108 एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंक है भारतीय दर्शन, समाज और धर्म में। कई देवी देवताओं के नाम इसी के आधार पर रखे गये हैं जैसे दुर्गा के 108 नाम आदि। पूजा के दौरान फेरी जाने वाली माला में भी 108 दाने ही होते हैं जो यह प्रदर्शित करते हैं कि यह अंक अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। कई प्रकार की पूजा में देवी देवताओं के नाम का जाप भी 108 बार ही किया जाता है। इसके अलावा 108 चक्र, 108 शक्ति पीठ, 108 शुभ बौद्ध प्रतीक आदि भी हैं। यदि भारत में 108 शुभ अंक को देखें तो यह मात्र हिन्दू धर्म में ही शुभ नहीं है बल्कि बौद्ध, जैन, सिख, आदि तथा अन्य तमाम धर्मों में जिनका जन्म भारत से हुआ है।
मानव शरीर और ब्रह्माण्ड का एक अहम सम्बन्ध है। यह दोनों आपस में जुड़े हुए हैं। दा विन्ची ने मनुष्य और ब्रह्माण्ड के मध्य सम्बन्ध स्थापित करता एक चित्र बनाया था परन्तु वे 108 की सटीकता से काफी दूर प्रतीत होते हैं। अब 108 के अन्य मापों को देखते हैं, सूर्य और पृथ्वी के मध्य की दूरी (92.96 मिलियन मील) सूर्य के व्यास की लगभग 108 गुना है और पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच की दूरी (238900 मील) भी चन्द्रमा के व्यास की 108 गुना ही है। प्राचीन भारत में यह मानव-ब्रह्माण्ड का सम्बन्ध एक महत्वपूर्ण सहसंबंध था। इस महत्ता का अन्तर्निहित आधार हिन्दू ज्योतिष विज्ञान और संस्कृत भाषा की सटीकता है। वर्ष में दो बार यह मानव-ब्रह्माण्ड का सम्बन्ध अपने चरम पर होता है और साथ ही यह सम्बन्ध इस बात पर निर्भर करता है कि आप धरती पर कहाँ स्थित हैं। ये दो अवसर होते हैं – ग्रीष्मकालीन संक्रांति और शीतकालीन संक्रांति।
संक्रांति एक खगोलीय घटना होती है जो कि वर्ष में दो बार होती है एक गर्मियों में और दूसरी सर्दियों में। यह घटना तब घटती है जब सूर्य उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव से देखा जाता है और जब यह अपनी सबसे ज्यादा उंचाई पर पहुँच जाता है। यह दिन आज यानी 21 जून को प्रत्येक वर्ष आता है। यही कारण है कि गर्मियों का सबसे लम्बा दिन 21 जून को ही माना जाता है, सर्दियों की संक्रांति इसके बिलकुल उलट होती है। वहां पर 22 दिसम्बर को संक्रांति का आगमन होता है और वह वर्ष का सबसे छोटा दिन होता है। आज के दिन यानि कि 21 जून को उत्तरी गोलार्ध पर सबसे ज्यादा रौशनी पड़ती है जो एक कारण है कि यह दिन अन्य दिनों से ज्यादा बड़ा होता है। ग्रीष्मकालीन संक्रांति को अलास्का में सबसे ज्यादा महसूस किया जाता है। कारण कि यहाँ पर पूरे 24 घंटे सूर्य की रौशनी रहती है। भारत में भी आज का यह दिन अन्य दिनों से लम्बा होता है तथा सूर्य की ऊष्मा हमें ज्यादा संख्या में प्राप्त होती है।
1.https://www.indiatoday.in/education-today/gk-current-affairs/story/summer-solstice-15390-2016-06-21
2.http://kethooda.com/index.php/events/longest-day-of-the-year-in-india
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.