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इस नए ज़माने में एक पल नहीं लगता और आपकी नज़रों के आगे मनोंरजन का ख़जाना तैरने लगता है। चुटकुले, शायरी, संगीत, सिनेमा और न जाने क्या कुछ, आपकी उँगलियों के इशारों पर नाचते हैं। बोर होना अब गुज़रे समय की बात हो गई है। लेकिन गुज़रा समय इतना भी बोरिंग या उबाऊ नहीं था। गुजरे समय में भी मनोरंजन का एक ऐसा ज़रिया हुआ करता था, जिस ज़रिये की अनुभूति लेने के लिए उस समय के बच्चे-बूढ़े लोग कई किलोमीटर दूर पैदल चले जाया करते थे। हालांकि वह जरिया आज भी कायम है, लेकिन अब उसे उतना भी पसंद नहीं किया जाता, जितना कि आज से 15 या 20 साल पहले किया जाता था। उस ज़रिये का नाम है, "सर्कस”।
सर्कस का खेल अपेक्षाकृत नया है, लेकिन प्राचीन रोम में इसके कुछ रूप ज़रूर प्रचलित थे। विशाल रोमन अखाड़ों का इस्तेमाल ग्लैडिएटर की लड़ाई (Gladiatorial Fights), रथ दौड़, नकली लड़ाई सहित कई अन्य हिंसक खेलों के प्रदर्शन के लिए किया जाता था। इनमें सबसे प्रसिद्ध 'सर्कस मैक्सिमस (Circus Maximus)' १००० से अधिक वर्षों तक चला था। हालाँकि ये हिंसक कार्यक्रम आधुनिक सर्कस से अलग प्रतीत होते हैं, लेकिन जानवरों को प्रशिक्षित और उनसे परेड कराने जैसी परंपराएँ इन्हीं प्राचीन रोमन सर्कसों से शुरू हुई हैं।
रोमन के अलावा, अन्य प्राचीन सभ्यताओं में भी आधुनिक सर्कसों के भांति कुछ करतब किए जाते थे। कलाबाज़ी और संतुलन के कार्य, साथ ही करतब दिखाने का काम प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। उदाहरण के लिए, इस तरह के प्रदर्शन मिस्र में 2500 ईसा पूर्व में दर्ज किए गए थे। यूनानियों को रस्सी पर नृत्य करने के लिए जाना जाता था, आरंभिक अफ्रीकी सभ्यताओं ने लोकगीतों के नृत्यों को कलाबाजी के साथ जोड़ा था। इसके अलावा प्राचीन चीनी लोग अपने शाही दरबार में कलाबाजी करते थे और करतब दिखाते थे। जोकर भी लगभग हर संस्कृति और युग में मौजूद रहे हैं, जो अक्सर हास्य नाटकों में या एकल मनोरंजनकर्ता के रूप में दिखाई देते हैं।
हालांकि कई शताब्दियों तक मनोरंजन के ये सभी रूप एक साथ मिलकर सर्कस के रूप में विकसित नहीं हुए थे। इसके बजाय, व्यक्तिगत कलाकार या विशेष कौशल वाले छोटे समूह ही यूरोप, अफ्रीका और एशिया में यात्रा करते थे। ये घूमते-फिरते मनोरंजनकर्ता कुलीन हॉल, सामुदायिक कार्यक्रमों और बाज़ारों में प्रदर्शन करते थे। 9वीं शताब्दी में, इंग्लैंड के राजा अल्फ्रेड द ग्रेट (Alfred the Great) को जंगली जानवरों के शो खूब पसंद आए, और 11वीं शताब्दी में, विलियम द कॉन्करर (William the Conqueror) द्वारा रस्सी पर चलते हुए नृत्य करने वालों, टंबलर (Acrobats) आदि के समूहों को फ्रांस से इंग्लैंड बुलाया गया।
सर्कस के विकास (विशेष रूप से 7वीं शताब्दी से लेकर मध्यकालीन काल तक यूरोप में) में मेलों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शुरुआत में, मेले व्यापार का केंद्र हुआ करते थे, लेकिन जैसे-जैसे नियमित मार्केटिंग चैनल विकसित हुए, वैसे-वैसे मेले भी मनोरंजन पर ज़्यादा केंद्रित हो गए। इनमें कलाबाज़ी, कौशल के करतब, प्रशिक्षित जानवर और अन्य तत्व दिखाए जाते थे, जो बाद में सर्कस का अभिन्न अंग बन गए। हालाँकि, 18वीं सदी के अंत तक, मेलों में जालसाजों, चोरों और आवारा लोगों की बढ़ती संख्या के कारण मेलों को नकारात्मक रूप से देखा जाने लगा, जिससे मनोरंजन स्थलों के रूप में उनकी भूमिका कम हो गई।
