अनेकों वर्षों में मनुष्य का विकास

लखनऊ

 04-06-2018 01:57 PM
जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

पृथ्वी के जीवन योग्य होने के बाद से ही यहाँ पर एक-कोशिकीय जीवों का जन्म होना चालू हो गया था। इन छोटे जीवों के बाद पृथ्वी पर बड़े और विशालकाय जीवों का आगमन शुरू हुआ। ये बड़े जीव जमीन ही नहीं अपितु जल में भी उत्पन्न होना शुरू हो गए जैसे कि मेगालोडॉन शार्क जो आज की सबसे बड़ी शार्क मछलियों से भी कहीं ज्यादा बड़ी हुआ करती थी, करीब 16 मीटर लम्बी। जमीन पर बड़े विशालकाय डायनासोर, मैमथ आदि हुआ करते थे। ये जीव करीब 23 मिलियन साल पहले हुआ करते थे जब पृथ्वी पर शुरूआती ‘मिओसीन’ (Early Miocene) काल हुआ करता था तथा ये करीब 2.6 मिलियन साल पहले तक पृथ्वी पर रहे थे जो कि ‘प्लिओसीन’ (Pliocene) काल के नाम से जाना जाता है।

मानव का आगमन पृथ्वी पर अत्यंत देर से हुआ था। मानव का सबसे प्राचीन साक्ष्य करीब 3 लाख 15 हजार वर्ष पहले का है जहाँ पर यह पता चलता है कि मानव का विकास होना शुरू हो गया था। ये साक्ष्य अफ्रीका से प्राप्त हुए हैं। मानव के पूर्वजों को विभिन्न आधारों पर बांटा गया है तथा उनकी तिथि भी अलग-अलग है जैसे मानव के पूर्वजों को महान कपि से जोड़ा जाता है जो कि गुरिल्ला, चिम्पांजी, आरंगुटान आदि हैं। इनकी तिथि करीब 15 मिलियन वर्ष पूर्व तक जाती है। परन्तु प्रारंभिक मानव के रूप में यदि देखा जाए तो यह अफ्रीका से मिले जीवाश्म के आधार पर 3 लाख वाला आंकड़ा अत्यंत समीचीन बैठता है। ये दोनों दो नामों से जाने जाते हैं 1- होमोनिन तथा 2- होमो। होमोनिन में ऑस्ट्रेलोपीथेकस (Australopithecus) को लिया जाता है और होमो में नियन्डरथल (Neanderthal) को। वर्तमान मानव होमो सैपियंस (Homo Sapiens) नाम से जाने जाते हैं। मानव के विभिन्न महत्वपूर्ण पूर्वजों को निम्नलिखित रूप से जाना जाता है-

1. ऑस्ट्रेलोपीथेकस अफारेन्सिस (Australopithecus Afarensis)
2. होमो हबीलिस (Homo Habilis)
3. होमो एरेक्टस (Homo Erectus)
4. होमो नियन्डरथलएन्सिस (Homo Neanderthalensis)
5. होमो सैपियंस (Homo Sapiens) आदि।

मानव का विकास लाखों साल की क्रमिक प्रक्रिया का फल है। शुरूआती काल में मानव अपने अंगूठे का प्रयोग ज्यादा नहीं करता था। फिर धीरे-धीरे उसमें बदलाव आये और वह अपने अंगूठे का प्रयोग करने लगा। इसी प्रकार से मानव के शरीर में भी अनेकों बदलाव आये जिसका स्वरुप यह है कि आज हमारा शरीर इस प्रकार से कार्य करता है। वैसे तो रामपुर से मानव के शुरूआती समय के कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं होते परन्तु मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी घाटी से हथनोरा नामक स्थान से मानव का जीवाश्म प्राप्त हुआ है। रामपुर तराई के क्षेत्र में बसा हुआ है तथा इसके समीप ही शिवालिक पर्वतमाला है। शिवालिक पर्वतमाला से शिवापीथेकस के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं जो कि शुरूआती मानव का ही एक प्रकार हैं। इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि मानव किस प्रकार से विश्व के अलग-अलग स्थानों पर विकसित हुआ है।

1. इंडिका- प्रणय लाल
2. एवोल्युशन ऑफ़ लाइफ- रंधावा
3. https://www.britannica.com/science/human-evolution
4. https://www.britannica.com/topic/Sivapithecus
5. https://en.wikipedia.org/wiki/Megalodon



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id