रामपुर में कई स्थानों पर यदा-कदा एक प्रकार का पुष्प दिखाई दे जाता है जिसे सामान्य भाषा में मुर्गकेश नाम से भी जाना जाता है। यह पुष्प अपने विशिष्ट आकार प्रकार के लिए मुर्गकेश नाम से जाना जाता है। इस पुष्प का आकार मुर्गे की कलगी की तरह होता है। इसके इसी आकार के कारण इसे मुर्गकेश कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम सेलोसिया (Celosia) है जो कि एक खाने योग्य सजावटी पौधा है। इस पौधे का नाम प्राचीन ग्रीक शब्द केलियोस से आया है जिसका शाब्दिक अर्थ है जलना, इसका यह नाम इसके रंग की वजह से मिला है।
यह प्लान्टे समूह का सदस्य है, तथा एक आवृतबीजी पौधा है, यह अमरंथसीए परिवार का पौधा है। मुर्गकेश को बागानी के पौधे के रूप में प्रयोग में लाया जाता है परन्तु शायद ही कुछ लोग को पता हो कि इस पौधे को मैक्सिको, अफ्रीका आदि स्थानों पर सब्जी के रूप में इस्तमाल किया जाता है। इनका पत्ता स्वाद में पालक की तरह होता है तथा इनको काली मिर्च आदि के साथ पका कर खाया जाता है। भारत में इनका प्रयोग मात्र बागानी के पौधों के रूप में किया जाता है तथा ये यहाँ पर बोये भी जाते हैं।
रामपुर में इनका पौधा अपने आप ही उग जाता है जिसका कारण है पहले के पौधों से गिरा हुआ बीज जो कि समय आने पर फिर से अंकुरित हो जाता है। मुर्गकेश का पुष्प राइ के दाने की तरह बीज उत्पादित करता है तथा ये समय के साथ-साथ एक बड़े स्थान पर फ़ैल जाते हैं। मुर्गकेश भारत में किसी भी स्थान पर उग जाते हैं तथा ये कम रख रखाव में भी बड़े आकार के हो जाते हैं।
1. https://www.britannica.com/plant/Celosia
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Celosia
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