बहुमुखी प्राकृतिक गुणों का धनि पुदीना आज विश्वस्तर पर उत्पादित किया जाता है, इसकी विश्व में अनेकों प्रजातियां पायी जाती हैं। पुदीने का उपयोग चिकित्सा और व्यवसाय के क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है। पुदीने की बढ़ती मांग उत्तर प्रदेश (पुदीना उत्पादक राज्य) के लिए काफी सहायक सिद्ध हो रही है यह विदेशों तक निर्यात किया जा रहा है, जो यहीं नहीं वरन् भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी शुभ संकेत है। उद्योग के क्षेत्र में पुदीना की बढ़ती मांग पर एक नजर डालते हैं:
भारत पुदीने का प्रमुख उत्पादक है, यहाँ पर हर प्रकार के पुदीने की खेती होती है, जैसे कि मेन्था अर्वेन्सिस, मकई पुदीना (या जापानी पुदीना)। भारत में, उत्तर प्रदेश में 90% भारतीय पुदीने का उत्पादन होता है, शेष 10% पंजाब, राजस्थान आदि के छोटे क्षेत्रों में होता है। क्या आप जानते हैं व्यवसाय के रुप में पुदीने से कॉस्मेटिक्स-टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, शैंपू, च्यूइंगम्स, घरेलू सफाई उत्पादों आदि में मिंट का उपयोग किया जाता है। लेकिन पुदीने की घटती फसल को देखते हुए मार्स व्रिगली कन्फेक्शनरी (एमडब्ल्यूसी) द्वारा उत्तर प्रदेश में शुभ मिंट कार्यक्रम कि स्थापना की गई, आइए हम आपको इसके बारे में बताएं।
पुदीना दुनिया भर में 700 मिलियन डॉलर उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन बहुमूल्य फसल का उत्पादन करने वाले कई किसान वर्तमान समय में भी एक एकड़ जमीन से भी कम जमीन पर पुरानी तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। किसानों की तरक्की के लिए एमडब्ल्यूसी (जो अपने उत्पादों में पुदिना का उपयोग करता है) ने भारत में पुदीना खेती की दीर्घकालिक व्यवहार्यता में सुधार के प्रयास में शुभ मिंट कार्यक्रम को गैर-लाभकारी एग्रीबिजनेस सिस्टम्स इंटरनेशनल (एएसआई) के साथ साझेदारी कर स्थापित किया। इसको आधिकांश लोग एडवांसमिंट के नाम से भी जानते हैं, इसका उद्देश्य पुदिना संयंत्र विज्ञान को आगे बढ़ाने और किसानों और उनके समुदायों का समर्थन करना है, कार्यक्रम 20,000 से अधिक छोटे कृषकों को मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और जल-तनाव वाले क्षेत्रों में पानी की खपत को कम करने के लिए प्रशिक्षित करने का प्रयास करता है। पिछले साल, 68 गांवों में 2,645 किसानों को प्रशिक्षण मिला और नतीजतन, उनकी औसत पैदावार में 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि औसत निविष्ट लागत में 23 प्रतिशत की कमी आई है। 2018 में, एमडब्ल्यूसी और एएसआई द्वारा 7,500 से आधिक किसानों तक पहुंचने का प्रयास करेगी और इनका समर्थन भी जारी रखेगी।
शुभ मिंट "स्वस्थ गृह और संपन्न लोगों" का समर्थन करने के लिए मार्स व्रिगली कन्फेक्शनरी की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है और इसके सतत के माध्यम से विकास करने का एक तरीका है।
1.https://www.confectionerynews.com/Article/2017/11/17/Mint-sustainability-Wrigley-boosts-supply-of-critical-ingredient
2.https://www.kancor.com/mentha-arvensis-oilcornmint-oil/
3.http://indiaeducationdiary.in/shubh-mint-launched-uttar-pradesh-program-aims-train-20000-farmers-increase-yields-empower-agricultural-communities/
4.https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/lucknow/other-news/amp39shubh-minhtamp39-boosts-farmersamp39-profits/articleshow/61687091.cms
5.https://tanagerintl.org/2017/11/15/tanager-and-mars-wrigley-confectionery-launch-shubh-mint-in-india/
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