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अमेरिकी फार्मा कंपनियां जॉनसन एंड जॉनसन व एली लिली हैं विश्व में स्वास्थय की अभिभावक देवदूत

लखनऊ

 10-06-2024 09:38 AM
कोशिका के आधार पर

जैसा की हम जानते हैं, आज मामूली सर दर्द से लेकर कैंसर जैसी भयावह बीमारी के उपचार में फार्मास्यूटिकल्स (pharmaceuticals) बेहद महत्वपूर्ण हैं। वास्तव में फार्मास्यूटिकल विशेष रसायन या पदार्थ होते हैं जो बीमारियों का इलाज करने में मदद करते हैं, या बीमार होने पर हमें बेहतर महसूस कराते हैं। इन्हें वैज्ञानिकों और डॉक्टरों द्वारा बनाई गई जादुई औषधि भी माना जा सकता है। इन फार्मास्यूटिकल को बनाने वाली फार्मास्युटिकल कंपनियाँ विशाल प्रयोगशालाओं की तरह होती हैं जहाँ वैज्ञानिक नई दवाओं की खोज के लिए अथक प्रयास करते हैं। वे यह अध्ययन करते हैं कि बीमारियाँ कैसे काम करती हैं और फिर उन्हें शुरुआत में ही रोकने के लिए तरीके खोजते हैं। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत सारे प्रयोग एवं परीक्षण भी किए जाते हैं कि दवाएं सुरक्षित और प्रभावी हैं। अधिकांश मायनों में, दुनिया की सबसे बड़ी दो फार्मा कंपनियां, जिनका मुख्यालय अमेरिका (America) में है - ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ (Johnson & Johnson, J&J) और ‘एली लिली’ (Eli Lilly) यकीनन आम जनता के बीच सबसे प्रसिद्ध दवा निर्माताओं में से हैं। तो आइए आज हम जॉनसन एंड जॉनसन और एली लिली के इतिहास पर एक नज़र डालते हैं, और यह भी देखते हैं कि कैसे ये दोनों कंपनियां पिछले 70 सालों से भारत में अपनी जड़ें फैला रही हैं। इसके साथ ही भारत में एली लिली की वज़न घटाने वाली दवा 'ज़ेपबाउंड' (Zepbound) के विषय में भी जानते हैं, जिससे इसकी हिस्सेदारी लगभग 6% बढ़ जाती है। वास्तव में जॉनसन एंड जॉनसन केवल एक कंपनी नहीं है, यह स्वास्थ्य सेवा की दुनिया में एक अभिभावक देवदूत की तरह है। जॉनसन एंड जॉनसन की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक इसके उत्पादों की विविध श्रृंखला है। बैंड-एड (Band-Aid) से लेकर बेबी शैंपू तक, दवाओं से लेकर चिकित्सा उपकरणों तक, जॉनसन एंड जॉनसन के पास हर स्वास्थ्य संबंधी समस्या का समाधान है। इसके साथ ही नवाचार और गुणवत्ता के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता ने इसे लाखों लोगों का भरोसेमंद नाम बना दिया है। 'जॉनसन एंड जॉनसन' कंपनी की स्थापना 125 साल पहले 1886 में, तीन भाइयों - रॉबर्ट वुड जॉनसन, जेम्स वुड जॉनसन और एडवर्ड मीड जॉनसन - ने संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यू ब्रंसविक, न्यू जर्सी (New Brunswick, New Jersey, United States) में की थी। कहा जाता है कि 1885 में वकील जोसेफ लिस्टर का भाषण सुनने के बाद, जॉनसन बंधुओं को उपयोग के लिए तैयार सर्जिकल ड्रेसिंग (surgical dressing) की एक श्रृंखला बनाने के लिए व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा मिली। J&J द्वारा पहली व्यावसायिक प्राथमिक चिकित्सा किट शुरूआत में रेलकर्मियों की मदद के लिए डिज़ाइन की गई थी, लेकिन जल्द ही यह चोटों के इलाज में मानक अभ्यास बन गई। 1894 में, कंपनी ने मातृत्व किट लॉन्च की और इसके साथ ही कंपनी का विरासत शिशु व्यवसाय शुरू हो गया। 1896 और 1897 के बीच, कंपनी ने बड़े पैमाने पर स्वच्छता सुरक्षा उत्पादों का निर्माण करके महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया। 1949 में J&J ने उत्पाद लाइन का विस्तार और विविधता के उद्देश्य से एक अलग कंपनी 'एथिकॉन' (Ethicon) का अधिग्रहण किया। यह कंपनी सर्जिकल टांके और घाव बंद करने वाले उपकरणों का निर्माण करती है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, दुनिया भर में सर्जिकल टांके में एथिकॉन की बाज़ार हिस्सेदारी 15% से बढ़कर 70% हो गई। 1959 में, J&J ने अमेरिका में मैकनील लेबोरेटरीज़ (McNeil Laboratories) और यूरोप में सिलाग केमी, एजी (Cilag Chemie A.G) का अधिग्रहण किया। इन दो अधिग्रहणों के बाद कंपनी ने पहली बार फार्मास्युटिकल दवाओं के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज़ की। 