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आपको जानकर हैरानी होगी कि ‘वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी त्वचा एक जीवित बुलबुले जितनी ही संवेदनशील होती है।’ यह सांस लेती है, अपशिष्ट का त्याग करती है, हमें हानिकारक किरणों तथा सूक्ष्मजीवों के हमलों से बचाती है, रक्त प्रवाह को नियंत्रित करती है और ज़रूरत पड़ने पर खुद की मरम्मत भी कर सकती है। हमारी स्पर्श भावना या संवेदनशीलता, एक बहुत ही लाभदायक और अनोखा गुण है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हम चीज़ों को कैसे छूते और महसूस करते हैं? इसके पीछे का विज्ञान क्या है?
आपके स्पर्श की भावना में दैहिक संवेदी तंत्र (Somatosensory System) बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रणाली में विशेष तंत्रिका रिसेप्टर्स (Nerve Receptors) शामिल होते हैं, जो आपको यह महसूस करने की अनुमति देते हैं कि कोई चीज़ आपकी त्वचा को छू रही है। इन रिसेप्टर्स को आमतौर पर स्पर्श रिसेप्टर्स (Touch Receptors) या दबाव रिसेप्टर्स (Pressure Receptors) के रूप में जाना जाता है। स्पर्श के अलावा, आपके दैहिक संवेदी तंत्र में तंत्रिका रिसेप्टर्स (Nerve Receptors) भी होते हैं जो दर्द और तापमान में परिवर्तन का पता लगाते हैं। रिसेप्टर्स का यह जटिल नेटवर्क आपको अपने पर्यावरण के साथ प्रभावी ढंग से बातचीत करने और प्रतिक्रिया करने में मदद करता है।
आपकी त्वचा में लगभग 5 मिलियन संवेदी तंत्रिका रिसेप्टर्स होते हैं। हालाँकि, आपका शरीर आंतरिक रूप से दर्द और दबाव का भी पता लगा सकता है, जैसा कि पेट दर्द या सिरदर्द के दौरान अनुभव होता है। जब आपकी त्वचा में स्पर्श, दर्द या गर्मी के कारण रिसेप्टर्स सक्रिय होते हैं, तो वे विद्युत आवेग (Electrical Impulses) उत्पन्न करते हैं, जो न्यूरॉन्स नामक विशेष कोशिकाओं तक जाते हैं। ये संवेदी न्यूरॉन्स (Sensory Neurons) एक रीले टीम (Relay Team) की तरह काम करते हैं, जो विद्युत संकेतों को एक न्यूरॉन से दूसरे तक पहुंचाते हैं जब तक कि वे रीढ़ की हड्डी तक नहीं पहुंच जाते। फिर रीढ़ की हड्डी, इस संकेत को मस्तिष्क तक भेजती है, जहां इसका आंकलन किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके दर्द रिसेप्टर्स, तंग- फ़िटिंग जूते से असुविधा का संकेत देते हैं, तो आपका मस्तिष्क दर्द को पहचानता है और आपके पैर की मांसपेशियों को आपके पैर की अंगुली को असुविधा के स्रोत से दूर करने का निर्देश देता है। इसी तरह, यदि आप किसी ठंडी चीज को छूते हैं, तो आपका मस्तिष्क कंपकपी पैदा करके प्रतिक्रिया करता है, और तुरंत आपकी ऊँगली को दूर करने का आदेश देता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल स्पर्श मात्र से कई विकारों एवं बिमारियों को दूर किया जा सकता है, जिसे स्पर्श चिकित्सा (Touch Therapy) के नाम से जाना जाता है। स्पर्श चिकित्सा ऊर्जा उपचार का एक रूप है, जिसमें एक्यूपंक्चर (Acupuncture), ताई ची (Tai Chi) और रेकी (Reiki) जैसी विभिन्न प्रथाएँ शामिल हैं। इन दृष्टिकोणों के पीछे एक आम धारणा यह है: "शरीर में एक प्राकृतिक ऊर्जा क्षेत्र (Natural Energy Field) होता है, जो मन-शरीर के रिश्ते से जटिल रूप से जुड़ा होता है, जो समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।" ऊर्जा उपचार