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आईने से लेकर मोबाइल स्क्रीन पर लगा कांच होता है कई प्रकार का, आइए जानें इसका इतिहास

लखनऊ

 24-06-2024 09:40 AM
म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

सुबह उठने पर खिड़की खोलने से लेकर नहाने के बाद तैयार होने में दर्पण के उपयोग तक या मोबाइल से लेकर कार तक, एक चीज़ सब में आम है वह है कांच। कांच एक ऐसी सामग्री है, जिसका प्रयोग दैनिक कार्यों में प्रयोग आने वाली अधिकांश वस्तुओं एवं उपकरणों में होता है, फिर भी इसके महत्व पर अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता है। कांच हमारे जीवन में एक आवश्यक भूमिका निभाता है। तो आइए, आज कांच की इस आकर्षक दुनिया के इतिहास का अन्वेषण करें। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के कांच और इनकी विशेषताओं के विषय में भी जानते हैं। साथ ही दो सबसे प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कांच 'बोहेमियन कांच' और इटली(Italy) के 'मुरानो कांच' की विशेषताएं जानते हैं। कांच के निर्माण की शुरुआत १५०० ईसा पूर्व मिस्र (Egypt) और मेसोपोटामिया (Mesopotamia) में हुई थी। पहले कांच निर्माताओं ने ‘ओब्सीडियन’ (Obsidian) नामक प्राकृतिक कांच को नरम करके रेत या मिट्टी के एक कोर के चारों ओर लपेटकर और फिर इसे ठंडा करके और कोर की सामग्री को हटाकर आकार दिया था। अगले दशक के दौरान, कांच के निर्माण का व्यापक प्रसार हुआ। निर्माताओं ने इस बात पर ध्यान दिया कि कांच की मजबूती बढ़ाने, पारदर्शिता या विशिष्ट रंग प्राप्त करने के लिए इसमें विभिन्न सामग्रियों को कैसे जोड़ा जा सकता है। कांच का उपयोग मुख्यतः शाही परिवारों द्वारा या धार्मिक समारोहों के लिए किया जाता था। लगभग ३०० ईसा पूर्व में कुछ सीरियाई (Syrian) कांच निर्माताओं ने कई आकार और मोटाई में कांच उड़ाने वाली नली का आविष्कार किया।
कई विनिर्माण तकनीकों के उपयोग के साथ, रोमनों(Roman) ने पहली शताब्दी ईसा पूर्व में कांच बनाने में क्रांति ला दी। उन्होंने दर्पण का निर्माण भी शुरू किया। रोमन सम्राट के पतन के साथ-साथ कांच बनाने की उत्कृष्ट कला का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया। पश्चिमी यूरोप(Western Europe) में, मध्यकालीन चर्चों के लिए इन-विट्रो (in-vitro) खिड़कियों के निर्माण के लिए सपाट कांच का उपयोग किया जाने लगा। लगभग ६५० ईसवी में सीरियाई कांच निर्माताओं ने एक क्रांतिकारी कांच निर्माण विधि से घुमावदार कांच विकसित किया, जिसका उपयोग १९ वीं शताब्दी के अंत तक खिड़कियों में किया जाता था। १३ वीं शताब्दी के अंत तक वेनिस (Venice) ने चपटे शीशे की तकनीक में महारत हासिल कर ली। सभी कांच निर्माण घराने मुरानो के प्रसिद्ध द्वीप में चले गए और वेनिस की तकनीक पूरे यूरोप में फैल गई। इस बीच, जर्मनी (Germany), उत्तरी बोहेमिया (North Bohemia) और इंग्लैंड (England) ने भी कांच निर्माण में महारत हासिल कर ली, लगभग इसी अवधि में फ्रांसीसियों (the French) ने कांच की शीट का उत्पादन शुरू किया। १७७३ में 'ब्रिटिश कांच कंपनी' की स्थापना के साथ, इस क्षेत्र में इंग्लैंड दुनिया का केंद्र बन गया। १९२०-१९३० के दशक के दौरान, "पुल" (Pull) तकनीक से कांच निर्माण किया जाने लगा। १९५० के दशक में एलेस्टेयर पिलकिंगटन (Alastair Pilkington) द्वारा 'फ्लोट' (Float) तकनीक के विकास के बाद कांच का उत्पादन हमेशा के लिए बदल गया। आज, विश्व का ९० % सपाट ग्लास अभी भी उपरोक्त तकनीक के उपयोग से उत्पादित किया जाता है।