1961 में बेल्जियम की जैनसेन (Janssen) फार्मास्युटिका भी J&J में शामिल हो गई। इसके संस्थापक, डॉ. पॉल जैनसेन (Dr Paul Janssen) को 20वीं सदी के सबसे नवोन्वेषी और विपुल फार्मास्युटिकल शोधकर्ताओं में से एक माना जाता है। J&J के नाम के तहत जैनसेन अब तीन अलग-अलग व्यवसायों में विभाजित है - जैनसेन रिसर्च एंड डेवलपमेंट, जैनसेन हेल्थकेयर इनोवेशन और जैनसेन डायग्नोस्टिक्स। 1976 और 1989 के बीच, J&J ने दृष्टि देखभाल, यांत्रिक रूप से घाव बंद करने (mechanical wound closure) और मधुमेह प्रबंधन के क्षेत्रों में प्रवेश किया। इसी दौरान J&J ने चीन और मिस्र में पहली संचालन कंपनियां खोलीं। 1994 में, J&J द्वारा पहला कोरोनरी स्टेंट (coronary stent) बनाया गया, जिसे ‘पामाज़-शैट्ज़ स्टेंट’ (Palmaz-Schatz stent) कहा जाता था। इस कदम ने कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में क्रांति ला दी। बाद में, J&J की एक अन्य कंपनी, ‘कॉर्डिस कॉर्पोरेशन’ ने धमनियों को फिर से अवरुद्ध होने से रोकने में मदद के लिए पहला ड्रग-एल्यूटिंग स्टेंट (drug-eluting stent) पेश किया। कॉर्डिस की स्थापना 1959 में मियामी में हुई थी और यह हृदय रोग से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए चिकित्सा उपकरणों का विकास और उत्पादन करता है। 2006 में, J&J ने 16.6 बिलियन डॉलर नकद में 'फाइजर कंज्यूमर हेल्थकेयर' (Pfizer Consumer Healthcare) का अधिग्रहण किया। 2017 में J&J ने 30 बिलियन डॉलर में 'स्विस बायोटेक एक्टेलियन' (Swiss biotech Actelion) का अधिग्रहण करके अपना अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण सौदा किया। हमारे देश भारत में जॉनसन एंड जॉनसन की शुरुआत 70 साल पहले हुई। तब से, कंपनी द्वारा भारत में लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए कई नवीन विचार, उत्पाद और सेवाएं प्रस्तुत की गई हैं। कंपनी में आज 3,500 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। और मुख्य रूप से तीन व्यावसायिक क्षेत्रों में संगठित है: उपभोक्ता स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा उपकरण और फार्मास्यूटिकल्स। उपभोक्ता स्वास्थ्य सेवा उत्पादों में शिशु देखभाल, स्त्री स्वच्छता, चेहरे की देखभाल, मौखिक देखभाल आदि के लिए जॉन्सन बेबी, स्टेफ्री, क्लीन एंड क्लियर, बेनेड्रिल, लिस्टरीन, बैंड-एड और ORSL™ जैसे ब्रांड शामिल हैं। भारत और दुनिया भर में उपभोक्ताओं और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों द्वारा कंपनी पर आँख मूंदकर भरोसा किया जाता है। भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के इतिहास को निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
1947: जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में अपनी जड़ें फैलाईं।
1957: जॉनसन एंड जॉनसन को भारत में निगमित किया गया।
1959: उपभोक्ता उत्पादों के लिए पहली विनिर्माण सुविधा मुंबई में स्थापित की गई।
1962: पहली चिकित्सा उपकरण विनिर्माण सुविधा (Sutures) स्थापित की गई।
1968: जॉनसन एंड जॉनसन ने सेनेटरी नैपकिन का निर्माण शुरू किया।
1975: एक फार्मास्युटिकल और नैतिक उत्पाद विनिर्माण सुविधा की स्थापना की गई।
1975: विक्रिल® ने बाज़ार में प्रवेश किया।
1989: एथिकॉन प्लांट को 'राष्ट्रपति सुरक्षा पुरस्कार' प्राप्त हुआ।
1993: हेल्थकेयर पेशेवरों के लिए पहला व्यावसायिक शिक्षा संस्थान स्थापित किया गया।
1998: जॉनसन एंड जॉनसन ने DePuy का अधिग्रहण किया।
1999: एक विश्लेषणात्मक और फार्मास्युटिकल विकास R&D केंद्र खुला।
2009: कंपनी ने बाल जीवन रक्षा में सहायता के लिए 'इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स' (Indian Academy of Paediatrics) के साथ साझेदारी शुरू की।
2013: उपभोक्ता उत्पादों के लिए एक नई विनिर्माण सुविधा का निर्माण शुरू हुआ।
2015: कंपनी ने भारत में टाइप 2 मधुमेह चिकित्सा की एक नई श्रेणी लॉन्च की।
2015: कंपनी ने मेडिकल उपकरण स्नातकोत्तर कार्यक्रम के लिए NIPER के साथ साझेदारी की।