के सिद्धांतों के अनुसार, हमारा स्वास्थ्य सबसे अच्छा तब होता है जब ऊर्जा पूरे शरीर में स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होती है। इस ऊर्जा प्रवाह में व्यवधान या असंतुलन से बीमारी, दर्द और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों सहित कई तरह की समस्याएँ हो सकती हैं। स्पर्श चिकित्सा में, चिकित्सक अपने हाथों का उपयोग करके इस ऊर्जा को नियंत्रित और निर्देशित करते हैं - जिसे बायोफ़ील्ड (Biofield) कहा जाता है।
यह पूरे शरीर में, उपचार को बढ़ावा देता है और शरीर की ठीक होने की सहज क्षमता को बढ़ाता है। हमारे शरीर में, स्वयं उपचार करने की उल्लेखनीय क्षमता होती है | चोट और बीमारी से उबरने के लिए अक्सर समय और सहायता की आवश्यकता होती है। स्पर्श चिकित्सकों का मानना है कि ऊर्जा उपचार तकनीक, इस प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया को सुगम बना सकती है।
स्पर्श चिकित्सा कई विकारों को दूर कर सकती है, जिनमें शामिल हैं:
-चिंताऔरतनावकोकमकरना।
-घावभरनेमेंतेज़ीलाना।
-प्रतिरक्षाप्रणालीकेकार्यकोबढ़ाना।
-दर्दकोकमकरना।
- मतली, थकान और कीमोथेरेपी के अन्य दुष्प्रभावों को कम करना।
- फ़ाइब्रोमायल्जिया (Fibromyalgia) और ल्यूपस (Lupus) जैसी पुरानी बिमारियों के लक्षणों में सुधार करना।
- थकान को कम करना और बेहतर नींद को बढ़ावा देना |
कई व्यक्ति स्पर्श चिकित्सा सत्र के बाद शांत और अधिक आराम महसूस करने की अनुभूति करते हैं।
स्पर्श चिकित्सा के दो प्रमुख रूप होते हैं:
हीलिंग टच और टच थेरेपी: हीलिंग टच (Healing Touch) और थेराप्यूटिक टच (Therapeutic Touch) दो अलग-अलग प्रथाएं हैं, जिनका उद्देश्य समग्र उपचार को बढ़ावा देना है, लेकिन दोनों के तरीके भिन्न-भिन्न होते हैं। हीलिंग टच के तहत, चिकित्सक, रोगी के शारीरिक संपर्क में नहीं आता है। इसके बजाय, चिकित्सक उपचार की सुविधा के इरादे से अपने हाथों को शरीर के विभिन्न हिस्सों के ऊपर रखता है। इसके विपरीत, चिकित्सीय स्पर्श (Therapeutic Touch) में, चिकित्सक को कोमल शारीरिक स्पर्श का उपयोग करना होता है। इन उपचारों के संदर्भ में बहुत ही सीमित अध्ययन किया गया है, और यह खासतौर पर चिंता या दर्द या कैंसर जैसी पुरानी स्थितियों से जूझ रहे लोगों पर केंद्रित हैं। टीटी (Therapeutic Touch) कुछ वृद्ध वयस्कों या पुरानी चिंता वाले लोगों की चिंता कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन इस बात के ज़्यादा सबूत नहीं हैं कि यह स्वस्थ लोगों के लिए काम करता है। दिलचस्प बात यह है कि, कुछ शुरुआती अध्ययनों के अनुसार, एचटी (Healing Touch) और टीटी दोनों हृदय की समस्याओं वाले रोगियों में चिंता को कम करने में मदद करते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2ynm8sg2
https://tinyurl.com/2c335u4b
https://tinyurl.com/22g3qhpb
चित्र संदर्भ
1. थेराप्यूटिक टच को दर्शाता चित्रण (Rawpixel)
2. तंत्रिका रिसेप्टर्स को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. फ़ुट मसाज को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. आभामंडल को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix) 5. हाथों के स्पर्श को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
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