बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है

लखनऊ

 20-11-2024 09:27 AM
पर्वत, चोटी व पठार
बरोट घाटी के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। लेकिन ये जगह, प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जानी जाती है। पूरी बरोट घाटी, हरे-भरे जंगलों और नदियों से घिरी हुई है। इस जगह को ट्रैकिंग, कैंपिंग और मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों के लिए बेहतरीन स्थान माना जाता है। बरोट घाटी में शानदार प्राकृतिक नज़ारों के साथ-साथ, कई तरह के पौधे और जानवर भी देखे जा सकते हैं। इस घाटी को प्रकृति प्रमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। आज के इस लेख में, हम बारोट घाटी की प्राकृतिक यात्रा पर चलेंगे। इस दौरान, हम यहाँ पर ट्रैकिंग, मछली पकड़ने और कैंपिंग जैसी मज़ेदार गतिविधियों पर चर्चा करेंगे। अंत में, हम इस घाटी के ठंडे और ताज़ा मौसम की ख़ूबियों को जानेंगे।
बरोट घाटी, हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में स्थित प्रकृति का एक अनछुआ उपहार है। इसका प्राकृतिक आकर्षण, आज भी बरकरार है। यह घाटी, ऊंचे-ऊँचे पहाड़ों और घने जंगलों से घिरी हुई है। व्यस्त शहरी जीवन से दूर शांति में समय बिताने के लिए यह एक बेहतरीन जगह साबित हो सकती है। इस खूबसूरत घाटी के बीचों-बीच से होकर उहल नदी बहती है, जो घाटी की सुंदरता में चार चाँद लगा देती है। बरोट को कई ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए शुरुआती बिंदु भी माना जाता है।
बरोट घाटी, धौलाधार रेंज की तलहटी में स्थित है। यह घाटी, मंडी से लगभग 67 किलोमीटर और बीर-बिलिंग से 66 किलोमीटर दूर है। इसकी आसान पहुँच और अछूती सुंदरता घाटी को उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाती है, जो हिमाचल प्रदेश में कम भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना चाहते हैं।
बरोट घाटी का शांत वातावरण और बेदाग सुंदरता, इसे व्यस्त पर्यटन स्थलों से अलग खड़ा करती है। आस-पास के शहरों में आपको कई पर्यटक दिखाई देंगे, लेकिन बरोट में आज भी गहरी शांति का एहसास होता है।
बरोट घाटी में कई रोमांचक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इस घाटी में कई तरह के ट्रेक हैं, जो आपको हिमाचल प्रदेश की स्थानीय संस्कृति को देखने का मौका देते हैं। यहाँ आप उन ग्रामीणों से भी मिल सकते हैं, जो बड़ी ही प्रसन्नता के साथ पारंपरिक जीवन जीते हैं। इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता अद्वितीय है। यहाँ से आप बर्फ़ से ढके हिमालय के शानदार नज़ारों का आनंद ले सकते हैं।
इसके अलावा यहाँ पर पैराग्लाइडिंग जैसी रोमांचक गतिविधियाँ भी कराई जाती हैं। बरोट घाटी को पैराग्लाइडिंग स्थल के रूप में एक अलग पहचान हासिल है। इसने अक्टूबर 2015 में पैराग्लाइडिंग विश्व कप की मेज़बानी भी की थी। पैराग्लाइडिंग टेक- ऑफ़ पॉइंट (Paragliding take-off point) तक पहुँचने के लिए, आप बरोट घाटी से 16 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं।
बरोट घाटी भारत की उन चुनिंदा जगहों में से एक है, जहाँ आप मछली पकड़ने जैसी गतिविधियाँ कर सकते हैं। यहां पर उहल नदी में रेनबो ट्राउट (rainbow trout) और ब्राउन ट्राउट (brown trout) जैसी मछलियां प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं। आप यहाँ कम कीमत पर मछली पकड़ने के उपकरण भी आसानी से खरीद सकते हैं।
