ट्रांसयूरेनियम तत्व, आवर्त सारणी में यूरेनियम (Uranium) के बाद आते हैं। ये तत्व, प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते हैं, बल्कि वैज्ञानिकों द्वारा इन्हें परमाणु प्रतिक्रियाओं (Nuclear Reactions) के माध्यम से बनाया जाता है। ट्रांसयूरेनियम तत्वों का चिकित्सा, ऊर्जा उत्पादन और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में, बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। सबसे पहला खोजा गया ट्रांसयूरेनियम तत्व, नेपच्यूनियम (Neptunium) था। वैज्ञानिकों ने नेपच्यूनियम की खोज 1940 में की थी। आवर्त सारणी में, यह यूरेनियम के ठीक बाद आने वाला तत्व है। नेपच्यूनियम का उपयोग संभावित रूप से अंतरिक्ष अन्वेषण और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किया जाता है। इस कारण से दुनिया भर के वैज्ञानिक, इस तत्व में विशेष रुचि रखते हैं।
आज के इस लेख की शुरुआत हम नेपच्यूनियम की खोज के साथ करेंगे। फिर, हम चर्चा करेंगे कि नेपच्यूनियम का उपयोग कैसे किया जाता है। उसके बाद, हम इसके भौतिक और रासायनिक गुणों को देखेंगे। अंत में, हम ट्रांसयूरेनियम तत्वों के बारे में और अधिक विस्तार से जानेंगे।
93 प्रोटॉन वाला नेपच्यूनियम पहला ट्रांसयूरेनियम तत्व है। यह आवर्त सारणी में यूरेनियम के बाद आता है। नेपच्यूनियम को पहली बार 1940 में वैज्ञानिक एडविन मैकमिलन (Edwin McMillan) और फ़िलिप एच. एबेलसन (Philip H. Abelson) द्वारा संश्लेषित किया गया था। इसके लिए उन्होंने न्यूट्रॉन सक्रियण (Neutron Activation) नामक एक विधि का उपयोग किया, जहाँ उन्होंने कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (University of California, Berkeley) में स्थित एक प्रकार के कण त्वरक साइक्लोट्रॉन (Cyclotron) से यूरेनियम ट्राइऑक्साइड (Uranium Trioxide) - (UO₃) से बने लक्ष्य पर न्यूट्रॉन से बमबारी की। अपने प्रयोगों में, उन्होंने दो अलग-अलग अर्ध-आयु (Half-Lives) देखी। अर्ध-आयु किसी तत्व के लिए वह समय होता है, जिसमें वह तत्व अपनी मूल मात्रा का आधा हो जाता है।)
23 मिनट की अर्ध-आयु, यूरेनियम-239 (Uranium-239) (239U) की ज्ञात अर्ध-आयु से मेल खाती थी। इससे यह पता चला कि यूरेनियम का कुछ हिस्सा रूपांतरित हो रहा था।
वहीं 2.3 दिनों की दूसरी अर्ध-आयु, एकदम नई थी और उस समय इसका कोई ज्ञात स्रोत नहीं था। शोधकर्ताओं ने देखा कि जैसे-जैसे 23 मिनट की अर्ध-आयु से जुड़ी गतिविधि कम होती गई, वैसे-वैसे 2.3 दिन की अर्ध-आयु से जुड़ी गतिविधि बढ़ती गई। इससे पता चला कि 2.3 दिन की गतिविधि 239U के क्षय का ही एक उत्पाद था।
मैकमिलन और एबेलसन के प्रयोगों ने उन्हें इस निष्कर्ष पर पहुँचाया कि उन्होंने एक नया तत्व खोजा है, जिसका नाम उन्होंने नेपच्यूनियम रखा। उन्होंने 1940 में संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) में प्रवेश करने से ठीक पहले, फिज़िकल रिव्यू (Physical Review) पत्रिका में संपादक को लिखे एक पत्र में अपनी खोज की सूचना दी।
नेपच्यूनियम का उपयोग मुख्य रूप से परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में किया जाता है। हालाँकि, इसका उपयोग सीधे ईंधन के रूप में नहीं किया जाता है।बल्कि, यह परमाणु रिएक्टरों (Nuclear Reactors) के लिए ईंधन बनाने में मदद करता है। नेपच्यूनियम की तरह, प्लूटोनियम (Plutonium) भी पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से मौजूद नहीं है। सभी प्लूटोनियम अन्य रेडियोधर्मी तत्वों के क्षय से प्राप्त होते हैं। नेपच्यूनियम-237 (Neptunium-237) खासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्लूटोनियम-238 (Plutonium-238) का उत्पादन करने में मदद करता है। प्लूटोनियम-238 का उपयोग परमाणु ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
