वर्तमान समय में यातायात का सबसे तीव्र साधन हवाई जहाज से आज हर कोई सफर करना चाहता है। इस विमान को बनाने में प्रमुख भूमिका ऑरविल और विल्बर (1903) नाम के दो बंधुओं की रही है, इनके द्वारा 1903 में पहला संचालित विमान तैयार किया गया तथा पहली संचालित उड़ान 1904 में न्यूजीलैंड में रिचर्ड पियर्स द्वारा भरी गयी। धीरे धीरे यह विश्व स्तर तक फैला और अनेकों रिकॉर्ड बनाए गये। यदि हम भारत की बात करें, तो भारत में पहली हवाई यात्रा (18 फरवरी, 1911) बहुत रूचिकर रही है, क्योंकि इसमें फ्रांसीसी पायलट मोनसियर हेनरी पिगुएट ने 6500 डाक लेकर इलाहबाद से नैनी (10 किमी) के लिए उड़ान भरी, जो विश्व की पहली डाक यात्रा बनीं। इसी वर्ष (1911) न्यूजीलैंड में पहले बिना इंजन वाले विमान ने उड़ान भरी। 1940 के दौरान न्यूजिलैंड में वायुयान की सहायता से कृषि कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया था। ध्वनि से दुगना तीव्र गति से चलने वाले कॉनकॉर्ड ने 1976 में अपनी पहली यात्री सेवा प्रारंभ की।
भारत का पहला आंतरिक हवाई मार्ग (1912) ब्रिटिश इंपीरियल एयरवेज की सहायता से भारतीय राज्य वायु सेवा द्वारा दिल्ली से करांची के लिए खोला गया। भारत की पहली एयर लाईन, टाटा संस लिमिटेड ने 1915 में करांची और मद्रास के मध्य एक नियमित एयरमेल सेवा शुरू की। 1946 में टाटा एयरलाइंस ने 'एयर इंडिया' के रूप में अपना नाम परिवर्तित किया। स्वतंत्रता के दौरान भारत में नौ वायु परिवहन कंपनियां थीं, जिनमें से एक ओरिएंट एयरवेज स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान स्थानांतरित हो गयी तथा शेष भारत में यात्रियों को ले जाने और अन्य सामाग्री ले जाने के लिए कार्य करती रहीं। एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड 1948 में पहली अंतर्राष्ट्रीय सेवा (बॉम्बे और लंदन के बीच) प्रदान करने वाली कंपनी बनी। भारत की पहली व्यवसायिक उड़ान (मालाबार प्रिंसेस) एयर इण्डिया द्वारा दिल्ली से लंदन भेजी गयी, जिसका विडियो आप ऊपर देख सकते है। वर्तमान समय में भारत विश्व का नौवां सबसे बड़ा विमानन माक्रेट है, जिसके पास 90 परिचालन हवाई अड्डे, 1,180 एयरक्राफ्ट, 303 हेलीकॉप्टर, 11 परिचालन अनुसूचित एयरलाइंस तथा 133 गैर-अनुसूचित परिचालक हैं। एक अनुमान के अनुसार 2020 तक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन बाजार बन जाएगा, जो लगभग 300 मिलियन यात्रियों को विमान सेवा प्रदान करेगा।
चलो जानते हैं इस विशाल नेटवर्क के एक हिस्से लखनऊ एयर पोर्ट के विषय में। इस एयर पोर्ट को सरकारी ऑफिसरों के लिए प्रारंभ किया गया था, लेकिन यात्रियों की संख्या बढ़ते देख AAI (Airports Authority of India) ने इसका विस्तार करने का निर्णय लिया। भारत सरकार द्वारा इस एयरपोर्ट को 17 जुलाई 2008 में चौधरी चरण सिंह (भारत के पांचवे प्रधानमंत्री) हवाई अड्डे का नाम दिया गया। वर्ष 2012 में इसे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया गया। वर्ष 2013 में इसे जौधपूर एयरपोर्ट के साथ AAI द्वारा बेस्ट एयरपोर्ट का पुरूस्कार दिया गया। यह वर्तमान समय में यह लगभग 4 मिलियन यात्रियों को सेवा प्रदान कर रहा है।
1.https://www.sciencelearn.org.nz/resources/1691-a-progression-of-flight-timeline
2.http://www.apaoindia.com/?page_id=185
3.http://ashwinnaik.com/blog/history-of-airlines-in-india/
4.https://www.airindiacollector.com/
5.https://en.wikipedia.org/wiki/Chaudhary_Charan_Singh_Airport
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