हमारा देश भारत, एक ऐसा देश है, जो अपनी अविश्वसनीय जैव विविधता के लिए जाना जाता है। 566 वन्यजीव अभयारण्यों और 104 राष्ट्रीय उद्यानों के साथ, भारत दुनिया का 8वां सबसे अधिक जैव विविधता वाला देश है और स्थानिक वन्यजीव प्रजातियों की एक विशाल श्रृंखला का घर है। स्थानिक प्रजातियाँ, वे हैं जो विशेष रूप से किसी विशिष्ट क्षेत्र या देश में पाई जाती हैं और प्राकृतिक रूप से कहीं और नहीं पाई जातीं । भारत में कई ऐसी जीव प्रजातियां पाई जाती हैं, जो दुनिया में कहीं और नहीं पाई जातीं । हमारे शहर का 'लखनऊ ज़ूलॉजिकल गार्डन' भी लगभग 500 स्तनधारियों, 300 पक्षियों और 70 से अधिक सरीसृपों का घर है। यहां, सालाना, लगभग दस लाख से अधिक पर्यटक आते हैं। तो आइए, आज बात करते हैं पशुओं की कुछ ऐसी प्रजातियों के बारे में, जो भारत के लिए स्थानिक हैं, अर्थात जो केवल भारत में ही पाई जाती हैं। इसके साथ ही, भारत के कुछ सबसे लोकप्रिय चिड़ियाघरों के बारे में भी चर्चा करते हैं, जहाँ आप कुछ सबसे अविश्वसनीय जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों को देख सकते हैं, जिनमें से एक, हमारा लखनऊ चिड़ियाघर भी है।
केवल भारत में स्थानिक पशुओं एवं पक्षियों की प्रजातियाँ:
1. संगाई हिरण: संगाई हिरण, मणिपुर का राज्य पशु है, और यह मणिपुर के लिए अद्वितीय भी है। यह 'एल्ड्स हिरण (Eld’s Deer) की एक उप-प्रजाति है। यह मुख्य रूप से 'केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान' (Keibul Lamjao National Park) में लोकतक झील के दक्षिणी भाग में पाया जाता है। संगाई हिरण को एक लुप्तप्राय और स्थानिक प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है और माना जाता है कि 1950 तक यह लगभग विलुप्त हो गया था। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के बाद, अधिकारियों द्वारा आयोजित 2016 की जनगणना के अनुसार इनकी आबादी लगभग 260 हो गई है।
2. नीलगिरि तहर: नीलगिरि तहर, तमिल नाडु राज्य का राज्य पशु है और पश्चिमी घाट में पाया जाता है। यह, एक प्रकार का खुरदार जानवर है जो केवल भारत में ही पाया जाता है। इसके प्राकृतिक आवास मुख्यतः तमिलनाडू, केरल और दक्षिणी भारत के अन्य राज्य हैं। नीलगिरि तहर को उसके छोटे मोटे फ़र और घुमावदार सींगों से पहचाना जा सकता है जो 40 सेंटीमीटर तक पहुंच सकते हैं।
3. लायन टेल्ड मकाक (Lion-tailed macaque): लायन टेल्ड मकाक, दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली एक अनोखी और लुप्तप्राय प्रजाति है। इसका नाम, इसकी पूँछ के कारण पड़ा है, जो दिखने में शेर की पूँछ के समान होती है। लायन टेल्ड मकाक, दुनिया भर में, मकाक की सबसे दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक है। लायन टेल्ड मकाक को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा एक लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इन्हें, वनों की कटाई और विखंडन के साथ-साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष और अवैध शिकार के कारण निवास स्थान के नुकसान से महत्वपूर्ण खतरों का सामना करना पड़ता है और इसी कारण इनकी आबादी में कमी आई है।
4. कश्मीरी हरिण: कश्मीरी हरिण या हंगुल मध्य एशियाई लाल हिरण की एक अद्वितीय उप-प्रजाति है। यह मुख्यतः कश्मीर घाटी और हिमाचल प्रदेश के चम्बा ज़िले के उत्तरी भागों में पाया जाता है। इसे दुम पर हल्के धब्बों और बालों पर धब्बेदार भूरे रंग के कोट से पहचाना जा सकता है।
