तोता सबसे खूबसूरत पंक्षियों में से एक माना जाता है तथा यह पक्षी दुनिया भर में विभिन्न प्रकार से पाए जाते हैं। लाल, हरे आदि रंग के तोते दुनिया भर में पाए जाते हैं। तोते को खूबसूरत होने कारण ही इसको सबसे ज्यादा पालतू बनाया जाता है। हम अपने आस पास तोतों को पिंजरे में बंद देखते हैं। तोतों के अन्दर एक यह भी खासियत होती है कि ये मनुष्यों की तरह कुछ शब्द बोलने की क्षमता रखते हैं। यह भी एक कारण है इनके पालतू होने का। तोता भारत में प्राचीन काल से ही पालतू बनाया जाने वाला पक्षी है। इससे जुड़ी कई कहानियाँ हमको विभिन्न किताबों में दिखाई देती हैं। नूरजहाँ के हाथ में भी तोते का चित्रण हमें दिखाई देता है। तोता पक्षियों में सिटैसिफ़ॉर्मीस गण के सिटैसिडे कुल से सम्बंधित पक्षी हैं। यह मुख्य रूप से गरम देशों में पाया जाता है। भारत में पाया जाने वाला हरा तोता सबसे ज्यादा आम तोता है। यह अफ्रीका से लेकर भारत और बर्मा तक पाया जाता है। तोते मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से सम्बंधित हैं।
काकातुआ और मकाउ तोते बड़े कद के तोते होते हैं और इनकी छोटी प्रजाति में यदि देखा जाए तो रोजेला, काकाटील आदि छोटे कद के तोते होते हैं। काकातुआ तोता अत्यंत खूबसूरत होता है। यह सफ़ेद रंग का होता है, वहीं मकाउ तोते नीले रंग के होते हैं। तोते का मुख्य स्थान पेड़ों के कोटरों में होता है तथा ये पक्षी झुण्ड में रहने के आदि होते हैं। तोते का अंडा सफ़ेद रंग का होता है तथा एक बार में एक मादा तोता 1-12 अंडे देती है। उत्तर भारत में हम हरे रंग के देशी तोतों की दो प्रजातियाँ पाते हैं एक वो जिनका शरीर हरा, दुम के पर पीले-हरे, चोंच लाल, ठोड़ी पर काला धब्बा होता है। ये लम्बाई में 41 सेंटी मीटर के होते हैं। दूसरे वो जिन्हें लालटूइया या लाल सिरा भी कहा जाता है। फर्क इन तोतों में बस इतना होता है कि इनकी चोंच लाल नहीं नारंगी रंग की होती है और गर्दन बैगनी रंग की होती है। इनकी आँख सफ़ेद और गुलाबी दोनों रंग की होती है और इनका पैर गुलाबी रंग का होता है।
एक तीसरे प्रकार का तोता भी पाया जाता है जो कि भारत, लंका और अंडमान आदि स्थानों में पाया जाता है। रंग ढंग में यह तोता अन्य लिखित दोनों तोतों की तरह ही होता है बस यह आकार में बड़ा होता है और इनके पंख पर गहरे लाल रंग का एक धब्बा सा होता है। इसको बंगाल में चंदना नाम से जाना जाता है, कारण यही है कि लाल धब्बे के कारण ही इसने यह नाम पाया। एक अन्य तोता भी भारत में कई स्थानों पर पाया जाता है, इसका बदन मैना के आकार का होता है। इसका शरीर हरा पर सर पर लाल और नीला होता है, पूँछ के मध्यभाग के पर नीले होते हैं और अग्रभाग सफ़ेद होता है। इनके डैनो पर लाल धब्बे होते हैं। चोंच लाल न होकर नारंगी रंग की होती है। ये तोते मार्च से लेकर मई महीने में अंडे देते हैं। अन्य दिए गए भारतीय तोते उत्तर भारत में मार्च से अप्रैल में और दक्षिण भारत में जनवरी से फरवरी में अंडे देते हैं। इस प्रकार हम देख सकते हैं कि पूरे विश्व में अनेकों प्रकार के तोते पाए जाते हैं जो कि अपने सौंदर्य के लिए प्रख्यात हैं।
1. भारत के पक्षी - राजेश्वर प्रसाद नारायण सिंह
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