अवध के सिक्कों को मध्य भारतीय सिक्कों की श्रेणी में रखा जाता हैं। अवध के सिक्के मोहम्मद अली शाह की हुकूमत (1837-1842) के दौरान बनाए गए थे। यह सिक्के 2 इंच मोटे हैं और इनका व्यास 23 इंच का है। ऐसा विशाल सिक्का काफ़ी दुर्लभ है। इस सिक्के का एक अजीब सा मूल भाव है; अगर इस सिक्के पर गौर से देखें तो एक मछली और उसके ऊपर मुकुट का चित्र गढ़ा हुआ देख सकेंगे। इस चित्र के साथ-साथ दो व्यक्तियों के चित्र भी गढ़े हैं, सिक्के पर कारीगरी साफ़-साफ़ देखी जा सकती है ।
18 वीं सदी में अवध के नवाब को ईस्ट इंडिया कंपनी का साथ मिल गया था, कंपनी ने नवाब को राजा घोषित कर दिया और तोहफ़े में बहुत सी मुद्राओं से नवाज़ा। 2 मछली के चित्र, एक कटार और उनके ऊपर मुकुट वाले प्रतीक को शाही प्रतीक माना गया। इन चित्रों में कभी-कभी बाघ के चित्र भी गढ़े जाते थे मगर बाद में उन्हें जलपरी और मछली के प्रतीक से बदल दिया गया। ‘मछली’ अवध की सत्ता को दर्शाती है और नवाब अपने आप को ‘माहि मुरातिब’ कहते थे। यह प्रतीक साहस, ताकत और शक्ति को दर्शाता था और इसकी ख़ोज अस्ल में फ़ारस के राजा ने की थी, बाद में इसे मुग़लों और नवाबों ने अपनाया। आज भी 2 मछली का चित्र उत्तर प्रदेश राज्य सरकार का प्रतीक है। आज यह दोनों मछलियों का चित्र अलग कर दिया गया है और यह गंगा और यमुना को दर्शाता है।
इन दो मछलियों की प्रतिमा का जलपरी में बदलाव –
लखनऊ शहर में बहुत सी अद्भुत इमारतें हैं। कुछ इमारतों पर बेहद खूबसूरत कारीगरी है तो कुछ के दरवाज़े काफ़ी विशाल हैं। लखनऊ की ही एक ईमारत के दरवाज़े के ऊपर की गई कारीगरी ने राहगीरों का दिल जीत लिया है। यह कारीगरी दो जलपरियों की है और इसे अवध के वास्तु और प्रकार में बनाया गया है। इन्हें माहि-मरातिब कहते हैं। कहानी के अनुसार जब नवाब सआदत अली खान गंगा नदी पार कर रहे थे, तब उनके गोद में एक दो मुँह वाली मछली आ गिरी और उन्होंने इसे एक शकुन माना; मछली के गोद में गिरने के बाद नवाब की ज़िन्दगी का स्वर्ण काल शुरू हो गया। कुछ सालों बाद इस दो मुखी मछली को जलपरी में बदल दिया गया, सजावट के लिए इसे दरवाज़ों के ऊपर गढ़ना शुरू हो गया। यह माना जाता है कि यह जलपरियाँ घर में ख़ुशी के सन्देश लाती हैं। यह कला जापान, चाइना और ईरान (फ़ारस) में भी काफ़ी प्रसिद्ध है। प्रतीक के सबसे परिष्कृत अनुकूलन में से एक माही-पुष्ट नामक पैटर्न में देखा जा सकता है जिसे घरारा, शारारा और दुपट्टे में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस डिज़ाइन में प्रतीक की व्याख्या का एक अच्छा उदहारण है।
1. https://scribblesofsoul.com/rendezvous-avadh-coin/
2. http://coinindia.com/galleries-awadh.html
3. http://lucknowobserver.com/lucknow-ki-machhliyan/
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.