5. नीलगिरि ब्लू रॉबिन (Nilgiri Blue Robin): नीलगिरि ब्लू रॉबिन, एक पैसेराइन पक्षी है जो मुख्य रूप से दक्षिणी भारत के शोला जंगलों में पाया जा सकता है। अपने मोटे सफ़ेद पेट से पहचाने जाने वाले, ये पक्षी घने जंगलों में पाए जाते हैं और कठोर खड़खड़ाहट के साथ बार-बार आवाज़ करते हैं। किन्तु निवास स्थान के नुकसान के कारण, यह प्रजाति भी खतरे में है।
6. फ़्लेम-थ्रोटेड बुलबुल (Flame throated bulbul): फ़्लेम-थ्रोटेड बुलबुल, एक सुंदर और रंगीन पक्षी प्रजाति है जो केवल पश्चिमी घाट में पाई जाती है। फ़्लेम-थ्रोटेड बुलबुल गोवा का राज्य पक्षी भी है।
7. मोटल्ड वुड उल्लू (Mottled wood owl): मोटल्ड वुड उल्लू, भारत में पाए जाने वाले उल्लुओं की सबसे दिलचस्प प्रजातियों में से एक है। ये उल्लू, अपनी भयानक आवाज़ से अनजान लोगों को भयभीत कर सकते हैं। हालांकि, कुछ लोगों द्वारा उल्लू की आवाज़ को अपशकुन भी माना जाता है। उल्लू की यह प्रजाति केरल में मुख्य रूप से देखी जा सकती है।
8. मालाबार तोता: नीले पंखों वाला मालाबार तोता, मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक और तमिल नाडु राज्यों सहित दक्षिणी भारत की पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला में पाया जाता है। ये, विशेष रूप से, इन छेत्रों के सदाबहार और अर्ध-सदाबहार जंगलों में देखा जा सकता है।
9. नीलगिरि लंगूर: नीलगिरि लंगूर, जिसे नीलगिरि पत्ता बंदर या भारतीय हुड पत्ता बंदर भी कहा जाता है, दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट में पाए जाने वाले लंगूर की एक प्रजाति है। ये ज़्यादातर नीलगिरि पहाड़ियों, 'साइलेंट वैली नेशनल पार्क' और कूर्ग के कुछ हिस्सों में पाए जा सकते हैं।
10. वन उल्लू: गंभीर रूप से लुप्तप्राय वन उल्लू, केवल भारत में पाया जाता है। ये पक्षी अत्यंत दुर्लभ है । वर्तमान में, ये महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में कुछ स्थानों में देखा जा सकता है |
भारत में ऐसे कई चिड़ियाघर हैं जिनमें देसी और विदेशी लुप्तप्राय प्रजातियों के वन्यजीव पाए जाते हैं। यहां आप विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और प्रकृति और वन्य जीवन का अनुभव कर सकते हैं:
1. राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (National Zoological Park): 'राष्ट्रीय प्राणी उद्यान', दिल्ली के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है जहां वन्यजीवों, पक्षियों, स्तनधारियों, सरीसृपों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां आप, विभिन्न जानवरों जैसे एशियाई शेर, दरियाई घोड़े, दलदली हिरण, ज़ेबरा और कई अन्य जंगली प्रजातियों के जीवन और आदतों के बारे में जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। इस चिड़ियाघर में सरीसृपों और छिपकलियों की 100 से अधिक प्रजातियाँ हैं। प्रकृति और पशु प्रेमियों के लिए यह एक आदर्श स्थान है।
2. मैसूर चिड़ियाघर: इसे मूल रूप से 'श्री चामराजेंद्र प्राणी उद्यान' कहा जाता है। यह भारत के सबसे पुराने और बेहतरीन चिड़ियाघरों में से एक है जिसकी स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी। इस चिड़ियाघर के अंदर एक विशेष उद्यान है जो अत्यंत सुंदर और मनोरम है। यह चिड़ियाघर, प्रकृति, वन्य जीवन और पक्षियों की प्रजातियां का एक अनूठा मिश्रण है। इस चिड़ियाघर में आप सौ, से अधिक पक्षी, सरीसृप, स्तनधारी और अन्य प्रजातियाँ देख सकते हैं। यहां आप शुतुरमुर्ग, पेलिकन, चील, तोते, गिद्ध और कई अन्य पक्षी प्रजातियों को देख सकते हैं। यह चिड़ियाघर, 157 एकड़ भूमि में फैला है और कई परित्यक्त जानवरों का घर है। इस चिड़ियाघर के अंदर एक लेक पार्क भी है जिसमें सुंदर झरने हैं।
