लगभग छठी सातवीं शताब्दी में जन्मे विश्व के सबसे बड़े धर्म इस्लाम के आज सर्वाधिक अनुयायी हैं। इस धर्म को बचाए रखने और इसका संचालन करने के लिए, इस्लाम में कुछ प्रमुख सदस्य होते हैं, जिन्हें प्रायः मौलवी, क़ाज़ी, उलेमा, हाजी, इमाम, मुफ्ती आदि कहा जाता है। चलिए एक नज़र डालें इनकी कार्य प्रणाली पर और जानें इनके मध्य अंतर।
क़ाज़ी:
शरिया अदालत के मजिस्ट्रेट या न्यायाधीश को क़ाज़ी कहते हैं। क़ाज़ी शब्द का अर्थ ‘न्याय करना’ या ‘निर्णय लेना’ होता है। क़ाज़ी शब्द पैगंबर मुहम्मद के समय से उपयोग किया जा रहा है। इनके द्वारा असाधारण कार्य जैसे मध्यस्थता, अनाथों और नाबालिगों के लिये अभिभावक, और पर्यवेक्षण और लेखा परीक्षा जैसे सार्वजनिक कार्य भी किए जाते हैं। क़ाज़ी का निर्णय इज्मा, इस्लाम, इस्लामी विद्वानों की प्रचलित सर्वसम्मति पर आधारित होना चाहिए। प्राचीन रूप से क़ाज़ी पर किसी क्षेत्र या शहर के प्रशासनिक, न्यायायिक और राजकोषीय नियंत्रण की ज़िम्मेदारी भी होती थी। ज्यादातर मामलों में, क़ाज़ी अपने बाद अपने बेटे या बहुत करीबी रिश्तेदार को अगला क़ाज़ी नियुक्त कर सकता है।
मुफ्ती:
क़ाज़ी की तरह ही मुफ्ती भी शरिया कानून की व्याख्या शक्ति है। मुफ्ती वह व्यक्ति बनता है जो धार्मिक ज्ञान में एक स्तर (विश्वविद्यालय की डिग्री और सहकर्मियों की स्वीकृति) तक पहुंच गया हो। इस्लामिक रूप से, उन्हें अपने ज्ञान से अपनी राय देने का अधिकार होता है, लेकिन वास्तव में उन्हें कोई शक्ति नहीं प्रदान होती हैं।
इमाम:
वहीं जो व्यक्ति नियमित रूप से मस्जिद में नमाज़ पढ़ने का कार्य करता है उन्हें लोग इमाम कहकर बुलाते हैं। लेकिन जो व्यक्ति सिर्फ एक बार मस्जिद में नमाज़ पढ़ता है, उसे नमाज़ पढ़ने तक ही इमाम बुलाया जाता है। आजकल, इमाम को राज्य (धार्मिक मामलों के मंत्रालय, जो कि अधिकांश मुस्लिम देशों जैसे तुर्की में मौजूद है) द्वारा नियुक्त किया जाता है। इनके पास भी कोई शक्ति नहीं होती है।
मौलवी:
मौलवी शब्द अरबी शब्द मावला से लिया गया है, जिसके कई अर्थ हैं, जिनमें "ईश्वर" भी शामिल है। मौलवी मुस्लिम धार्मिक विद्वानों, या उलमा को दिया गया सम्मानित इस्लामी धार्मिक शीर्षक है। मौलवी आमतौर पर एक उच्च योग्य इस्लामी विद्वान का अर्थ है, जिसने मदरसा (इस्लामी स्कूल) या दारुल उलूम (इस्लामी धर्मशास्त्र) में पूर्ण अध्ययन प्राप्त किया हो।
हाजी:
हाजी एक मुस्लिम व्यक्ति को दिया गया एक सम्मानित शीर्षक है जिसने सफलतापूर्वक मक्का में हज की यात्रा को पूरा कर लिया हो। जो कि एक तरह से इस्लामी तीर्थयात्रा है।
उलेमा:
उलेमा इस्लाम धर्म के प्रमुख ज्ञाता होते हैं, प्रमुखतः सुन्नी इस्लाम के। इन्हें इस्लामी धर्म के ज्ञान और कानून के संरक्षक, प्रचारक और व्याख्याता के रूप में भी इंगित किया जाता है। ये धार्मिक संस्थानों (मदरसे) से शिक्षा को पूर्ण कर प्रायः क़ाज़ी (न्यायाधीश), अध्यापक के पदों पर नियुक्त होते हैं। इस्लाम में किसी भी प्रकार के परिवर्तन और कानून निर्माण में उलेमा प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
उपरोक्त विवरण से आपको ज्ञात हो गया है कि, सभी इस्लामिक प्रमुखों को उनके ज्ञान, क्षमता और अनुभव के आधार पर पद सौंपा जाता है। जिसे वे अपनी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाते हैं। तथा अपने धर्म के अस्तिव को बचाने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Qadi
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Mufti
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Imam
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Ulama
5. https://en.wikipedia.org/wiki/Hajji_(disambiguation)
6. https://en.wikipedia.org/wiki/Mawlawi_(Islamic_title)
7. http://islamqa.org/hanafi/askimam/29679
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