लखनऊ रेजीडेंसी के सबसे दुर्लभ ऐतिहासिक चित्र

औपनिवेशिक काल और विश्व युद्ध : 1780 ई. से 1947 ई.
05-08-2018 11:37 AM
लखनऊ रेजीडेंसी के सबसे दुर्लभ ऐतिहासिक चित्र

गोमती नदी के किनारे बसा हमारा लखनऊ शहर पर एक समय अवध के नवाबों द्वारा शासन किया जाता था। लखनऊ के इतिहास में 1850 का दशक काफी महत्त्व रखता है। 1856 में लार्ड दलहौसी के अवध पर कब्ज़े और अवध के आखिरी नवाब, वाजिद अली शाह के निर्वासन ने बहुत उथल-पुथल मचाई और 1857 के विद्रोह के दौरान लखनऊ एक बड़े संघर्ष का दृश्य बन गया। और ग़दर के बाद लखनऊ रेजीडेंसी का क्या हश्र हुआ वो तो हम सभी जानते हैं। रेजीडेंसी का मुख्य द्वार ‘बेली गार्ड गेट’ कहलाया जाता है तथा इसके विषय में आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं- http://lucknow.prarang.in/1803201062

आइये आज देखते हैं कुछ चित्र जो हमें रेजीडेंसी की घेराबंदी से पहले और बाद के हाल दिखाते हैं। घेराबंदी के पहले के चित्र हाथ से बनाये गए चित्र हैं (इलस्ट्रेशन, लिथोग्राफ, क्रोमोलिथोग्राफ आदि) तथा घेराबंदी के बाद के चित्र हाथ से बनाये हुए एवं कैमरे से खींचे हुए, दोनों रूप में उपलब्ध हैं।

घेराबंदी से पहले की रेजीडेंसी दर्शाते चित्र:

1. ‘दी रेजीडेंसी, लखनऊ’, स्रोत: ‘दी इंडियन एम्पायर’- रोबर्ट मोंटगोमेरी मार्टिन (1860)


2. ‘इंडियन म्युटिनी: दी रेजीडेंसी, लखनऊ’, स्रोत: ‘दी इलस्ट्रेटेड लन्दन न्यूज़’ (1858)


3. ‘दी रेजीडेंसी एट लखनऊ’, स्रोत: ‘दी इलस्ट्रेटेड लन्दन न्यूज़’ (1858)


घेराबंदी के बाद की रेजीडेंसी दर्शाते चित्र:

1. ‘दी रेजीडेंसी हाउस’, स्रोत: लिथोग्राफ- सर डेविड डोडसन (1860)


2. ‘दी व्यू फ्रॉम थे रेजीडेंसी’, स्रोत: ‘इंडिया: एनशिएन्ट एंड मॉडर्न’- विलियम सिम्पसन (1867)
प्रस्तुत चित्र में रेजीडेंसी को मुख्य रूप से ना दिखाते हुए रेजीडेंसी से शहर का नज़ारा दर्शाया गया है।


3. ‘दी रेजीडेंसी एट लखनऊ’, स्रोत: एलब्यूमेन प्रिंट- जी.डब्लू. लौरी (1880-1890)

 

संदर्भ:
1.http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00routesdata/1800_1899/1857revolt/lucknowresidency/lucknowresidency.html