रामपुर के क्षेत्र में पाए जाने वाले सबसे पुराने सिक्के, पांचाल सिक्के

लखनऊ

 17-10-2018 01:23 PM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

सिक्के या मुद्रा हमेशा से इतिहास, राजनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अहम भूमिका अदा करने के साथ-साथ शासक की मनोवृत्ति या व्यक्तित्व को दर्शाते आए हैं। प्राचीन काल में जब कोई राजा कोई जीत हासिल करता तो उसके उपलक्ष्य में नया सिक्का जारी कर देता था, या किसी राज्य में विजय प्राप्त करने के बाद अपने सिक्कों को राज्य में लागू कर देता था। ऐसे ही पांचाल साम्राज्य के सिक्कों का इतिहास काफी पुराना और अनोखा है।

मौर्य साम्राज्य के ध्वस्त होने के बाद इसके खंडहरों से कई नए साम्राज्य उभरे, जिसमें उभरने वाला एक साम्राज्य पांचाल भी था। यह बुद्ध की अवधि के दौरान 16 महान महाजनपदों में से एक रहा, जो कानपुर से वाराणसी के बीच के गंगा के मैदान में फैला हुआ था। इसकी दो शाखाएँ - उत्तर पांचाल की राजधानी ‘अहिक्षेत्र’ और दक्षिण पांचाल की राजधानी ‘कांपिल्य’ थी।

वहीं छठी शताब्दी ईसा पूर्व की पहली छमाही में उत्तर पांचाल पर कुरु ने विजय प्राप्त कर ली और केवल दक्षिण पांचाल ही स्वतंत्र बना रहा। जिसे बाद में मगध द्वारा अवशोषित कर लिया गया था, लेकिन मित्रा राजाओं के तहत इसे पुनर्निर्मित किया गया, जिनके द्वारा सिक्कों की सबसे रोचक और दीर्घकालिक श्रृंखला जारी की गयी।

लगभग सभी पांचाल सिक्कों पर ब्रह्मी अक्षरों में सिक्कों को प्रकाशित करने वाले राजा का नाम होता था। सिक्कों में मुखभाग में आम तौर पर देवताओं की छवी होती थी, प्रायः प्रकाशित करने वाले राजा के मिलते जुलते देवता होते थे, और पिछले भाग में राजा के नाम के साथ उपरोक्त पांचाल साम्राज्य के तीन प्रतीक होते थे। उदाहरण के लिए, अग्निमित्र के सिक्के अग्नि (अग्नि के देवता) को दर्शाते हैं। लेख के सबसे ऊपर दिया गया चित्र अग्निमित्र के सिक्के का है जिसमें अग्नि देव को ज्वलंत बालों के साथ दिखाया गया है। इसी प्रकार इंद्रमित्र के सिक्के में देवता इंद्र को दर्शाया गया है। भानुमित्र का एक बहुत ही रोचक सिक्का वह है जिसमें भानु (सूर्य) को किरणों के उत्पन्न होने का स्रोत बताते हुए एक चक्र के रूप में दर्शाया गया है, जिसे एक हार से नवाज़ा भी गया है।

कभी-कभी देवता के अलावा उनके शस्त्रों का वर्णन करने वाले प्रतीकों को भी दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, रुद्रगुप्त के सिक्कों पर भगवान शिव के शस्त्र त्रिशूल और कुल्हाड़ी दिखाए गये हैं। पांचाल सम्राज्य के आखरी शासक अच्युता के सिक्कों में पहिये के स्पोक (Spoke) और नाम ‘अच्यू’ देखने को मिलता है।

संदर्भ:
1.https://www.mintageworld.com/media/detail/4420--the-beauty-of-panchala-coins/
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Panchala
3.https://www.academia.edu/31023620/Tin-bronze_alloy_Panchala_coins_75-50_BCE_with_Indus_Script_hypertext_ranku_ayo_kamma%E1%B9%ADa_sippi
4.http://coinindia.com/galleries-panchala.html
5.http://coinindia.com/galleries-panchala-kingdom.html



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id