दिए गए चित्र को तो सभी पहचानते होंगे? यह वर्तमान काल में लोगों के लिए यातायात का साधन बना हुआ रिक्शा है। शुरुवात में मानव द्वारा खींचा जाने वाला रिक्शा हमें अधिकता से दिखाई देता था परन्तु अब वह दौर धीरे-धीरे ख़त्म होने की तरफ अग्रसर है। लखनऊ में ये रिक्शे छोटी दूरी तय करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण जरिया हैं। यह रिक्शा वातावरण के लिए किसी वरदान से कम नहीं है कारण यह है कि इसमें किसी प्रकार का इंधन नहीं डाला जाता। बैटरी से चलने के कारण यह रिक्शा बिजली से चार्ज किया जाता है। यह रिक्शा इ-रिक्शा नाम से जाना जाता है, कारण कि इसको विद्युत् से चलाया जाता है। वर्तमान विश्व में ई- गाड़ियों के निर्माण पर कई सारी खोजें की जा रही हैं। कुछ ही वर्षों में हम इस तकनीक में बड़ी कामयाबियां देखेंगे।
एक बार पूर्ण रूप से चार्ज हो जाने पर यह 100-150 किलोमीटर का सफ़र करने में सक्षम है। साथ ही यह 1 चलाने वाले के साथ 4 लोगों को और थोड़े सामान को ढो सकती है, मतलब कुछ 380 किलो का वजन ये आराम से उठा सकती है। इसकी क़ीमत भी बाकी रिक्शा आदि की तुलना में काफी कम है। किफ़ायती होने की वजह से तथा इसके उपयोग में बिलकुल प्रदूषण नहीं होने आदि कारणों की वजह से सरकार भी इसका समर्थन करती है तथा इसके इस्तेमाल के लिए बढ़ावा दे रही है। फिलहाल महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान इन राज्यों में सरकार ने इसे अनुमोदित किया है। यह रिक्शा अब एक बड़े स्वरोजगार के रूप में उभर रहा है तथा इससे एक बड़ी आबादी रोजगार प्राप्त कर रही है। यह रिक्शा भारत ही नहीं अपितु विश्व के कई अन्य देशों में भी सफलता पूर्ण रूप से चलायमान है।
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Electric_rickshaw
2. https://www.indiamart.com/unicornauto/electric-auto-rickshaws.html
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