निवेश और रोज़गार उत्पादन एक सिक्के के दो पहलू हैं। कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में किसी भी प्रकार से धनराशि का निवेश करता है तो उसके माध्यम से प्रत्यक्ष या आप्रत्यक्ष रुप से रोज़गार उत्पन्न होता है। वर्तमान समय में, बेरोज़गारी भारत में एक अहम मुद्दा बनी हुयी है। वहीं दूसरी ओर जनसंख्या में वृद्धि की तुलना में सरकारी नौकरियाँ कम होती जा रही हैं। नतीजतन, नौकरी के अवसरों और जनसंख्या में वृद्धि के बीच एक बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है, जिसे हम व्यवसाय के माध्यम से कम कर सकते हैं।
वर्तमान समय का शिक्षित वर्ग या अशिक्षित वर्ग दोनों निवेश के माध्यम से रोज़गार के समान अवसर उपलब्ध करा सकते हैं। निवेश आपकी संपत्ति या धन के माध्यम से हो सकता है जिसका उपयोग अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लक्ष्य से किया जाता है। यह लक्ष्य मात्र हमारा व्यक्तिगत ही नहीं वरन् अन्य लोगों के लिए भी लाभदायक हो सकता है। उदाहरणतः हम अपने संचित धन से अपने किसी छोटे या बड़े व्यवसाय को प्रारंभ करने के लिए अन्य लोगों की सेवाएं लेते हैं, तो यह उनके लिए एक रोज़गार का अवसर प्रदान करेगा। इसके माध्यम से हम सरकारी नौकरियों की ओर जा रहे एक बड़े शिक्षित वर्ग को स्वरोज़गार के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और साथ ही राष्ट्रीय आय की वृद्धि में योगदान भी दे सकते हैं।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि हाल ही में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्योगों के विकास के माध्यम से 81 परियोजनाओं में लगभग 2.12 लाख से ज्यादा नौकरी के अवसर पैदा करने की उम्मीद जताई गयी है। कुल 61,846.67 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं के बुनियादी ढांचे, खाद्य प्रसंस्करण और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हैं। भिन्न क्षेत्रों के आधार पर यदि विभाजन करें तो - भारी उद्योग (36%), खाद्य प्रसंस्करण (17%) और आई.टी.-इलेक्ट्रॉनिक्स (11%) को अधिकतम निवेश प्राप्त हुआ है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा बड़ी परियोजनाओं के लिए (आई.टी. और इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित) सबसे अग्रणि निवेश क्षेत्रों में शामिल हैं। फिर भी, सूची में बिजनौर, जौनपुर, हरदोई, शामली, अयोध्या, झांसी, गोरखपुर, बरेली, रामपुर और मिर्जापुर जैसे छोटे स्थानों को भी शामिल किया गया है। यह परियोजना सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती है।
भिन्न परियोजनाओं में निवेश कुछ इस प्रकार है:
1. आई.टी. इलेक्ट्रॉनिक्स की 3 परियोजनाएं 5,000 करोड़ अथवा एक 3,500 करोड़।
2. 6 परियोजनाएं 1200 से 2500 करोड़ के बीच।
3. 8 परियोजनाएं 500 से 800 करोड़ के बीच।
4. 60 परियोजनाएं 2.5 से 350 करोड़ के बीच।
5. सिर्फ 18 परियोजनाएं 100 करोड़ या उससे कम।
अतः इतनी बड़ी मात्रा में निवेश करने का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ एक ही है, और वह है रोज़गार पैदा करना। आखिर एक समृद्ध राष्ट्र की पहचान करने में उसके निवासियों को उपलब्ध रोज़गार का स्तर एक महत्वपूर्ण चिह्न होता है।
संदर्भ:
1.https://www.hindustantimes.com/india-news/81-projects-launched-by-pm-modi-in-up-expected-to-generate-2-12-lakh-jobs/story-dnnhHx8nvppkXLEhb8ovVK.html
2.http://www.imf.org/external/pubs/ft/issues/issues20/
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