लखनऊ की मिलों में, कैसे तैयार होता है, स्वादिष्ट और सुगंधित आटा ?

वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली
17-01-2025 09:50 AM
लखनऊ की मिलों में, कैसे तैयार होता है, स्वादिष्ट और सुगंधित आटा ?

लखनऊ में कई प्रसिद्ध आटा मिलें हैं। इनमें मौर्य जनता आटा चक्की, मामा आटा चक्की और समृद्धि कृषि यंत्र उद्योग जैसे नाम शामिल हैं। ये मिलें, ताज़ा और गुणवत्तापूर्ण आटा उपलब्ध कराती हैं। लखनऊ के व्यंजनों में, गेहूं के आटे का खास महत्व है। शीरमाल और कुलचे जैसे व्यंजन, इसमें प्रमुख हैं। ये व्यंजन अक्सर नहारी के साथ परोसे जाते हैं।
लखनऊ के कई लोग रोज़ाना गेहूं से बने खाद्य पदार्थ खाते हैं। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि लखनऊ में गेहूं को आटे में कैसे बदला जाता है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश की अलग-अलग आटा मिलों के बारे में भी जानेंगे। हम भारत की कुछ सबसे बड़ी गेहूं आटा मिलों की जानकारी भी साझा करेंगे। अंत में, चर्चा करेंगे कि, गेहूं और खाद्य प्रसंस्करण पार्क (Food Processing Parks), कैसे उत्तर प्रदेश में रोज़गार के नए अवसर बना रहे हैं।
लखनऊ में गेहूं से आटा बनाने की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। हर चरण में विशेष सावधानी बरती जाती है।
चरण 1: सफ़ाई - सबसे पहले, गेहूं की सफ़ाई की जाती है। इस दौरान तिनकों, पत्थर और अन्य गंदगी को हटाया जाता है। साफ किया हुआ गेहूं कंडीशनिंग टैंक में भेजा जाता है।
चरण 2: कंडीशनिंग - इसके बाद, गेहूं को पानी में भिगोया जाता है। इस तरह, भिगोने से चोकर अलग हो जाता है। कंडीशनिंग के आबाद, गेहूं में नमी समान रूप से फैल जाती है। यह नमी मिलिंग के दौरान चोकर को सही स्थिति में बनाए रखती है।
चरण 3: पीसना - कंडीशनिंग के बाद, गेहूं को पीसा जाता है। इस प्रक्रिया में वांछित प्रकार और गुणवत्ता का आटा तैयार होता है।
चरण 4: पृथक्करण - इसके बाद, गेहूं को घूमने वाले रोल्स के माध्यम से अलग किया जाता है। ये रोल, अलग-अलग गति से चलते हैं। इस प्रक्रिया में चोकर से गेहूं का सफ़ेद हिस्सा अलग कर लिया जाता है।
चरण 5: पिसाई - अलग किए गए गेहूं को मशीन में पीसकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल दिया जाता है। इन टुकड़ों को छलनी से गुज़ारा जाता है। मोटा आटा, कई बार पीसने और छानने के बाद महीन आटा बन जाता है।
चरण 6: मिश्रण - अंत में, विभिन्न प्रकार के आटे बनाने के लिए सामग्री को मिलाया जाता है। उदाहरण के लिए, सफेद आटे में चोकर मिलाकर साबुत गेहूं का आटा तैयार किया जाता है।
आइए अब उत्तर प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आटा मिलों के बारे में जानते हैं:
पत्थर की मिलें: पत्थर की मिलों में दो बड़े पत्थर एक प्लेटफॉर्म पर रखे होते हैं। ऊपर वाला पत्थर अनाज को पीसकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदलता है। आटे का मोटापन या महीनापन इस बात पर निर्भर करता है कि दोनों पत्थर एक दूसरे से कितने चिपके हुए हैं। पीसने के बाद, कर्मचारी आटे को छानते हैं। इससे चोकर, गेहूं के बीज, और सफ़ेद आटा (एंडोस्पर्म) अलग हो जाते हैं। यह पुरानी और भरोसेमंद मिलिंग विधि है, जो अनाज के पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद करती है।
हैमर मिल्स: हैमर मिल्स में छोटे धातु के हथौड़े इस्तेमाल किए जाते हैं। ये हथौड़े बंद जगह में बार-बार अनाज पर चोट करते हैं, जिससे अनाज टूटकर छोटे टुकड़ों में बदल जाता है। हैमर मिल्स पत्थर और रोलर मिलों से ज़्यादा महीन आटा तैयार करते हैं। मिलिंग के बाद, आटा छाना जाता है ताकि चोकर, गेहूं के बीज और सफ़ेद आटा अलग हो जाए।