नेपच्यूनियम का विज्ञान और चिकित्सा में बहुत अधिक महत्वपूर्ण उपयोग नहीं है। भले ही इसे परमाणु हथियारों के लिए संभावित ईंधन के रूप में देखा जाता है, लेकिन नेपच्यूनियम का उपयोग करके कोई परमाणु हथियार नहीं बनाया गया है।
नेपच्यूनियम एक रेडियोधर्मी धातु (Radioactive Metal) है। यह एक्टिनाइड (Actinide) श्रृंखला का पहला तत्व है। इसका नाम नेपच्यून (Neptune) ग्रह से लिया गया है, जो यूरेनस (Uranus) के बाद आता है।
नेपच्यूनियम का प्रतीक (Np) होता है और इसकी परमाणु संख्या 93 होती है। यह एक कठोर, चांदी जैसी धातु है, जिसे आसानी से आकार दिया जा सकता है। आवर्त सारणी में, नेपच्यूनियम यूरेनियम के दाईं ओर और प्लूटोनियम के बाईं ओर स्थित है।
नेपच्यूनियम का आणविक भार (Molecular Weight) 123.109 ग्राम प्रति मोल होता है। इसका रासायनिक सार सेवा (Chemical Abstract Service) (CAS) नंबर 7439-99-8 है। इसे नेटटुनियो (Nettunio) के नाम से भी जाना जाता है। इसका कोई ई सी (EC) नंबर या एम डी एल (MDL) नंबर नहीं होता, लेकिन इसे PubChem में सी आई डी (CID) 23933 के साथ सूचीबद्ध किया गया है।
नेपच्यूनियम का आधिकारिक नाम भी "नेपच्यूनियम" ही है। इसके लिए सरलीकृत आणविक इनपुट लाइन प्रविष्टि प्रणाली (Simplified Molecular Input Line Entry System) - SMILES प्रतिनिधित्व [Np] है।
नेपच्यूनियम एक ठोस तत्व है और इसका घनत्व (Density) 19.38 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर है। इसका क्वथनांक (Boiling Point) 4447 K (4174 °C या 7545 °F) है, और इसका गलनांक (Melting Point) 912±3 K (639±3 °C या 1182±5 °F) है। नेपच्यूनियम का सटीक द्रव्यमान 123.03200 ग्राम है।
यूरेनियम, प्रकृति में पाया जाने वाला सबसे भारी तत्व है। 92 से अधिक परमाणु क्रमांक (Atomic Numbers) वाले सभी तत्वों को ट्रांसयूरेनियम तत्व कहा जाता है। ये तत्व प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते हैं; इन्हें छोटे कणों के साथ लक्ष्य नाभिक (Target Nuclei) पर बमबारी करके बनाया जाता है। बनाया गया पहला ट्रांसयूरेनियम तत्व नेपच्यूनियम (परमाणु क्रमांक 93) था। वैज्ञानिकों ने 1940 में यूरेनियम-238 (Uranium-238) पर न्यूट्रॉन की बमबारी करके नेपच्यूनियम को खोजा।
अधिकांश ट्रांसयूरेनियम तत्वों की खोज प्रयोगशालाओं में की गई थी। नेपच्यूनियम और प्लूटोनियम के अलावा, ये तत्व पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते हैं। सभी ट्रांसयूरेनियम तत्व रेडियोधर्मी (radioactive) होते हैं। इनका आधा जीवन पृथ्वी की आयु से भी बहुत कम होता है। यानी अगर इनमें से कोई भी तत्व पृथ्वी के बनने के समय मौजूद था, तो वे बहुत पहले ही क्षय अर्थात नष्ट हो चुके हैं। कुछ यूरेनियम युक्त चट्टानों में भी नेपच्यूनियम और प्लूटोनियम की थोड़ी बहुत मात्रा पाई जा सकती है। इनका उत्पादन परमाणु परीक्षणों (Nuclear Tests) के दौरान भी होता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/24sdnnur
https://tinyurl.com/2aqlgltp
https://tinyurl.com/224nf6mc
https://tinyurl.com/2cqt73hm
चित्र संदर्भ
1. परमाणु संयंत्र (nuclear plant) और नेपच्यूनियम की परमाणु संख्या (Atomic Number - 93) को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr, pexels)
2. नेपच्यूनियम के इलेक्ट्रॉन शेल (electron shell) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. नेपच्यूनियम के दृश्यमान स्पेक्ट्रम (visible spectrum) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. परमाणु विस्फ़ोट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)