वर्ष 1857 में भारत में बहुत से बदलाव आए, लोग यह जानते हैं कि वर्ष 1857 में भारत में आज़ादी की पहली लड़ाई लड़ी गई थी लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उस के कुछ समय पहले ही कैमरे (Camera) का आविष्कार हुआ था। इस कारण चित्र खींचा जाना अत्यंत दुरूह कार्य हुआ करता था। कैमरे के प्रचार के बाद वर्ष 1860 में ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने एक वित्त-पोषित कैमरामैन (Financed Cameraman) की व्यवस्था की और उसके द्वारा भारत की कई तस्वीर खींची गयीं।
उस वक़्त कैमरा एक अत्यंत महंगा साधन हुआ करता था। कोडक कंपनी ने कैमरे के दाम को घटाने के लिए बहुत कोशिशें की थी। कैमरों का वैश्वीकरण 1895 के दौरान ही हुआ था तथा यह बड़े पैमाने पर सब स्थानों तक पहुँचने लगा था। यूरोप में वर्ष 1857 के बाद लखनऊ के चित्र काफ़ी मशहूर हो गए थे। वे सभी चित्र या तो कल्पना के आधार पर, या स्केच (Sketch) या फोटोग्राफी (Photography) से बनाए जाते थे।
लखनऊ का एक मशहूर चित्र - दी रिलीफ़ ऑफ़ लखनऊ (The Relief Of Lucknow) वर्ष 1859 में मशहूर चित्रकार थॉमस जोंस बार्कर द्वारा बनाया गया था। इन्होंने अपने जीवनकाल में कुल 13 चित्र बनाये थे। यह सेना और जंग के विषयों को लेकर चित्र बनाया करते थे। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि बार्कर ने कभी भी भारत का दौरा नहीं किया था, उन्होंने बस लखनऊ के चित्रों के आधार पर यह चित्र बनाया था। दी रिलीफ ऑफ़ लखनऊ लंदन के नेशनल पोर्ट्रेट गैलरी (National Portrait Gallery, London) में है और हर दिन बहुत से चित्रकला प्रेमी इसे देखने आते हैं।
1. https://www.npg.org.uk/collections/search/portrait/mw08481/The-Relief-Of-Lucknow-1857
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Thomas_Jones_Barker
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