बरोट घाटी में माउंटेन बाइकिंग (Mountain biking) भी एक लोकप्रिय साहसिक खेल है। पहाड़ों में बाइक चलाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इस घाटी में यातायात कम रहता है। कुछ सड़कों पर वाहन कम ही चलते हैं, जिससे यह बाइक चलाने के लिए एक बेहतरीन जगह बन जाती है।
बरोट घाटी में रहने वाले ग्रामीण जैविक सब्जियां, फल और दालें उगाते हैं। वे भेड़ के ऊन से गर्म कपड़े भी बुनते हैं। कई लोगों के घर में छोटी-छोटी कार्यशालाएँ हैं, जहाँ वे शॉल और स्थानीय पट्टू कपड़े बनाते हैं। आप इन वस्तुओं को सीधे उनसे खरीद सकते हैं, जिससे उनकी आजीविका में मदद मिलती है। यहाँ के ग्रामीण ईमानदार और मेहनती हैं।
यहाँ पर उहल नदी के पार नरगु वन्यजीव अभयारण्य भी है। यह अभयारण्य मोनाल, काले भालू और घोरल सहित कई जानवरों का घर है। यह पूरी घाटी, खूबसूरत ओक और देवदार के जंगलों से घिरी हुई है।
बरोट घाटी में गर्मी का मौसम, अप्रैल से शुरू होता है, और जून तक यहाँ गर्मियां ही रहती है। हालांकि इस दौरान भी यहाँ का तापमान, 10°C से 25°C के बीच ही रहता है। गर्मियों में यहाँ का मौसम सुहावना होता है। इस दौरान ये जगह ट्रैकिंग, कैंपिंग और अन्य बाहरी गतिविधियों के लिए आदर्श बन जाती है। यह घाटी हरे-भरे जंगलों से घिरी हुई है। यहाँ की नदियों और धाराओं में हमेशा ताज़ा पानी बहता है। यहाँ का साफ़ नीला आसमान और ताज़ी पहाड़ी हवा, इसे गर्म मैदानों से एक बेहतरीन पलायन गंतव्य बनाती है।
बरोट घाटी में मानसून का मौसम, जुलाई में शुरू होता है, और सितंबर तक रहता है। इस दौरान घाटी में मध्यम से भारी स्तर की बारिश होती है। इस दौरान बारोट का तापमान 15°C से 20°C के बीच रहता है। मानसून में यहाँ का मौसम जादुई हो जाता है, पहाड़ों पर धुंध छा जाती है और चारों ओर हरियाली छा जाती है। इस मौसम में घाटी सबसे अच्छी लगती है। कई जगहों से झरने फूट जाते हैं और नदियाँ अपनी पूरी क्षमता से बहती हैं। हालाँकि, भारी बारिश के दौरान भूस्खलन के कारण यहाँ आना खतरनाक भी हो सकता है।
बरोट घाटी में शरद ऋतु, अक्टूबर में शुरू होता है और नवंबर तक रहता है। इस मौसम में यहाँ का तापमान, 5°C से 15°C तक होता है। इस दौरान, यहाँ का हल्का मौसम यहाँ के दर्शनीय स्थलों की यात्रा और कई रास्तों की खोज के लिए एक बढ़िया समय होता है। इस समय यह पूरी घाटी सेब के बागों से भर जाती है। पेड़ों पर लगे हुए फल पक जाते हैं।
बरोट घाटी में सर्दियाँ, दिसंबर में शुरू होती हैं और फ़रवरी तक रहती हैं। इस दौरान, तापमान -5°C से 10°C तक होता है। इस समय, बारोट का मौसम ठंडा और बर्फ़ीला होता है। सर्दियों में इस घाटी में भारी बर्फ़बारी होती है, जिससे पहाड़ बर्फ की मोटी परत से ढक जाते हैं। सर्दियों के दौरान, पर्यटक यहाँ पर स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग और अन्य गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।

संदर्भ

https://tinyurl.com/25kmrha7
https://tinyurl.com/2d32rx2t
https://tinyurl.com/2cz2l8uh

चित्र संदर्भ

1. पी डब्ल्यू डी रेस्ट हाउस (PWD Resthouse) , बरोट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. बरोट घाटी की तलहटी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. बरोट घाटी के एक दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. चुहार घाटी को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
5. बरोट में बहने वाली उहल नदी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)


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