 2002 में उन्होंने ‘मारवा ब्लूज़’ (Marwa Blues) नाम से एक वाद्य संगीत प्रकाशित किया। यह पश्चिम और पूर्व के बीच का एक मधुर मिश्रण है क्योंकि इसमें प्रयोग किया जाने वाला वाद्य यंत्र सितार नहीं बल्कि एक गिटार (Guitar) था। इस संगीत को काफी पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया। मारवा ब्लूज़ को रिकॉर्ड (Record) करने के पीछे हैरिसन का उद्देश्य था इस राग को श्रद्धांजलि देना और साथ ही भारतीय संगीत को उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में स्वीकार करना था।
मारवा ब्लूज़ को आप नीचे दिए गए विडियो पर क्लिक कर सुन सकते हैं:
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Marwa_Blues
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Marva_(raga)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.