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लखनऊ वासियों, हमारा शहर लखनऊ अपने समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पारंपरिक बाज़ारों के लिए जाना जाता है, जो न सिर्फ़ स्थानीय लोगों की ज़रूरतों को पूरा करते हैं, बल्कि शहर की विरासत को भी जीवंत रखते हैं। 19वीं सदी की शुरुआत में स्थापित हुआ हज़रतगंज बाज़ार, आज भी अपने औपनिवेशिक आकर्षण, ब्रांडेड शोरूमों, किताबों की दुकानों और रॉयल कैफ़े जैसे प्रसिद्ध भोजनालयों के कारण लोकप्रिय है। शहर के दिल में स्थित, हज़रतगंज अब अपने पारंपरिक स्वरूप से आधुनिक शॉपिंग हब में बदल चुका है, जहाँ ब्रांडेड शोरूम, फ़ैक्ट्री आउटलेट्स , रेस्तरां और सिनेमा हॉल हैं। हालाँकि, यहाँ मोल-भाव नहीं चलता, लेकिन यहाँ उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी होती है, और यह रविवार को बंद रहता है। वहीं, हमारे शहर का सदियों पुराना चौक बाज़ार, जो बड़ा इमामबाड़ा के करीब स्थित है, अपनी पारंपरिक चिकन और जरदोज़ी कढ़ाई से बने परिधानों, हस्तनिर्मित आभूषण और टुंडे कबाब जैसे लजीज़ स्ट्रीट फ़ूड के लिए जाना जाता है। यहाँ जेब-परस्त कीमतों पर कस्टम ऑर्डर भी दिए जा सकते हैं। यह बाज़ार, गुरुवार को बंद रहता है। अमीनाबाद बाज़ार, जो मुगल काल से अस्तित्व में है, कपड़े, जूते, किताबें, घरेलू सामान और पारंपरिक हस्तशिल्पों के लिए लखनऊ में एक व्यस्ततम केंद्र है और त्यौहारों के समय यहाँ की रौनक देखते ही बनती है। यह बाज़ार, आज भी अपनी विविधता और किफ़ायती दामों के कारण खरीदारी के लिए यहाँ के लोगों की पहली पसंद है।हालांकि यह हज़रतगंज की तरह ही ये बाज़ार भी गुरुवार को बंद रहता है। तो आइए, आज कुछ चलचित्रों के माध्यम से लखनऊ के मशहूर बाज़ारों — जैसे अमीनाबाद, हज़रतगंज और चौक — की सैर करें और यहाँ की प्रसिद्ध चिकनकारी व हस्तशिल्प की खरीदारी का आनंद लें। इसके साथ ही, हम स्थानीय लोगों के लिए इन बाज़ारों के क्या मायने हैं, इस पर कुछ प्रकाश डालेंगे।
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