2016: कंपनी ने MDR_TB पर भारत सरकार के साथ एक अभिनव साझेदारी स्थापित की।
2018: ‘जॉनसन एन्ड जॉनसन इंडिया’ महाराष्ट्र सरकार के साथ शामिल हुआ।
स्वास्थ्य सेवा में अभूतपूर्व खोजों और नवाचारों के समृद्ध इतिहास के साथ एक अन्य अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज ‘एली लिली एंड कंपनी’ है। एली लिली अपनी दवाओं और स्वास्थ्य देखभाल समाधानों के माध्यम से दुनिया भर में मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। 135 से अधिक वर्षों से, 'एली लिली एंड कंपनी' ने "21वीं सदी में वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार करके मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज, दुनिया भर में 'एली लिली एंड कंपनी' में लगभग 38,000 लोग कार्यरत हैं, जिनमें से आठ अलग-अलग देशों में 7,600 से अधिक कर्मचारी, अनुसंधान और विकास कार्यों में लगे हुए हैं।
कंपनी मुख्य रूप से पांच व्यावसायिक क्षेत्रों में विभाजित है:
• लिली जैव-औषधियाँ (Lilly bio-medicines)
• लिली मधुमेह (Lilly diabetes)
• लिली ऑन्कोलॉजी (Lilly Oncology)
• उभरते बाज़ार (Emerging markets)
• एलान्को पशु स्वास्थ्य (Elanco Animal Health)
लिली फार्मास्यूटिकल्स की स्थापना 10 मई 1876 को, अमेरिकी राज्य इंडियाना के इंडियानापोलिस (Indianapolis) में, कर्नल एली लिली द्वारा वैश्विक शोध-आधारित कंपनी के रूप में की गई थी। भारत में लिली दो व्यावसायिक संस्थाओं के माध्यम से काम करती है:
लिली फार्मा (Lilly Pharma): भारत में लिली फार्मा की स्थापना 1993 में की गई थी, जिसके बाद से ही, 'एली लिली एंड कंपनी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड' मधुमेह, गैस्ट्रिक कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, संधिशोथ, पुरुषों के स्वास्थ्य और हार्मोन की कमी के इलाज के लिए फार्मास्युटिकल उत्पादों के विकास और विपणन के लिए प्रतिबद्ध है।
एली लिली सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Eli Lilly Services India Pvt ltd): कंपनी द्वारा जनवरी 2016 में बैंगलोर में क्षमता केंद्र, एली लिली सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड खोला गया। इस केंद्र में कंपनी द्वारा भारत में पाई जाने वाली अद्वितीय दवाओं की क्षमताओं पता लगाकर विकास कार्य किया जाता है।
अभी हाल ही में एली लिली की वज़न घटाने वाली एक दवा 'ज़ेपबाउंड' की मांग में विस्फोटक बढ़ोतरी दर्ज की गई है जिससे कंपनी ने इसकी वार्षिक बिक्री के अनुमान को $ 2 बिलियन तक बढ़ाने के संकेत दिए हैं। इस खबर से कंपनी के शेयरों में लगभग 6% की बढ़ोतरी हुई। कंपनी को अब 2024 में राजस्व के $42.4 बिलियन से $43.6 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है, जबकि कंपनी द्वारा इससे पहले $40.4 बिलियन से $41.6 बिलियन से अधिक राजस्व का अनुमान लगाया गया था। इसके साथ ही कंपनी ने प्रति शेयर 2.58 डॉलर का समायोजित लाभ दर्ज किया, जो विश्लेषकों की उम्मीदों से 12 सेंट अधिक है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2amwkyhn
https://tinyurl.com/2m36d9se
https://tinyurl.com/89ua55yh
https://tinyurl.com/5n9y5e3n
https://tinyurl.com/wykhw2j7

चित्र संदर्भ
1. जॉनसन एंड जॉनसन व एली लिली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. जॉनसन एंड जॉनसन कार्यालय के बाहर लगे बोर्ड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. जॉनसन एंड जॉनसन, रिसर्च सेंटर, न्यू ब्रंसविक, न्यू जर्सी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. मैड्रिड (स्पेन) में जॉनसन एंड जॉनसन के कार्यालय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. एली लिली कॉर्पोरेट सेंटर, इंडियानापोलिस, इंडियाना को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. एली लिली एंड कंपनी के इलेटिन ब्रांड के लिए दवा बिक्री किट को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)



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