प्रौद्योगिकी के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले हैं, वहीँ कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप है जो प्रौद्योगिकी में हुए विकास से जन्मा है और इसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के 15 शहर दुनिया में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहरों में आते हैं, इनमें से लखनऊ दुनिया का 7 वां सबसे प्रदूषित शहर माना गया है। आज दुनिया भर में 10 में से 9 लोग उस हवा में सांस लेते हैं जिसमें प्रदूषण का स्तर उच्च है।
वायु प्रदूषण के कारण कई स्किन एलर्जीस (Skin Allergies) हो सकती हैं। इनमें से सबसे आम है मुँहासे, जो वायु प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र में हर दूसरे व्यक्ति को हो जाते हैं। त्वचा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप शहरी इलाकों में रहते हैं और दूषित हवा में हर दिन सांस लेते हैं तो हवा में प्रदूषण के कारण आपको मुँहासे हो सकते हैं।
उनका कहना है कि वायु में फैली अशुद्धियां, मुक्त कण, गंदगी, रासायनिक अशुद्धियां, धूल आदि आपके चेहरे पर इकट्ठा होकर आपकी त्वचा के छिद्रों को अवरुद्ध कर देती हैं। इससे आपकी त्वचा को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है और छिद्र ठीक से साफ नहीं हो पाते हैं। इस कारण आपको मुँहासे हो जाते हैं।
चेहरे पर मुँहासों के होने के कई काल्पनिक कारण बताए जाते हैं, हालांकि इसका वास्तविक कारण बहुत सरल है। आपकी त्वचा के नीचे छिद्र में वसामय ग्रंथि होती है। ये ग्रंथियां एक सीबम (Sebum) नामक पदार्थ का स्राव करती हैं। छिद्र इन ग्रंथियों से एक नस द्वारा जुड़े होते हैं जिन्हें फॉलिकल (Follicle) कहते हैं। ये फॉलिकल त्वचा से अतिरिक्त तेल तथा मृत कोशिकओं को बाहर निकाल देते हैं। परंतु जब त्वचा छिद्र प्रदूषण व अन्य कारण से बंद हो जाते हैं तो फॉलिकल के अंदर की वसामय ग्रंथि बढ़ जाती हैं और वसा एवं मृत कोशिकाओं की अति के कारण भर जाते हैं। इस कारण बैक्टीरिया (Bacteria) भी इसमें पनपने लगते हैं। इस कारण मुँहासे हो जाते हैं और सूजन, इस जीवाणु के संक्रमण के कारण नज़र आने वाली आम प्रतिक्रिया है, जो मुँहासों को "लाल" और सूजा हुआ रुप देती है।
हालांकि इससे बचने के कुछ उपाय भी हैं जिनके उपयोग से आप कुछ हद तक मुँहासों से बच सकते हैं, जैसे - बाहर जाते समय चारों ओर से अपने चेहरे को ढक कर निकलें, त्वचा विशेषज्ञों की सलाह लें, अपनी त्वचा को क्लेन्ज़ (Cleanse), स्क्रब (Scrub) और मॉइस्चराइज़ (Moisturize) करें, हर रोज़ अपने चेहरे को नीम के पानी से धोएं, चेहरे को साफ करने के बाद उस पर एक मॉइस्चराइज़र (Moisturizer) लगाएं आदि।
संदर्भ:
1.https://www.youtube.com/watch?v=25SaAvAd2fs
2.https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5446966/
3.http://www.dailymail.co.uk/femail/article-5652885/Acne-caused-pollution-city-live-in.html
4.https://www.cntraveller.in/story/official-worlds-14-polluted-cities-india/
5.https://en.wikipedia.org/wiki/Pimple
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