एक फ़्रांसीसी ने बनाया था अवध का यह नक्शा

लखनऊ

 30-06-2018 03:35 PM
मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

अवध के गौरवशाली और शाही इतिहास के बारे में तो पूरा विश्व जानता है। अवध भारत के गंगा और यमुना नदियों के बीच के उपजाऊ दोआब के नियंत्रण के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था। अवध एक अमीर साम्राज्य था, जो मराठों, अंग्रेजों और अफगानों के खतरों के खिलाफ अपनी आजादी को बनाए रखने में सक्षम रहा। यही कुछ बातें हैं जो भारत के इस भाग को सबसे हटकर बनती हैं। तो चलिए आज देखते हैं अवध के भौगोलिक इतिहास का एक चित्र जो आपने शायद ही कभी देखा होगा।

आज हम आपके सामने एक नायाब नक्शा पेश करने जा रहे हैं। चित्र में दिखाया गया नक्शा बनाया गया था सन 1770 में। इसके रचयिता थे फ़्रांसीसी कर्नल जीन-बैप्टिस्ट-जोसफ-जेंटील। कर्नल जेंटील ने भारत में काफी समय बिताया था। प्रस्तुत नक्शा एक 21 नक्शों के समूह में से एक है जो उन्होंने फैज़ाबाद में रहते हुए 1770 में बनाये थे। सभी नक्शे आधारित थे अबुल फज़ल द्वारा बादशाह अकबर के लिए बनाये गए ऐन-ए-अकबरी पर जिनका अध्ययन कर्नल जेंटील ने अवध में रहते हुए किया था। साथ ही उन्होंने डी एंविल द्वारा बनाये गए नक्शों की भी मदद ली थी। 18वीं शताब्दी के नक्शों में से किसी नक्शे में इतने स्थानों का नाम मौजूद नहीं था जितना कि कर्नल जेंटील के नक्शों में था। ऐसा कहा जाता है कि भौगोलिक दृष्टि से ये नक्शे इतने सटीक नहीं थे क्योंकि उस समय विश्व के बहुत कम स्थानों का सर्वेक्षण हुआ था। उस समय के भारत के ज़्यादातर नक्शे कही-सुनी-लिखी-पढ़ी बातों पर ही आधारित होते थे।

नक्शे में हम लखनऊ को साफ़ देख सकते हैं जिसे गोमती नदी के किनारे दर्शाया गया है। साथ ही एक और रोचक बात पर यदि हम ध्यान दें तो वह ये है कि फैज़ाबाद के नज़दीक ‘अवध’ (Avad) नाम से एक और स्थान चिह्नित है जो असल में वर्तमान का अयोध्या है। नक्शे के शीर्षक के पास जेंटील ने फ़्रांसिसी में कुछ लिखा है जिसका यह अभिप्राय है कि जो लोग अवध नाम से इस स्थान को ना जानते हुए इसे ‘औद’ नाम से जानते हों वे भी समझ जाएं। चित्र के निचले बाएं भाग में हम शेर के शिकार का दृश्य देख सकते हैं। इससे थोड़ा ऊपर की ओर बढ़ें तो भगवान शिव और भगवान विष्णु को भी देखा जा सकता है और साथ ही साथ राम, लक्ष्मण और हनुमान द्वारा रावण को पराजित करते भी देखा जा सकता है। एक और चीज़ जो हमारा ध्यान केन्द्रित करती है वह है इस नक्शे में बनाये गए जानवरों के चित्र जिसमें गंगा के घड़ियाल, एक गेंडा, कुछ हिरन, भैसे, एक गडरिया और उसकी बकरियां, दो पंछी आदि देखे जा सकते हैं। ये चित्र इस बात को दर्शाते हैं कि उस समय अवध के जीव-जगत में कितनी भिन्नता मौजूद थी।

संदर्भ:
1. मैप्स ऑफ़ मुग़ल इंडिया – सूसन गोल



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id