आज हम जिस आधुनिक सर्कस को जानते हैं, उसकी शुरुआत इंग्लैंड में एक अंग्रेज घुड़सवार, सर्कस मालिक और आविष्कारक रहे फिलिप एस्टली (Philip Astley) (1742-1814) द्वारा की गई थी। एस्टली मूल रूप से एक घुड़सवार सेना सार्जेंट-मेजर (Sergeant-Major) थे।
1768 में, एस्टली ने लंदन में वेस्टमिंस्टर ब्रिज (Westminster Bridge) के पास एक राइडिंग स्कूल (Riding School) की स्थापना की। उन्होंने अपने छात्रों को सुबह के समय घुड़सवारी के पाठ पढ़ाए और दोपहर में अपने घुड़सवारी कौशल का प्रदर्शन किया। उस समय, लंदन का थिएटर दृश्य विकसित हो रहा था| इसी बीच एस्टली ने दर्शकों के सामने "सर्कस" या "रिंग" नामक एक गोलाकार प्रदर्शन क्षेत्र पेश किया, जिससे दर्शकों के लिए उनका प्रदर्शन बेहतर ढंग से देखना आसान हो गया।
1770 तक, एक कलाकार के रूप में एस्टली की प्रसिद्धि काफी बढ़ गई, और अपने शो को और अधिक रोमांचक बनाने के लिए, वह अपने प्रदर्शनों में कलाबाजों, रस्सी-नर्तकियों, बाजीगरों और जोकरों को भी शामिल करने लगे। जोकर मुख्य प्रदर्शनों के बीच हास्यपूर्ण कृत्यों के साथ दर्शकों का मनोरंजन करते थे, जिससे आधुनिक सर्कस का जन्म हुआ, जिसमें घुड़सवारी के प्रदर्शन के साथ ताकत और चपलता के करतब भी शामिल थे।
एस्टली के सर्कस का विचार और इसका प्रभाव इंग्लैंड से बाहर भी फैल गया। 1782 में, उन्होंने पेरिस में पहला सर्कस, एम्फीथिएटर अंग्लेज़ (Amphitheatre Anglaise) खोला। लगभग उसी समय, उनके पूर्व कर्मचारी, चार्ल्स ह्यूजेस (Charles Hughes) ने चार्ल्स डिबडिन (Charles Dibdin) के साथ लंदन में एक प्रतिद्वंद्वी सर्कस शुरू किया, जिसे उन्होंने रॉयल सर्कस और इक्वेस्ट्रियन फिलहारमोनिक अकादमी (The Royal Circus and Equestrian Philharmonic Academy) नाम दिया गया।
सर्कस जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल गया। 1793 में, चार्ल्स ह्यूजेस (Charles Hughes) ने रूस में कैथरीन द ग्रेट (Catherine the Great) के लिए प्रदर्शन किया और ह्यूजेस के छात्रों में से एक जॉन बिल रिकेट्स (John Bill Ricketts) ने संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला सर्कस खोला। 1797 तक, रिकेट्स ने मॉन्ट्रियल में पहला कनाडाई सर्कस भी स्थापित किया था। उनके प्रतिद्वंद्वी, फिलिप लेल्सन ने 1802 में मैक्सिको में सर्कस की शुरुआत की
रेडियो, टीवी या फिल्मों के उदय से पहले, अमेरिका के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए लाइव मनोरंजन (Live Entertainment) बेहद दुर्लभ हुआ करता था। बड़े शहरों में थिएटर तो ज़रूर थे, लेकिन वहां भी पेशेवर शो नहीं होते थे। इसके बाद अमेरिका में सर्कस का स्वर्ण युग शुरू हुआ, जिसका नेतृत्व बार्नम (Barnum), बेली (Bailey) और रिंगलिंग ब्रदर्स (Ringling Bros) जैसे कलाकारों ने किया। बार्नम ने अपने करियर की शुरुआत टिकट बेचकर की थी और एक छोटे से सर्कस में एक मसखरे के रूप में प्रदर्शन किया। फिनीस टेलर "पी.टी." बार्नम, अपने प्राकृतिक प्रदर्शन के साथ, शानदार शो बनाने में माहिर थे। उन्हें प्रभावशाली शो बनाने की उनकी क्षमता के लिए एक "ऑल-अमेरिकन हकस्टर (All-American Huckster)" के रूप में जाना जाता था। 1870 में, पी.टी. बार्नम ने अपने ग्रैंड और ट्रैवलिंग सर्कस (Traveling Circus), मेनगेरी (Menagerie), कारवां और सर्कस की स्थापना की, जिसने अपने पहले ही वर्ष में $ 400,000 कमा दिए।
