हम तैयार हों या नहीं, लेकिन इसकी शुरूवात हो चुकी है। आने वाले 20 सालों में नैनो टेक्नोलॉजी (Nano Technology) पृथ्वी पर लगभग हर व्यक्ति के जीवन को छुएगी। संभावित लाभ दिमाग चकरा देने वाले और मस्तिष्क को मजबूत करने वाले हैं। लेकिन पृथ्वी के इतिहास में कई महान प्रगतियों की तरह यह भी जोखिम से पूर्ण रूप से आज़ाद नहीं है।
नैनो टेक्नोलॉजी दरअसल नैनोस्केल (1 से 100 नैनोमीटर) में आयोजित विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योयोगिकी है। नैनोसाइंस और नैनो टेक्नोलॉजी बहुत छोटी चीजों का अध्ययन और अनुप्रयोग है। रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग जैसे अन्य सभी विज्ञान क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जा सकता है। नैनो टेक्नोलॉजी द्वारा समाज के सामने आने वाले कुछ जोखिमों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में कोई भी नई तकनीक लाने पर आमतौर पर जोखिम शामिल होता है। हम सभी को किसी भी दवाई के अंदर संभावित दुष्प्रभावों को जानने के लिए उसके पत्ते या मौजूद पुस्तिका पर छापे गये निर्देंशों को ध्यान से पढ़ना होगा। किसी भी नए उपचार को परिचित करने का निर्णय लेने के लिए यह देखना ज़रूरी है कि क्या लाभ जोखिम से अधिक हैं या नहीं। हम बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि शरीर में दवाएं कैसे व्यवहार करती हैं, लेकिन नैनोमेडिसिन (Nanomedicine) जटिलता के अलग स्तर के साथ आती हैं।
नैनोपोल्यूटेंट्स (Nanopollutants) जोखिम- नैनोपॉल्यूटेंट कण इतने छोटे होते हैं कि वे हमारे फेफड़ों में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं या हमारी त्वचा द्वारा सोखे जा सकते हैं। नैनोपॉल्यूटेंट प्राकृतिक या मानव निर्मित हो सकते हैं। नैनोपार्टिकल्स का उपयोग आज घरेलू तौर पर पाए जाने वाले कुछ उत्पादों में किया जाता है। जैसेः एंटी-एजिंग कॉस्मेटिक्स (Anti-ageing cosmetics) और सनस्क्रीन (Sunscreen)। नैनो प्रौद्योगिकी अनुसंधान और विनिर्माण प्रकियाओं में श्रमिकों के लिए सबसे अधिक जोखिम है।
गोपनीयता आक्रमण का जोखिम- नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से निगरानी उपकरणों के माध्यम से सरकार, निगम और नागरिकों की निजी जासूसी की जा सकती है। गलत हाथों में पड़ने से किसी की भी गोपनीय जानकारी को खतरा है।
आर्थिक उथल-पुथल का जोखिम- आण्विक विनिर्माण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक समय में उत्पादों के एक अणु जोड़ा जाता है। नैनोटेक्नोलॉजी से वही उत्पाद बनाया जा सकता है, जो आज आप देखते हैं, वो भी बहुत अधिक सटीक और बहुत कम लागत पर। यह अस्पष्ट है कि क्या यह दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में उछाल या तेजी लाएगा।
नैनोटेक हथियार का जोखिम- नैनो टेक्नोलॉजी के साथ बने हथियार एक सुपर कम्प्यूटर (Super Computer) की बुद्धि के साथ एक कीट से भी छोटे हो सकते हैं।
भविष्य में ग्रे गू (Grey Goo) का जोखिम- स्वतंत्र सीमा, स्व-प्रतिकृति रोबोट, जो सभी जीवित पदार्थों का उपभोग कर सकते हैं। हालांकि संभावना नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह परिदृश्य सैद्धांतिक रूप से संभव है, लेकिन कुछ समय के लिए नहीं। इसके लिए अभी बहुत कम कार्य किये गए हैं।
नैनो टेक्नोलॉजी विज्ञान के कई क्षेत्र हैं, जो समाज के लिए संभावित खतरों के साथ निहित हैं। उदाहरण के लिएः बायो-इंजिनियरिंग (Bio-Engineering) और कृत्रिम बुद्धि अर्थात आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (Artificial Inteliigence), हमारे लिए जोखिम का कारण हो सकते हैं। नैनो मटेरियल अब विभिन्न प्रकार के उत्पादों में आम तौर पर उपयोग किया जाता है, जैसे- खेल का सामान, सौन्दर्य प्रसाधन और इलेक्ट्रॉनिक्स आदि।
नैनो टेक्नोलॉजी एक महत्तवपूर्ण उभरता हुआ उद्योग है, जिसका अनुमानित बाजार लगभग एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। चीन और अमेरिका के बाद भारत नैनो टेक्नोलॉजी में अनुसंधान प्रकाशनों की संख्या में तीसरे स्थान पर है। एक नैनो टेक्नोलॉजी पावर हाउस बनने की दिशा में भारत की उन्नति में एक तत्व की कमी है जो है जोखिम विश्लेषण और विनिमय पर ध्यान देना। हमारे लिए नैनो टेक्नोलॉजी में किए गए अग्रिमों को पूरी तरह से उपयोग करने और क्षेत्र में हमारे नेतृत्व को मजबूत करने के लिए, हमें सार्वजनिक सुरक्षा समेत नियमात्मक तरीके से निर्माण के लिए काम करना चाहिए।
1. https://www.nano.gov/nanotech-101/what/definition
2. http://www.futureforall.org/nanotechnology/risks.htm
3. https://www.theguardian.com/what-is-nano/what-are-the-risks-of-nanotech
4. https://thewire.in/law/why-india-needs-nanotechnology-regulation-before-it-is-too-late
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