हर वर्ष बड़े-बड़े शहरों में नए तरह के कर्क रोग पाए जा रहे हैं। मुश्किल बीमारियाँ जैसे कि कर्क रोग अक्सर जेनेटिक कारक से होता है, यह इंसान के नियंत्रण के अन्दर नहीं होता और इस रोग से लड़ पाना काफी मुश्किल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह बतलाया कि कर्क रोग एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित ढंग से विकसित होने लगती हैं और यह शरीर के हर हिस्से को नुकसान पहुंचाती हैं। लेकिन फ़िर भी एक तिहाई कर्क रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया है कि इंसान के नियंत्रण में कितनी बीमारियाँ हैं। ज्यादा धुम्रपान या ज़्यादा शराब पीने से, अधिक वज्नीय होने से, कम फल और सब्जियां खाने से तथा व्यायाम ना करने से कर्क रोग होने की सम्भावना 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है, यह एच.पी.वी. नामक संक्रमण को जन्म देता है जो कि कर्क रोग का कारण होता है।
2014 में ढेढ़ लाख से ज़्यादा कर्क रोगी पाए गए और उनमें से 42 प्रतिशत कर्क रोग ऊपर दिए गए कारणों से हुआ, इनमें 45 प्रतिशत मृत्यु इसी रोग से हुई। कर्क रोग के कारण ही विश्व भर में 8 लाख मौतें हुई हैं और यह आंकड़ा धीरे-धीरे विकसित हो रहा है। धूम्रपान कर्क रोग होने की संभावना 20 प्रतिशत बढ़ा देता है। मोटापा दूसरा सबसे बड़ा कारण है कर्क रोग होने का, 8 प्रतिशत मामले मोटापे का है जिनमें 6.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो गई। शराब से कर्क रोग होने के मामले 5.6 प्रतिशत हुए और इसमें 4 प्रतिशत लोगों की मृत्यु भी हुई; संसाधित मांस खाने से 1.6 प्रतिशत लोगों में कर्क रोग का कारण बना तथा उनकी मृत्यु हुई। भारत में हर वर्ष 2.5 लाख लोग कर्क रोग के कारण जान गंवा देते हैं और इनमें यह पाया गया कि 70 प्रतिशत लोग आखिरी समय में डॉक्टर से मदद लेते हैं, इससे रोग को नियंत्रित करना और कठिन हो जाता है। यह रोग अपनी चाल-ढाल शुरुआत में नहीं दिखाता लेकिन धीरे-धीरे शरीर में विकसित होते रहता है। भारत के देहाती इलाकों में 70-80 प्रतिशत कर्क रोगी इस स्टेज पर अस्पताल नहीं पहुँच पाते। चिकित्सकों के अनुसार अगर कर्क रोग पहले स्टेज में ही पहचान लिया जाए तब उससे बचना काफ़ी आसान होगा और इसलिए लोगों को अपने शरीर में आ रहे बदलावों पर ध्यान देते रहना चाहिए।
कैंसर इंडिया के मुताबिक-
भारत में हर 8 मिनट में एक व्यक्ति की मौत सर्वाइकल कैंसर से होते है। हर 2 महिलाऐं स्तन कैंसर से निदान होती हैं जिनमें हर वर्ष एक की मौत हो जाती है। तंबाकू से कैंसर होने के कारण हर दिन 2,500 लोग मारे जाते हैं। हर 5 मौत में 1 मौत धुम्रपान के कारण होती है और वर्ष 2010 में धुम्रपान के कारण 9,30,000 लोगों ने जान गंवाई थी।
भारत में कर्क रोग के आंकड़े-
*कुल 20 लाख लोग कैंसर से पीड़ित हैं।
*हर वर्ष 7 लाख नए कर्क रोग के मरीज़ दाखिल हो रहे हैं।
*कैंसर से हर वर्ष 5,46,400 मौतें हो रही हैं।
30-69 वर्ष की आयु के भीतर मौत के आंकड़े-
*कुल 3,95,400
*पुरुष- 2,00,100
*महिलाएं- 1,95,300
इनमें 50 प्रतिशत कारण मर्दों के फेफड़ों में कैंसर और औरतों के स्तन में कैंसर होना है। यह सभी कर्क रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है अगर इन्हें पहले खोज लिया गया तो। मर्दों में इन जगहों पर कैंसर सबसे ज़्यादा पाया जाता है-
होंठ, मुंह, फेफ़ड़े, पेट, कोलोरेक्टम आदि।
महिलाओं में इन जगहों पर कैंसर सबसे ज़्यादा पाया जाता है-
स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, कोलोरेक्टम, अंडाशय, होंठ, मुंह।
1. http://time.com/5032099/what-causes-cancer-risk-factors/
2. http://zeenews.india.com/health/india-worlds-largest-to-cancer-deaths-doctor-say-1973803
3. http://cancerindia.org.in/statistics/
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