चलिए अब दुनियां के कुछ सबसे प्रसिद्ध सर्कसों पर एक नज़र डालते हैं:
1. सर्क वर्गास “Cirque Vargas” (संयुक्त राज्य अमेरिका): 1960 के दशक के मध्य में स्थापित, यह उन कुछ सर्कसों में से एक है जो अभी भी पारंपरिक तंबू में प्रदर्शन करते हैं।
2. सर्क डू सोलेइल “Cirque du Soleil” (कनाडा): 1984 में स्थापित, यह एक समकालीन सर्कस है, जिसे अपने अभिनव और नाटकीय प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
3. सर्क मेड्रानो “Cirque Medrano” (फ्रांस): 1875 में स्थापित, सर्क फर्नांडो परिवार और रॉबर्ट ऑस्टेन ब्रदर्स (Robert Austen Brothers) द्वारा स्थापित, एक फ्रांसीसी सर्कस है, जिसे अपने विविध प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
4. सर्क क्रोन “Cirque Krone” (जर्मनी): 1905 में स्थापित, यह सर्कस यूरोप के सबसे बड़े सर्कसों में से एक है और अपने पारंपरिक प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
5. सर्कस ओज़ ‘’Circus Oz' (ऑस्ट्रेलिया): 1978 में स्थापित, यह एक समकालीन सर्कस है, जिसे अपने रॉक'एन'रोल (rock'n'roll) और व्यंग्यात्मक प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
6. सर्कस सिर्कोर “Circus Cirkor” (स्वीडन): 1995 में स्थापित, यह एक समकालीन सर्कस है, जिसे अपने वाडेविल (vaudeville) और विविधतापूर्ण शो से प्रेरित प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
7. सर्कस रेडिकुलस “Circus Ridiculous” (संयुक्त राज्य अमेरिका): 1995 में स्थापित, इस सर्कस को अपने प्रतिभाहीन प्रदर्शनों और पंक-रॉक शैली (Punk Rock) के लिए जाना जाता है।
8. लेनन ब्रोस सर्कस “Lennon Bros Circus” (ऑस्ट्रेलिया): 1890 के दशक में स्थापित, यह एक पारंपरिक सर्कस है, जिसे अपने जानवरों के करतब और बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
9. मॉस्को स्टेट सर्कस ‘Moscow State Circus’ (रूस): 1971 के दशक में विभिन्न रूपों में स्थापित, यह अपने पारंपरिक प्रदर्शनों और बड़े पैमाने पर प्रस्तुतियों के लिए जाना जाता है।
10. नोफिट स्टेट सर्कस ‘Nofit State Circus’ (वेल्स): 1980 के दशक में स्थापित, यह एक समकालीन सर्कस है, जिसे अपने शानदार अभिनव और नाटकीय प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/36hffam6
https://tinyurl.com/wskfavpk
https://tinyurl.com/y8hwt8uw
https://tinyurl.com/222kzeh9
चित्र संदर्भ
1. ग्लैडिएटर की लड़ाई और आधुनिक सर्कस को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia,Peakpx)
2. ग्लैडिएटर की लड़ाई को संदर्भित करता एक चित्रण (Look and Learn)
3. तीसरी शताब्दी ई.पू. में चार घोड़ों के साथ सर्कस के एक दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (worldhistory)
4. फिलिप एस्टली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. एम्फीथिएटर अंग्लेज़ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. 6 अप्रैल 1768 में पहले आधुनिक सर्कस के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. फिनीस टेलर "पी.टी." बार्नम को संदर्भित करता एक चित्रण (PICRYL)
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