रोलर मिल्स: रोलर मिल्स में, दो स्टील रोलर्स होते हैं, जिनकी सतह पर नालियां बनी होती हैं। ये रोलर्स अनाज को कुचलते हैं और एंडोस्पर्म को चोकर और अंकुर से अलग करते हैं। इसके बाद आटे को छाना जाता है, जिससे सफ़ेद आटा, चोकर और अंकुर अलग हो जाते हैं। रोलर मिल्स, आजकल सबसे ज़्यादा लोकप्रिय हैं। अधिकांश दुकानों में मिलने वाला आटा इन्हीं मिलों से बनता है।
आइए, अब आपको भारत में सबसे बड़ी आटा मिलों से रूबरू करवाते हैं:
1. अनमोल रोलर आटा मिल्स : अनमोल रोलर आटा मिल्स कई प्रकार के खाद्य उत्पाद बनाती है। इनमें साबुत गेहूं का आटा (चक्की आटा), बेसन, पोहा, दलिया, मैदा और सूजी शामिल हैं। 
2. सेंचुरी आटा मिल्स : सेंचुरी आटा मिल्स को आई एस ओ (ISO), हलाल और एफ़ एस एस ए आई (FSSAI) से प्रमाणित किया गया है। यह मिल मैदा, आटा, सूजी और चोकर बनाने में विशेषज्ञ है। 
3. मुरली आटा मिल्स : मुरली आटा मिल्स, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पादों को सप्लाई और एक्सपोर्ट करती है। वे ग्राहकों को ताजे, शुद्ध और प्राकृतिक उत्पाद किफ़ायती दामों पर उपलब्ध कराते हैं। 
4. पूनम रोलर आटा मिल्स : पूनम रोलर आटा मिल्स रोजमर्रा के उपयोग के उत्पाद बनाती है। इनमें आटा, मैदा, सूजी, रवा और अन्य उत्पाद शामिल हैं। उनकी खासियत बेहतरीन गुणवत्ता है। 
5. प्रेसना फ़्लावर मिल्स : प्रेसना फ़्लावर मिल्स को आटा मिलिंग के क्षेत्र में 26 साल से अधिक का अनुभव है। इस अनुभव के कारण वे अपने उत्पादों में उच्च मानक बनाए रखते हैं। 
6. श्री गोविंद फ़्लावर मिल्स : श्री गोविंद फ़्लावर मिल्स, मैदा, सूजी, आटा और पशु चारा बनाती है। वे सेंवई और रागी सेंवई जैसे विशेष उत्पाद भी तैयार करते हैं। यह मिलें अपनी उच्च गुणवत्ता और विविधता के लिए जानी जाती हैं।
उत्तर प्रदेश में गेहूं और खाद्य प्रसंस्करण पार्क से रोजगार के अवसर: उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी, बाराबंकी, बरेली, सहारनपुर और गोरखपुर जैसे शहरों में, 15 कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पार्क स्थापित करने की योजना बनाई है। यह कदम, किसानों की आय बढ़ाने और रोज़गार के नए अवसर पैदा करने में मदद कर रहा है। कानपुर-ग्रामीण, लखनऊ, सीतापुर और मथुरा जैसे क्षेत्रों में बने कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर से 16,000 से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। 2023 में आयोजित उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 1,483 निवेश प्रस्ताव मिले। इनसे 2,90,531 रोज़गार के अवसर बनने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र, जिसे ‘पूर्वांचल’ कहा जाता है, को सबसे ज़्यादा अर्थात 432 निवेश प्रस्ताव मिले। पश्चिमी क्षेत्र, ‘पश्चिमांचल’ को 316 प्रस्ताव प्राप्त हुए। मध्यांचल को 172 और बुंदेलखंड को 60 प्रस्ताव मिले। यह प्रयास, न केवल कृषि क्षेत्र को मज़बूती दे रहा है, बल्कि, ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास और रोज़गार भी बढ़ा रहा है।

संदर्भ 
https://tinyurl.com/2efhpk4p
https://tinyurl.com/28mjts2w
https://tinyurl.com/22kkavvq
https://tinyurl.com/2y3f4e52

चित्र संदर्भ
1. डबलिन पोर्ट, आयरलैंड में स्थित ओडलम्स फ़्लावर मिल (Odlums Flour Mill) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. गेहूं और आटे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. भीतर से एक आटा मिल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक आटा मिल में उपयोग होने वालीं मशीनों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

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