लखनऊ भारत का 11वां सबसे घनी आबादी वाला शहर है। क्षेत्रफल के मायने में यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। लखनऊ हमेशा से ही एक बहुसांस्कृतिक शहर के रूप में प्रसिद्ध रहा है। लखनऊ के लोगों की तरह, लखनऊ में बोली जाने वाली भाषाओं में भी काफी विभिन्नता है।
सन 2011 में की गयी जनगणना के भाषाई आंकड़े हाल ही में जारी किये गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि ये आंकड़े सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि शहर के स्तर पर भी जारी किये गए हैं। इन्हीं में से एक रिपोर्ट (Report) में शहर के नागरिकों की मातृभाषा के भी आंकड़े दिए गए हैं। इस जानकारी के लिए शहर के नागरिकों के बीच एक सर्वेक्षण किया जाता है, जहाँ उनसे अपनी मातृभाषा पूछी जाती है। मातृभाषा वह भाषा होती है जो एक व्यक्ति अपने बचपन में अपनी माँ से प्राप्त करता है तथा उसी को सुनते हुए और बोलते हुए बड़ा होता है। माता की अनुपस्थिति में मातृभाषा उसे माना जाता है जिसे एक व्यक्ति बचपन से अपने आस-पास सुनते हुए एवं बोलते हुए बड़ा हुआ है। जो भी जवाब नागरिक से हासिल होता है, उसे बिना किसी पूछताछ के मान लिया जाता है। तो आइये जानते हैं लखनऊ शहर में इन आंकड़ों से क्या जानकारी प्राप्त होती है।
जनगणना 2011 द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक़ लखनऊ शहर में 26,78,783 लोगों (सर्वेक्षित नागरिकों का 88.15%) ने हिन्दी को अपनी मातृभाषा बताया है। वहीँ लखनऊ शहर में 3,04,987 लोग (सर्वेक्षित नागरिकों का 10.04%) उर्दू को अपनी मातृभाषा बताते हैं। यहाँ उर्दू का प्रयोग प्रमुख रूप से लखनऊ के नवाबों द्वारा किया जाता है।
लखनऊ में हिन्दी भाषा का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है। हिन्दी भाषा की प्रसिद्धता का एक कारण है लखनऊ में बढ़ता शहरीकरण। आस-पास के शहर-गाँवों से लोग बड़ी मात्रा में रोज़गार की तलाश में लखनऊ आते हैं तथा अपने साथ अपनी मातृभाषा भी ले आते हैं। साथ ही व्यापार में एवं औपचारिक रूप से हिन्दी भाषा मुख्यत: इस्तेमाल होती है। लेकिन, यहाँ के कई लोग उर्दू भाषा को अपनी शान मानते हैं और इसीलिए सर्वेक्षण में वे उर्दू को अपनी मातृभाषा बताते हैं।
अन्य भाषाओं की बात करें तो लखनऊ शहर में 18,595 लोगों ने पंजाबी को अपनी मातृभाषा बताया (सर्वेक्षित नागरिकों का 0.61%)। वहीं 13,123 लोगों (सर्वेक्षित नागरिकों का 0.43%) ने बंगाली को अपनी मातृभाषा बताया है।
मातृभाषा के बारे में सवाल पूछने पर लखनऊ शहर के नागरिकों द्वारा दिए गए बाकी सभी जवाबों का विभाजन ऊपर दिए गए चित्र में तथा नीचे दी गयी सूची में विस्तार से प्रदर्शित किया गया है। चित्र को स्पष्ट रूप से देखने के लिए ज़ूम (Zoom) करें या चित्र को डाउनलोड (Download) करके देखें। नीचे दी गयी सूची के अध्ययन से दिखता है कि लखनऊ शहर में सर्वेक्षण किये गए कुल नागरिकों की संख्या लखनऊ शहर की 2011 की आबादी से भी अधिक है। इस अंतर पर नीले रंग से रोशनी डाली गयी है।
संदर्भ:
1. जनगणना 2011
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Lucknow
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