लखनऊ देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश की राजधानी है। यहाँ पर उत्तर प्रदेश के अनुपात में ज्यादा बड़े पैमाने पर इन्टरनेट का प्रयोग किया जाता है। प्रारंग इन्टरनेट के माध्यम से भारत के विभिन्न शहरों के सम्माननीय जनों से जुड़ रहा है तथा अपने पाठकों के लिए उनके शिक्षा व स्थान से जुड़ी जानकारियां प्रदान कर रहा है। प्रारंग उच्च मात्रा में शहर केंद्रित, स्थानीय भाषा में लिखे शोध विषयों को इन्टरनेट के माध्यम से भेजता है। प्रारंग 1 साल में 300 दैनिक शोध किये हुए विषयों से शहर के मुख्य द्वार के रूप में उभर रहा है। प्रारंग का उद्देश्य है शहर के प्रत्येक इन्टरनेट उपयोगकर्ता के पास पहुंचना। इन्टरनेट को शिक्षा के एक हथियार के रूप में प्रयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा माध्यम है जो कि पूरे विश्व को एक स्थान पर जुड़ने की सुविधा मुहैया करवाता है। मनोरंजन इन्टरनेट का एक दूसरा चेहरा है। प्रथम रूप में इन्टरनेट शिक्षा के उद्देश्य से ही बनाया गया था।
इन्टरनेट एक महत्वपूर्ण खोज है जिसके ज़रिये व्यक्ति संपूर्ण विश्व से संपर्क बनाये रह सकता है। भारत इस समय एक बड़े इन्टरनेट प्रयोगकर्ता देश के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। यदि आंकड़ो पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि भारत की एक बड़ी आबादी (31%) इन्टरनेट का प्रयोग कर रही है। भारत में इन्टरनेट का प्रयोग मुख्य रूप से मोबाइल के जरिये होता है। यदि इन्टरनेट क्या है और इसकी खोज कैसे हुयी जैसे तथ्यों पर नज़र डालें तो कई बातें हमारे सामने आती हैं- इंटरनेट की खोज के पीछे कई लोगों का हाथ था। सबसे पहले लियोनार्ड क्लाइनरॉक (Leonard Kleinrock ) ने इंटरनेट बनाने की योजना बनाई। बाद में 1962 में जे.सी.आर. लिकलाइडर (J.C.R. Licklider) ने उस योजना के साथ, रोबर्ट टेलर (Robert Taylor) की मदद से एक जाल (Network) बनाया जिसका नाम अरपानेट (ARPANET) था। अरपानेट को टेलीनेट (TELENET) नाम से 1974 में व्यावसायिक रूप से उपयोग में लाया गया। भारत में इन्टरनेट सर्वप्रथम 80 के दशक में आया था।
इन्टरनेट पहले इस स्वरुप में बिलकुल नहीं था जिस स्वरुप में इसे आज हम देखते हैं। शुरुआत में, इंटरनेट वैज्ञानिक, शैक्षिक, और सैन्य अनुसंधान के लिए ही इस्तेमाल किया गया था। सन 1991 में व्यवसायों और उपभोक्ताओं को भी आपस में जोड़ने की अनुमति देने के लिए नियमों को बदल दिया गया। उस समय के बाद से इंटरनेट तेजी से बढ़ गया है और अब पूरे विश्व भर में फ़ैल गया है। लखनऊ में यदि आंकड़ों को देखें तो भारत स्तर पर यहाँ करीब 60-64 प्रतिशत की आबादी इन्टरनेट का प्रयोग करती है। गाँवों में इन्टरनेट करीब 16-20% लोगों के पास है। इन्टरनेट का प्रमुख उपयोग शिक्षा सम्बन्धी है तथा यह घर बैठे ही व्यक्ति को शिक्षित करने में कारगर है।
1.http://www.livemint.com/Industry/QWzIOYEsfQJknXhC3HiuVI/Number-of-Internet-users-in-India-could-cross-450-million-by.html
2.https://economictimes.indiatimes.com/tech/internet/internet-penetration-in-rural-india-abysmal-report/articleshow/60881137.cms
3.http://www.thehindu.com/business/how-many-indians-have-internet/article17668272.ece
4.https://timesofindia.indiatimes.com/business/india-business/number-indian-internet-users-will-reach-500-million-by-june-2018-iamai-says/articleshow/62998642.cms
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