लखनऊ: नवाबों का शहर

शहरीकरण - नगर/ऊर्जा
08-04-2017 12:00 AM
लखनऊ: नवाबों का शहर
लखनऊ नवाबों के शहर के रूप मे जाना जाता है, यहाँ पर शुरूआती समय से ही शिक्षा व कला अपने अपने क्षेत्रों मे प्रफुल्लित हुई है। कई विद्वान, लेखक व विदूषक यहीं पर शिक्षा ग्रहण किये तथा दुनिया मे एक अमिट छाप छोड़े। भारत के स्वतंत्रता के लड़ाई के वक़्त यही से ओजपूर्ण लेखों का संपादन हुआ जिसने संपूर्ण भारत के युवाओं मे जोश भर दिया। यशपाल कि विप्लव और अन्य उपन्यास यहीं से छपे थे तथा उनके मुद्रण का कार्यालय भी यहीं पर खुला था। आजादी के बाद लखनऊ ने कई बदलाव देखे, वर्तमान समय मे यदि हम लखनऊ कि संपूर्ण जनसँख्या देखें तो सेंसस २०११ के अनुसार यहाँ कि जनसँख्या ४५ लाख ८९ हजार के करीब है जो कि संपूर्ण उत्तर प्रदेश कि जनसँख्या का २.३०% है। यहाँ पर शिक्षित लोगो कि संख्या ३१ लाख २७ हजार क करीब है जो कि प्रतिशत के आधार पर ७७.२९% है जिसमे कि पुरुष शिक्षितों का प्रतिशत ८२.५६% है तथा संख्या १७ लाख ४२ हजार है और महिला शिक्षित प्रतिशत ७१.५४% है तथा संख्या १३ लाख ८४ हजार के करीब है। शिक्षा के कई केंद्र यहाँ पर स्थित हैं जिनमे लखनऊ विश्वविद्यालय, किंग जॉर्ज आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, ला माॅर्टिनरी सकूल इत्यादि मुख्य हैं।