लखनऊ के सुंदर चारबाग रेलवे स्टेशन का इतिहास

लखनऊ

 25-08-2018 11:40 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

चारबाग रेलवे स्टेशन भारत के सबसे खूबसूरत रेलवे स्टेशनों में से एक माना जाता है। वास्तव में यह एक रेलवे स्टेशन से कहीं अधिक है, इस इमारत नें एक शताब्दी के इतिहास के साथ साथ सुंदर भारत-ब्रिटिश वास्तुकला शैली के मिश्रण को अपने भीतर संजोया हुआ है। इस इमारत को जे.एच. हॉर्निमन (J.H. Horniman) द्वारा डिजाइन किया गया है। लाल और सफेद रंग में रंगी हुई यह शानदार रचना बाहर से राजपूतों के महल की तरह दिखती है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्टेशन की वास्तुकला शैली इतनी आश्चर्यजनक है कि स्टेशन के बाहर खड़ा व्यक्ति आने वाली या जाने वाली ट्रेनों की आवाज़ सुनने में लगभग असमर्थ होता है।

पहले के उत्तरी रेलवे को "EIR" (ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी) कहा जाता था, लेकिन कुछ लोगों को याद है कि हल्दवानी और टनकपुर में लखनऊ तथा हिमालय पर्वत बेस एंट्री के बीच स्थापित पहली रेलवे प्रणाली को "अवध तथा रोहिलखंड" रेलवे के नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश सरकार द्वारा अधिकृत यह एक निजी रेलवे कंपनी थी। 21 मार्च, 1914 को बिशॉप जॉर्ज हरबर्ट द्वारा इस इमारत की नींव रखी गई थी और बाद में 1923 में इसे फिर से बनाया गया था। 23 अप्रैल 1867 को, 47 मील लम्बा लखनऊ-कानपुर खंड यातायात के लिए खोला गया था। यह अब अवध रोहिलखंड रेलवे का हिस्सा बन गया। यह वही जगह है जहां गांधीजी पहली बार जवाहर लाल नेहरू से मिले थे और 26 दिसंबर 1916 से 30 दिसंबर 1916 तक उन्होंने चारबाग रेलवे स्टेशन पर आयोजित कांग्रेस के विधान-सभा के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया तथा भारतीय श्रमिकों को विदेश भेजने से रोकने के लिये अपना प्रस्ताव रखा था।

कहते हैं कि केवल कवि ही ऐसे होते हैं जो अपने शब्दों के माध्यम से एक निर्जीव वस्तु को भी जिंदा कर देते हैं, ऐसे ही कुछ थे “मजाज़ लखनवी” इनका पूरा नाम असरार उल हक़ 'मजाज़' था। इसका जन्म 19 अक्टूबर 1911 में उत्तर प्रदेश के रूदौली में हुआ था। उन्हीं की रेल पर लिखि एक गजल “रात और रेल” हम आपको सुनाते हैं, नीचे दिए गए विडियो में गौहर रजा जी ने अपनी आवाज देकर इस गजल और निखार दिया है।

हालांकि, शहर में अन्य रेलवे स्टेशन भी हैं जैसे आलमनगर, बादशा नगर, सिटी स्टेशन, डालीगंज, गोमती नगर, काकोरी, आदि लेकिन बीते वक्त की यादें केवल चारबाग रेलवे स्टेशन से ही जुड़ी हुई है। पास में स्थित खम्मन पीर बाबा की दरगाह के बाहर निकलने वाले द्वार के पास एक पुराना रेलवे इंजन खड़ा है, जो हमें आज भी भाप के इंजनों के दिन याद दिलाता है। आज यह स्टेशन 194 स्टेशनों के माध्यम से 1,458.94 किमी के कुल मार्ग के साथ देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के 13 जिलों के रेल परिवहन आवश्यकता को पूरा कर रहा है। आज यह स्टेशन 194 स्टेशनों के माध्यम से 1,458.94 किमी के कुल मार्गों के साथ देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के 13 जिलों की रेल परिवहन आवश्यकता को पूरा कर रहा है।

संदर्भ:

1. https://lucknowobserver.com/charbagh-100-year-story-of-charm-nostalgia/
2.https://youtu.be/NkjKqAw7fwo
3.https:kafila.online20101129asrar-ul-haq-majaaz-majaz-birth-centenary
4.https://en.wikipedia.org/wiki/Lucknow_Charbagh_railway_station



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id