आज के युग में सब सफ़लता प्राप्त करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं| कार्यालय के लोग ''एक्स्ट्रा टाइम'' देकर घर का गुज़ारा कर रहे हैं, तो वहीं छात्रों में अच्छे कॉलेज में दाखिला लेने को लेकर एक जंग छिड़ी हुई है| भारत में बहुत से कोचिंग सेंटर हैं जो छात्रों को सफ़लता हासिल करने में मदद करते हैं , इन कोचिंग सेंटरों में बहुत सी खामियां भी है| लेकिन छात्र उत्तम शिक्षा के लिए लाखों रूपए ''फ़ीस'' के रूप में कोचिंग को देते हैं| अब विषय यह है कि क्या सच में अच्छे कोचिंग से पढ़कर बच्चे अव्वल आ सकते हैं या फिर यह शिक्षा के साथ खिलवाड़ है? लखनऊ शहर में कई कोचिंग सेंटर हैं और इनका उद्देश्य छात्रों को प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाना है| आज के समय में कोचिंग में शामिल होना एक आम बात है, और इसलिए शहर भर में 500 से ऊपर कोचिंग सेंटर हैं| आखिर छात्रों में कोचिंग में शामिल होने की तलब क्यों है?
हम आए दिन कोचिंग और ट्यूशन के प्रचार टी.वी. या इन्टरनेट पर देखते हैं, रोड पर लोगों को आकर्षित करने के लिए कुछ कोचिंग संस्थान अपने प्रचार के बैनर लगवाते हैं| महीने में यह कोचिंग केंद्र प्रवेश परीक्षा भी लेते हैं और बहुत से छात्रों को छात्रवृत्ति से पढ़ने का मौका मिलता है| छात्र यह चाहते हैं कि वे स्कूल से बहुत आगे रहें और इसीलिए वे कोचिंग को चुनते हैं|कोचिंग में शामिल होने के कुछ फ़ायदे भी हैं और कुछ नुकसान भी| आइये इसपर एक नज़र डाली जाये|
कोचिंग में शामिल होने के फ़ायदे :-
*कोचिंग में शिक्षकों द्वारा अनुभवी रूप से पढ़ाया जाता है और यह छात्रों के लिए बेहद मददगार साबित होता है| यह कोचिंग सेंटर छात्रों के पढ़ने और समझने के लिए अलग से अध्ययन सामग्री देते हैं, इससे छात्र अनेक विषयों के बारे में अच्छे रूप से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं|
*कोचिंग संस्था हर वर्ष छात्रों को विशेष तरह के प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए प्रशिक्षण देते हैं| इससे छात्रों का हौसला बढ़ता है और उन्हें परीक्षाओं को लेकर अच्छा खासा अनुभव हो जाता है|
*बहुत से अनुभवी शिक्षक यह मानते हैं कि बिना कोचिंग में शामिल हुए कोई भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता नहीं प्राप्त हो सकती, साथ ही साथ छात्रों को कड़ी टाइम टेबल के अनुसार पढ़ाई करना होता है उनके अनुसार कोचिंग संस्था में सहज उपाए से पढ़ाया जाता है|
* कुछ ख़ास परीक्षा जैसे IIT, NEET या CAT की तैयारी के लिए कोचिंग संस्था छात्रों के लिए मददगार साबित होती हैं|
कोचिंग में शामिल होने के कुछ नुक्सान :-
*कोचिंग पर अंधी आस्था रखने से कभी-कभी परिणाम बहुत बुरे आ सकते हैं| कोचिंग आम तौर पर छात्रों को 3 से 4 घंटे के क्लास कराते हैं और कुछ कोचिंग हफ्ते के छ: दिन क्लास करते हैं, इससे छात्रों को स्वयं से पढ़ने का समय नहीं मिलता|
*कुछ कोचिंग संस्था पैसे कमाने के लालच में छात्रों को प्रचार द्वारा आकर्षित करती हैं और यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है| छात्रों को कोचिंग के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए उसके बाद ही उसमें शामिल होना चाहिए|
* कुछ कोचिंग पैसे बचाने के चक्कर में ऐसे शिक्षक को रखते हैं जिन्हें कोई अनुभव नहीं होता|
पढ़ाई के विषय में निजी क्षेत्र का भी हाथ है :-
इन कोचिंग सेंटर की बढ़ती तादाद में कुछ योगदान निजी क्षेत्र के व्यवसायियों का भी है| हर वर्ष इस दिशा में करोड़ों का निवेश किया जा रहा है| जहाँ कुछ के लिए यह सिर्फ पैसा कमाने का एक माध्यम है वहीँ कुछ का उद्देश्य है देश को बेहतर भविष्य प्रदान करना और हर किसी को अपने सपने पूरे करने का एक मौका देना| वर्तमान काल मे लखनऊ इन कोचिंग केंद्रों का गढ़ बन चुका है तथा देश भर से होनहार छात्र यहां पर शिक्षा लेने आते हैंl तथा यह उम्र एक किशोर के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण दौर को लाती है और इस समय में ठन्डे दिमाग से अपने लिए सही फैसले लेना उसका जीवन का रुख कहीं का कहीं ले जा सकता है|
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