संग्रहालय मानव के अतीत को एक संरक्षित तरीके से दिखाने का कार्य करते हैं तथा ये किसी एक स्थान के सम्पूर्ण इतिहास को भी प्रदर्शित करते हैं। भारत भर में कई संग्रहालयों की रचना की गयी है जिनमें राष्ट्रीय संग्रहालय दिल्ली, भारतीय संग्रहालय कलकत्ता, सलारजंग संग्रहालय हैदराबाद, इलाहबाद संग्रहालय इलाहबाद, छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय मुंबई आदि प्रमुख हैं। संग्रहालय किसी एक विद्यालय का ही रूप होते हैं जो कि मानव जीवन से सम्बंधित उपलब्धियों, इतिहास व कला को प्रदर्शित करते हैं जिन्हें देखकर व्यक्ति अपनी धरोहरों और इतिहास के प्रति गर्वान्वित महसूस करता तथा उनके बारे में और गहरे रूप से जानकारी प्राप्त करता है।
जैसा कि ज्ञात हो कि रामपुर रोहिलखंड में आता है तथा रोहिलखंड का इतिहास अति प्राचीन काल तक जाता है। यह प्राचीन क्षेत्र पंचाल का क्षेत्र हुआ करता था। यहाँ पर धरोहरों की अति उपलब्धता है जिसे देश के कई नामी संग्रहालयों में प्रदर्शित किया गया है। पंचाल ग्रीक और ईरानी बसाव के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान था तथा यहाँ से कुषाणों के काल की वृहद् मूर्तियाँ और पुरावस्तुवों की प्राप्ति हुयी है। रामपुर के नज़दीक ही बसा अहिक्षेत्र पंचाल राज्य की राजधानी हुआ करता था जो कि अब टीलों के रूप में यहाँ पर उपस्थित है। इसकी खुदाई से अनेकों पुरासम्पदाओं की प्राप्ति हुयी है। जैसे रोहिल्खंड के इतिहास से जुड़ी हुयी पुरासम्पदाओं और लेखों को रामपुर के रजा पुस्तकालय और संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है तो वहीं रोहिलखंड विश्वविद्यालय में एक ऐसा संग्रहालय भी है जो कि पंचाल की पुरावस्तुओं को प्रदर्शित करने का कार्य करता है।
रोहिलखंड विश्वविद्यालय में सन 1985 में प्राचीन इतिहास और पुरातत्व के विभाग की स्थापना की गयी थी और इस विभाग ने कई खुदाइयाँ और आख्यान करवाए जिसका प्रतिफल यह रहा कि विभाग में कई पुरासम्पदाओं की उपलब्धता हो गयी। यहाँ पर पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना की गयी जिसमें इन सभी पुरासम्पदाओं को दिखाने का कार्य किया जा रहा है। सन 2013-14 में इस संग्रहालय को बड़ा और विकसित बनाने की कवायद शुरू हुयी जिसका प्रतिफल यह हुआ कि यहाँ पर बड़े स्थान पर पुरस्थालों को प्रदर्शित करने का कार्य हुआ। पंचाल संग्रहालय के बारे में कम लोगों को पता है, जिसे सभी को देखना चाहिए क्यूंकि यहाँ पंचाल और रोहिलखंड के इतिहास और पुरातत्व का समुचित प्रदर्शन उपलब्ध है।
संदर्भ:
1.http://mjpru.ac.in/department_ancient_history.html
2.https://timesofindia.indiatimes.com/city/bareilly/Panchala-museum-to-be-open-to-public-from-July/articleshow/47320648.cms
3.https://goo.gl/Wv7Hrc
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.