कांच निर्माण प्रक्रिया में उपयोग की जाने वाली ऊष्मा की मात्रा से अंतिम कांच उत्पाद की मजबूती निर्धारित होती है। इस प्रक्रिया में जितनी अधिक ऊष्मा का उपयोग किया जाता है, कांच उतना ही अधिक मजबूत होता है।
निर्माण प्रक्रिया के आधार पर कांच को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: अनीलीकृत ग्लास (Annealed Glass) - आज इस प्रकार के कांच का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है। आपके घरों में कांच की जो खिड़कियां लगी हुई हैं, उनमें अधिकांशतः इसी कांच का उपयोग किया जाता है। इस कांच के निर्माण में फ्लोट विधि (float method) का उपयोग किया जाता है, जिसमें पिघला हुआ कांच लगातार टिन की शीट पर डाला जाता है। टिन का गलनांक कांच की तुलना में कम होता है, जिसके कारण टिन के ऊपर ठंडा होने पर कांच जम जाता है। टिन पर पिघले हुए कांच के प्रवाह को समायोजित करके कांच की मोटाई को नियंत्रित किया जा सकता है। एक बार जब कांच जम जाता है, तो इसे अनीलीकृत ओवन में ठंडा किया जाता है। अनीलीकृत कांच अपेक्षाकृत नाजुक होता है क्योंकि इसमें सतह ताप संपीड़न की मात्रा कम होती है। जब यह कांच टूटता है, तो यह छोटे और अनियमित आकार के टुकड़ों में बिखर जाता है। ऊष्मोपचारित कांच (Heat-Treated Glass) - यह कांच अनीलीकृत कांच से दोगुना मजबूत होता है। इसे अनीलीकृत कांच को उसके नरम बिंदु (१२०० डिग्री फ़ारेनहाइट) तक गर्म करके, फिर पानी का उपयोग करके जल्दी से ठंडा करके तैयार किया जाता है। पानी कांच की सतह को आंतरिक भाग की तुलना में तेजी से ठंडा करता है, जिससे सतह पर अतिरिक्त संपीड़न होता है। ऊष्मोपचारित कांच मानक अनीलीकृत कांच की तुलना में गर्मी, हवा और स्वयं से टकराने वाली वस्तुओं के प्रति अधिक प्रतिरोधी होता है। तापीय संस्कारित कांच (Thermally Tempered Glass) - यह कांच अनीलीकृत कांच से चार गुना मजबूत होता है और तापमान परिवर्तन के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी होता है। इसे बनाने की प्रक्रिया में ताप-उपचार विधि की मात्रा को बढ़ाकर उच्चतम मात्रा में सतह संपीड़न प्रदान किया जाता है। टूटने पर तापीय संस्कारित कांच के जो छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं, वे अनीलीकृत कांच के टुकड़ों की तुलना में कम खतरनाक होते हैं। तापीय संस्कारित कांच उन क्षेत्रों के लिए आदर्श है जहां कांच टूटने की संभावना होती है, जैसे कार की विंडशील्ड(windshield)। स्तरित कांच (Laminated Glass) - उपरोक्त कांच के सभी प्रकारों को स्तरित भी किया जा सकता है। स्तरित कांच सुरक्षा की दृष्टि से लाभदायक होते हैं। टूटने पर स्तरित कांच टुकड़ों में नहीं बिखरता है, बल्कि अंतर-परत द्वारा एक साथ रखा जाता है, जिससे टूटे हुए कांच के टुकड़ों से जुड़े सुरक्षा खतरे कम हो जाते हैं।
सदियों से, बोहेमियन (Bohemian) कांच को यूरोप (Europe) के सबसे क़ीमती और सबसे विशिष्ट लक्जरी (luxury) उत्पादों में से एक माना जाता रहा है। बोहेमिया में खिड़कियों के रंगीन कांच से लेकर क्रिस्टल (crystal) स्पष्ट और जटिल रूप से कटे हुए झूमरों तक कांच बनाने की तकनीकों की विस्तृत श्रृंखला का उपयोग किया जाता है। वर्तमान चेक गणराज्य (Czech Republic) में स्थित बोहेमिया दुनिया भर में कांच बनाने की अपनी लंबी और प्रसिद्ध परंपरा के लिए पहचाना जाता है, जिसका श्रेय स्थानीय क्षेत्र में पाए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता को जाता है।