3. राजीव गांधी प्राणी उद्यान (Rajiv Gandhi Zoological Park): यह उद्यान पुणे के लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। इस चिड़ियाघर में आपको प्रकृति और वन्य जीवन का मनोरम संगम देखने को मिलेगा। इस चिड़ियाघर में कई लुप्तप्राय प्रजातियाँ हैं। चिड़ियाघर के एक हिस्से में एक सुंदर झील भी है।
4. इंदिरा गांधी प्राणी उद्यान (Indira Gandhi Zoological Park): यह चिड़ियाघर सुंदर पूर्वी घाट के बीच 'कम्बलकोंडा वन अभ्यारण्य' के अंदर स्थित है। यह 600 एकड़ से अधिक भूमि में फैला हुआ है। यहां विभिन्न जानवर और पक्षी हैं। यह आंध्र प्रदेश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है और इसमें प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के देखने के लिए कई क्षेत्र हैं। यह चिड़ियाघर समृद्ध वनस्पतियों और जीवों से भरा हुआ है। आप चिड़ियाघर के अंदर मिनी ट्रेन की सवारी का भी आनंद ले सकते हैं। यहां आप लीमर, बंदर, हिरण, प्यूमा, जगुआर, लकड़बग्घा, साही जैसे कई जानवरों और पक्षियों को देख सकते हैं।
5. अरिग्नार अन्ना प्राणी पार्क (Arignar Anna Zoological Park): अरिग्नार प्राणी उद्यान चेन्नई के वंडालूर में सबसे लोकप्रिय पिकनिक स्थलों में से एक है और भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। चिड़ियाघर की वनस्पति और जीव-जंतु अपनी तरह के अनोखे हैं और देखने में बेहद सुंदर हैं। यह 1260 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है जहां आप स्थानीय और विदेशी दोनों तरह के जानवर देख सकते हैं। इस चिड़ियाघर में हिमालयी भूरा भालू, शेर, बाघ, हाथी जैसे जानवरों के साथ जानवरों की 138 प्रजातियां देखी जा सकती हैं।
6. लखनऊ चिड़ियाघर (Lucknow Zoo): लखनऊ चिड़ियाघर को 'नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान' के नाम से भी जाना जाता है और ये पशु प्रेमियों और वन्यजीव प्रेमियों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। ये भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है और 71.6 एकड़ में फैला हुआ है। इसकी स्थापना, 1921 में 'प्रिंस ऑफ़ वेल्स' की लखनऊ यात्रा की स्मृति में की गई थी। यहां आप रॉयल बंगाल टाइगर, वाइट टाइगर, शेर, भेड़िया, ग्रेट पाइड हॉर्नबिल, गोल्डन तीतर और सिल्वर तीतर जैसे जानवर और पक्षी देख सकते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/ypxesk4c
https://tinyurl.com/3jbv9yn8
https://tinyurl.com/mtjamyz8
चित्र संदर्भ
1. लखनऊ चिड़ियाघर के मगरमच्छ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. संगाई हिरण को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. नीलगिरि तहर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. लायन टेल्ड मकाक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. नीलगिरि ब्लू रॉबिन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. फ़्लेम-थ्रोटेड बुलबुल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. मोटल्ड वुड उल्लू को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. मालाबार तोते को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
9. नीलगिरि लंगूर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
10. वन उल्लू को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)