वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अंग है। वेतन आयोग का गठन समय-समय पर सरकार द्वारा कर्मचारियों के वेतन, भत्तों व पेंशन आदि में फेर बदल आदि के लिए किया जाता है। अब तक भारत में कुल 7 वेतन आयोगों का गठन हो चुका है। भारत का पहला वेतन आयोग भारत की आजादी के भी एक वर्ष पहले ही गठित हुआ था। यह वेतन आयोग जनवरी सन 1946 में गठित हुआ था। प्रत्येक वेतन आयोग का एक अध्यक्ष होता है। भारत के पहले वेतन आयोग के अध्यक्ष श्रीनिवास वरदाचरियार थे। दूसरा वेतन आयोग 1957 में हुआ था। यह आजादी के 10 वर्ष बाद गठित हुआ था। तीसरा वेतन आयोग एक अत्यंत महत्वपूर्ण सैद्धांतिक आयोग था। यह आयोग सन 1970 में गठित हुआ था। यह आयोग सरकार द्वारा वेतन के निर्धारण के ढाँचे के निर्माण के लिए जाना जाता है। चौथा वेतन आयोग सन 1983 में गठित हुआ था। पांचवा वेतन आयोग सन 1994 में गठित हुआ था। 6ठे वेतन आयोग की स्थापना सन 2006 में की गयी थी। इस आयोग में वेतन के बढ़ाने पर जोर दिया गया था। सातवें वेतन आयोग का गठन 2013 में हुआ था परन्तु इसकी रिपोर्ट 2015 में सौंपी गयी थी। सातवें वेतन आयोग में सबसे कम बढ़त देखने को मिली।
वेतन आयोग के गठन और इसकी कार्य प्रणाली को स्थापित करने के लिए कुछ प्रमुख बिन्दुओं को ध्यान से देखा जाता है। साधारणतया वेतन आयोग का अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश ही बनाया जाता है। आयोग के गठन में कुल 5-6 सदस्यों का समूह होता है जिसमें अर्थशास्त्र और अन्य विषयों के जानकार लोग होते हैं। आयोग विभिन्न विभागों के लोगों की समस्याओं को सुनता है और उनके सुझावों को आमंत्रित करता है। आई.ए.एस. अधिकारीयों से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारी आयोग को ज्ञापन देने का कार्य करते हैं। वेतन आयोग के गठन में करीब 2 वर्ष का समय लगता है जिसमें विभिन्न विभागों द्वारा दी गयी दलीलें सुनी जाती हैं और उन्हें फिर सरकार को सौंपा जाता है। सरकार अपने अनुसार विज्ञप्ति में लिखी गयी बिन्दुओं पर संशोधन करती हैं या उसको सीधे मान लेती है। सरकार द्वारा कितना भुगतान किया जाना संभव है, इसके आधार पर आयोग कार्य करता है। कई ऐसे मामले सामने आये हैं जहाँ पर बिना वित्तीय ज्ञान के आयोग की बात मान ली गयी और सरकार के खजाने में कमी थी। कई बार यह बात होती है कि क्या वेतन आयोग मात्र वेतन बढ़ाने का ही कार्य करता है या अन्य कार्य भी करता है। वेतन आयोग में समानता, निष्पक्षता, पदोन्नति आदि के विषय में बातें की जाती हैं।
सातवाँ वेतन आयोग अभी हाल ही में गठित हुआ तथा इसमें कई बातें रखी गयी थीं जैसे कि वेतन भत्ते और पेंशन आदि में 23.55% की वृद्धि। खजाने को ध्यान में रखकर आयोग ने मूल वेतन में 14.27% वृद्धि की बात रखी है जो यदि देखा जाए तो आज तक के वेतन आयोग की सबसे कम वृद्धि है। इस वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों की कमाई में बढ़ोतरी देखने को मिली। पेंशन पाने वालों को इस आयोग में एक स्थान दिया गया तथा 6,000 से 18,000 तक की बढ़ोतरी सेवानिवृत्त के पेंशन में जोड़ा गया है। वेतन आयोग कई बिन्दुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न सिफारिशों को पेश करता है।
1.http://www.dnaindia.com/business/report-7th-pay-commission-good-news-for-50-lakh-employees-likely-to-come-in-august-2624227
2.https://www.financialexpress.com/money/7th-pay-commission-modi-government-takes-big-decision-for-23-lakh-retired-teachers-non-teaching-staff/1202797/
3.https://www.punjabkesari.in/national/news/when-set-up-on-the-first-commission-learn-some-important-things-488564
4.https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%81_%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF_%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%A8_%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97
5.https://www.facebook.com/permalink.php?id=270079749824952&story_fbid=383185308514395
6.https://en.wikipedia.org/wiki/Pay_Commission
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