यह भूमि पोटाश से समृद्ध है, जिससे बोहेमिया के प्रसिद्ध क्रिस्टल स्पष्ट कांच की कई किस्मों का उत्पादन किया जाता है। यहां कांच बनाने की परंपरा सबसे पहले १५४८ में चेक भूमि के सबसे पश्चिमी क्षेत्र में क्रिस्टल वैली में प्राकृतिक पर्वत क्रिस्टल का उपयोग करके शुरू हुई थी। फिर, १६८८ में, माइकल मुलर (Michael Müller) ने पोटाश और चाक का उपयोग करके मानव निर्मित क्रिस्टल कांच बनाने की एक विधि विकसित की। इस तकनीक का उपयोग अधिकांश बोहेमियन कांच कारखानों द्वारा किया जाने लगा। इस तकनीक को डैनियल स्वारोवस्की (Daniel swarovski) द्वारा एक नए युग में लाया गया, जिन्होंने १८९५ में मशीन द्वारा बोहेमियन कांच क्रिस्टल को काटने का एक तरीका खोजा और अपने ही नाम की प्रसिद्ध कंपनी की स्थापना की। बोहेमियन कांच लैंप और पेंडेंट (bohemian glass lamps and pendants) पहली बार १७वीं शताब्दी के अंत में कामेनिकी सेनोव (Kamenicky Senov) में बनाए गए थे। पहली बोहेमियन कांच झूमर फैक्ट्री (glass chandelier factory) की स्थापना १७२४ में प्राचेन (Prachen) में जोसेफ पाल्मे (Josef Palme) द्वारा की गई थी। उच्च गुणवत्ता वाले मुरानो कांच को कांच की वास्तविक कलाकृतियां माना जाता है, जिसे केवल यहां के विशिष्ट कारीगरों द्वारा बनाया जाता है। मुरानो (Murano) कांच उत्तरी इटली (Northern Italy) के वेनिस (Venice) शहर के भीतर स्थित मुरानो द्वीप (Island of Murano) पर बनाया जाता है। यह कांच सिलिका, सोडा, चूना और पोटेशियम को एक विशेष भट्ठी में १५०० डिग्री सेल्सियस के तापमान पर एक साथ पिघलाकर बनाया जाता है। एक बार जब उपरोक्त सामग्री का उपयोग करके कांच का मिश्रण तैयार हो जाता है, तो कांच को जीवंत रंग और डिजाइन देने के लिए इसमें अक्सर विभिन्न खनिजों के साथ असली २४ K सोने या चांदी की बहुत पतली परतें डाली जाती हैं।
परिणामी तरल कांच मिश्रण को 'मिलफियोरी' (Millefiori), 'सोमरसो' (Sommerso), 'रेटिसेलो' (Reticello), और कई अन्य जैसी विशेष तकनीकों का उपयोग करके विस्तृत चरणों की एक श्रृंखला में कांच निर्माताओं द्वारा मुंह से उड़ाकर या हाथ से आकार दिया जाता है। इस कांच में रंग केवल खनिजों का उपयोग करके प्राप्त किए जाते हैं, इसलिए चित्रित रंगों के विपरीत, वे कभी फीके नहीं पड़ते। उदाहरण के लिए, सफेद रंग के लिए जस्ता, नीले रंग के लिए कोबाल्ट(cobalt), बैंगनी रंग के लिए मैंगनीज(manganese), लाल रंग के लिए सोना मिलाया जाता है। मुरानो की विशेष कांच उड़ाने की प्रक्रिया एक हजार साल से अधिक पुरानी है। आज मुरानो की कांच बनाने की कला वेनिस गणराज्य में मुख्य उद्योगों में से एक बन गई है। कांच बनाने की मुरानो की विशेष पद्धति के परिणामस्वरूप, समृद्ध रंग और सुंदर, कभी-कभी अतियथार्थवादी, पैटर्न और आकार वाली अनूठी रचनाएं प्राप्त होती हैं, जो वास्तविक कलाकृतियां होती हैं।

संदर्भ

https://tinyurl.com/mw7r88de
https://tinyurl.com/mzuf8fcn
https://tinyurl.com/af7shnkd
https://tinyurl.com/w4pc22dt

चित्र संदर्भ
1. आईने और मोबाइल स्क्रीन पर लगे कांच को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel, pixels)
2. ओब्सीडियन’ नामक प्राकृतिक कांच को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. 16वीं सदी की रंगीन कांच की खिड़की को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. अनीलीकृत ग्लास को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. ऊष्मोपचारित कांच को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. ग्लास ब्लो को दर्शाता एक चित्रण (Wannapik)
7. तापीय संस्कारित कांच को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
8. स्तरित कांच को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. मुरानो कांच को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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