समय - सीमा 260
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1051
मानव और उनके आविष्कार 828
भूगोल 241
जीव-जंतु 303
भारत में शाही अंदाजों की बात हो और लखनवी नवाबों का नाम न आये, ये संभव नहीं। ब्रिटिश भारत में छोटे प्रांतों के शासकों को नवाब के नाम से पुकारा जाता था। नवाब शब्द इनकी वैभवशाली जीवन शैली दर्शाता था। वैभवशाली जीवन शैली के लिए यह शब्द इतना प्रभावी हुआ कि यूरोप भी इससे अछूता ना रह सका अर्थात वहां पर भी समृद्ध और भव्य जीवन शैली व्यतीत करने वालों को ‘नबॉब’ (Nabob) कहा जाने लगा जो सामान्यतः नवाब शब्द से ही उत्पन्न हुआ था।
नबॉब विशेषकर वे लोग थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन (17वीं/18वीं/19वीं शताब्दी) के दौरान भारत में अप्रतिम धन संपत्ति जुटाई तथा ब्रिटेन वापस जाकर आलीशान भवनों तथा आकर्षक व्यवसायों की स्थापना कर समृद्ध जीवन व्यतीत करने लगे। 17वीं शताब्दी में भारत से यूरोप अपना भाग्य बनाकर आये लोगों के लिए नबॉब शब्द का उपयोग प्रारंभ हो गया। 19वीं सदी में यूरोप में आलीशान घरों की संख्या में वृद्धि के साथ यह शब्द भी काफी प्रचलित होता चला गया। ये लोग भारत तो आये ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में, किंतु वापस गये नवाबों की जीवनशैली लेकर। इन लोगों के लोभ और भ्रष्टाचार ने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी को पतन के कागार पर लाकर खड़ा कर दिया। यहां तक कि भारत में कार्यरत उच्च ब्रिटिश पदाधिकारी, जैसे वॉरेन हेंस्टिंग्स और रॉबर्ट क्लाईव, पर ब्रिटेन में जांच तक बिठाई गई। इसी प्रकार की गतिविधियों ने ब्रिटिश सरकार को प्रत्यक्ष रूप से भारत में हस्तक्षेप करने के लिए विवश किया।
ब्रिटेन में रहने वाले नबॉबों की आन-शान का आंकलन उनकी उस दौरान भारत या ब्रिटेन में तैयार की गयी तस्वीरों तथा इनपर लिखी गयी पुस्तकों से ही लगाया जा सकता है। इनकी वेशभूषा, रहन-सहन, इनकी खातिरदारी में लगे सेवकों की संख्या इत्यादि ही इनकी भव्य जीवनशैली का प्रत्यक्ष प्रमाण थी। समय के साथ इन नवाबों की पोशाकों में भी अन्तर आता गया था, जो विशेषतः महंगे वस्त्र जैसे रेशम इत्यादि से तैयार किये जाते थे तथा इनके शाही वर्चस्व को दर्शाते थे। नबॉब को चित्रों में भारतीय शाही वस्त्र धारण किये हुऐ भी दर्शाया गया है।
सत्ता का खुमार इनके सर चढ़ने लगा, जिस कारणवश ये अपने सेवकों या निचले दर्जे के कर्मचारियों तथा आम जन के साथ असभ्य पेश आने लगे तथा उस दौरान प्रशासन व्यवस्था भी चरमराने लगी थी। ये नबॉब भारत ही नहीं वरन् ब्रिटेन के आंतरिक बाज़ार पर भी प्रभाव डालने लगे थे। ब्रिटिश भारतीय नवाबों की इन सभी अनुचित गतिविधियों की वजह से भारत और ब्रिटेन के चित्रकारों ने अपने चित्रों के माध्यम से इन पर कटाक्ष करना प्रारंभ कर दिया। 19वीं सदी तक नबॉब खलनायक के रूप में उभरने लगे। इनकी क्रूरता और अहंकार को चित्रों के माध्यम से समाज के सामने लाना प्रारंभ कर दिया गया था।
संदर्भ:
1.https://www.quora.com/Who-were-the-nabobs
2.http://www.racar-racar.com/uploads/5/7/7/4/57749791/2012_37_1_03_smylitopoulos.pdf
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Nabob