अजंता की गुफाएं भारत की सबसे महत्वपूर्ण गुफाओं में से एक हैं। अजंता गुफा श्रृंखला की खोज कोई समुचित अन्वेषण के ज़रिये नहीं हुयी थी परन्तु यह एक अचानक से हुयी खोज थी। अप्रैल 1819 में जॉन स्मिथ एक ब्रिटिश अधिकारी औरंगाबाद में एक बाघ का शिकार करने के लिए आये हुए थे। शिकार के दौरान वे एक बाघ का पीछा करते-करते जंगल में अत्यंत अन्दर तक आ गए और वहां पर झाड़ियों के अन्दर उन्हें एक अजीब सी गुफा दिखाई दी। विचित्र गुफा इस लिए कहा गया है क्यूंकि जॉन स्मिथ को उस गुफा का प्रवेश द्वार बहुत ही अलग सा प्रतीत हुआ था। गुफा के अन्दर जाने पर अनेकों अलंकृत भित्ति चित्र और मूर्तियाँ दिखाई दीं और इस प्रकार भारत की सबसे महत्वपूर्ण गुफा श्रृंखला की खोज हो पायी।
अजंता में कुल 30 गुफाएं हैं जो कि दूसरी सदी ईसा पूर्व से लेकर 7वीं सदी इसवी से सम्बंधित हैं। अजंता की गुफाएँ न ही सिर्फ अपनी मूर्तियों के लिए जानी जाती हैं बल्कि यहाँ की गुफाओं में बनायीं गयी चित्रकारी किसी का भी मन मोहने में सफल हो जाती हैं। अजंता के चित्रों की तकनीकी टेम्परा है जो कि एक अत्यंत उन्नत तकनीकी है चित्रकारी की। अजंता की गुफाएं अपने काल की अति उन्नत तकनीकी की परिचायक हैं। ये गुफाएं बौद्ध भिक्षुओं के लिए वर्षावास के लिए बनायीं गयी थीं। बौद्ध धर्म में वर्षा के काल में भिक्षुओं को विहारों में रहने की बात कही गयी है तथा बौद्ध धर्म में पत्थरों को अत्यंत पवित्र माना गया है। अजंता की गुफाएं घोड़े के खुर की तरह अर्ध चंद्राकार हैं।
आज के दिन अर्थात 21 जून को साल के सबसे बड़े दिन के रूप में देखा जाता है। आज के दिन का सम्बन्ध अजंता की इन सुन्दर गुफाओं से भी है। यहाँ की गुफा संख्या 26 का सीधा सम्बन्ध आज की संक्रांत से है। इस गुफा में बुद्ध की अत्यंत दुर्लभ मूर्ती बनी हुयी है। यह मूर्ती एक स्तूप में लगी हुयी है जो कि बुद्ध के महायान संप्रदाय से सम्बंधित है। यह कहा जाता है कि संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें इस गुफा के अन्दर प्रवेश करती हैं। माना जाता है कि यहाँ बुद्ध खुद लोगों को धम्म का ज्ञान देने की मुद्रा में बैठे हुये हैं। आज के दिन अजंता की यह गुफा अत्यंत तीव्र रूप से प्रकाशमान रहती है तथा इस गुफा में स्वर्ण रुपी प्रकाश फ़ैल जाता है। यह एक संयोग है या फिर तकनीकी, इसका कोई ठोस सबूत हमें नहीं प्राप्त है पर यह अत्यंत ही दुर्लभ है कि संक्रांत की किरणें अजंता की इस गुफा को प्रत्येक वर्ष आज ही के दिन प्रकाशमान कर देती हैं। रामपुर से अजंता गुफाओं की दूरी करीब 1,217.7 किलोमीटर की है जिसे सड़क मार्ग से करीब 25 घंटे में पूर्ण किया जा सकता है।
संदर्भ:
1.https://www.spiritualsun.com/events/summer-solstice-events/summer-solstice-ajanta-caves-in-india
2.http://boredomtherapy.com/buddhist-caves/
3.http://www.nybooks.com/articles/2014/10/23/greatest-ancient-picture-gallery/
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