पुरानी कैसेट या नया एमपी3 (MP3), किसकी धुन है बेहतर?

लखनऊ

 20-06-2018 02:35 PM
ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

संगीत मानव जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है तथा यह मानव जीवन में पाषाणकाल से ही उपस्थित है। हम जब पाषाण कालीन गुफा चित्रों को देखते हैं तो उनमें भी नृत्य आदि के प्रमाण हमें प्राप्त होते हैं। उन चित्रों से हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि मानव संगीत को लेकर उस काल में भी अत्यंत सजग हुआ करता था। वर्तमान काल में हम जब आदिवासी संस्कृति को देखते हैं तो वहां पर भी हमें संगीत का एक महत्वपूर्ण प्रमाण देखने को मिलता है। लखनऊ कई प्रकार के संगीत का गढ़ रहा है और यहाँ पर ख़याल गायकी अपने चरम पर पहुँची थी। लखनऊ में संगीत की परंपरा यहाँ की नब्ज़ में देखने को मिलती है, शायरियां, कवितायें, संगीत यहाँ की तहजीब में बसे हुए हैं।

आज वर्तमान में भारत में इन्टरनेट युग तेज़ी से विस्तार कर रहा है जिसका प्रभाव संगीत पर भी पड़ा है। सड़क पर चलते हुए भी हमें अक्सर देखने को मिल जाता है कि युवा वर्ग अपने कान में मोबाईल चालित इयरफोन लगाये हुए नजर आ जाते हैं। आज कल के ऑडियो गाने इन्टरनेट से डाउनलोड कर के या ऑनलाइन सुने जाते हैं। ये गाने एमपी 3 (MP3) प्रारूप में होते हैं, यह प्रारूप यदि देखा जाये तो काफी आधुनिक है तथा यह प्रारूप डिजिटल (Digital) युग का प्रथम प्रारूप नहीं है। एमपी 3 से पहले एम.आई.डी.आई. (MIDI) और डब्ल्यू.ए.वी. (WAV) लोकप्रिय डिजिटल संगीत प्रारूप थे। आज हम डिजिटल गाने ही सुनते हैं लेकिन इसके पहले क्या व्यवस्था थी गाने सुनने की?

इस प्रश्न का उत्तर यह है कि उस काल में गाने की रिकॉर्डिंग का प्रारूप एनालॉग (Analog) था जो कि आजकल डिजिटल में परिवर्तित हो चुका है। पहले गाने आज की तरह छोटे मेमोरी कार्ड में ना होकर सी.डी., डी.वी.डी., एल.पी. आदि में हुआ करते थे। एनालॉग और डिजिटल में फर्क मुख्यतः आवाज़ के ऊपर किया जाता है कि कौन सी आवाज़ मानव कानों को अधिक साफ़ तरीके से और व्यवस्थित रूप से सुनाई देती है। भारत में 30 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को कैसेट या एल.पी. के संगीत के बारे में अधिक ज्ञान है। आइये जानते हैं कि एनालॉग और डिजिटल ध्वनि में क्या अंतर है?

एनालॉग संगीत एक स्रोत से दूसरे स्रोत में भेजने पर अपनी वास्तविक गुणवत्ता खो देता है, वहीं डिजिटल संगीत को कितनी भी बार किसी अन्य माध्यम पर भेजा जाए पर यह अपनी गुणवत्ता नहीं खोता है। एनालॉग ध्वनि डिजिटल के मुकाबले में अधिक बेहतर तरीके से रिकॉर्ड होती है, हालाँकि एनालॉग में चुम्बकीय पट्टियाँ होती हैं जिनमें रिकॉर्डिंग छपी होती है जिसमें कुछ अपूर्णताएँ हो सकती है जो कि कभी-कभी कुछ शोर मचाने का कार्य करती हैं। यदि ध्वनि के पुनर्निर्माण की बात की जाए तो डिजिटल माध्यम को आसानी से पुनर्निर्मित किया जा सकता है और एनालॉग ध्वनि को शारीरिक रूप से रिकॉर्ड किया जाता है। एनालॉग संगीत के निर्माण के समय यदि कोई धूल की परत, खरोंच आदि आ जाती है तो प्रत्येक स्थान पर यह भिन्न आवाज निकालता है और वहीं डिजिटल संगीत में इस प्रकार की दिक्कतों को नहीं देखा जाता है। एनालॉग प्लेबैक द्वारा उत्पादित ध्वनि तरंग एक अच्छी गुणवत्ता वाली डिजिटल फ़ाइल की तुलना में बेहतर हो सकती है। इन दिनों डिजिटल रिकॉर्ड के प्लेबैक का उपयोग करके ही एल.पी. पर भी संगीत रिकॉर्ड किए जाते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि एनालॉग एक भौतिक प्रक्रिया को पकड़ता है जबकि डिजिटल संगीत सूचना को सीमित करने के लिए और प्रक्रिया को कम करने के लिए गणित का उपयोग करता है। ध्वनि की गुणवत्ता कई कारकों पर निर्भर करती है, और निश्चित रूप से यह कहना असंभव है कि या तो एनालॉग या डिजिटल मौलिक रूप से बेहतर है।

संदर्भ:
1.https://www.klipsch.com/blog/digital-vs-analog-audio
2.https://blogs.scientificamerican.com/observations/which-sounds-better-analog-or-digital-music/



RECENT POST

  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र व प्रादेशिक जल, देशों के विकास में होते हैं महत्वपूर्ण
    समुद्र

     23-11-2024 09:29 AM


  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id