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बचपन में हम सभी का खेल-खिलौनों के प्रति गहरा लगाव होता है। यहाँ तक कि बड़े हो जाने पर भी यदि कोई बच्चा हमें उन्हीं खेलों को या हमारे बचपन के खिलौनों जैसे दिखने वाले खिलौनों के साथ खेलता हुआ दिख जाए, तो हमारी बचपन की यादें एक क्षण में ताज़ा हो जाती हैं। ठीक उसी प्रकार क्या आपने कभी ख्याल किया है, कि यदि आप अपने मनपसंद आम या आपके घर में जलाई जाने वाली किसी अगरबत्ती की खुशबू कई सालों बाद भी दोबारा सूंघ लें, तो उस खुशबू से जुड़ी आपकी सारी यादें एक बार फिर से ताज़ा हो जाती हैं। यह सभी यादें हमारी घ्राण स्मृति की बदौलत ताज़ा हो पाती हैं, जो हमारे दैनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
गंधों को याद रखने की क्षमता को “घ्राण स्मृति या घ्राण तंत्र की स्मृति” (Olfactory Memory) कहा जाता है। अध्ययनों से पता चला है कि इस प्रकार की स्मृति अथवा याददाश्त काफी मज़बूत होती है, और आसानी से मिटती भी नहीं है। घ्राण स्मृति से जुड़े अधिकांश शोध स्पष्ट स्मृति (Explicit Memory) पर केंद्रित है। गंधों की सचेत स्मृति को स्पष्ट स्मृति कहा जाता है। हालाँकि अचेतन रूप से मौजूद अंतर्निहित स्मृति, हमें यह समझने में भी मदद करती है कि हम गंधों को कैसे याद करते हैं।
शोध में पाया गया है कि बच्चे के जन्म के बाद घ्राण बल्ब (Olfactory Bulb) और मुख्य घ्राण प्रणाली में होने वाले परिवर्तन, मातृ व्यवहार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। गंध, स्तनधारियों में माँ और उसके बच्चे के बीच संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे बच्चे को सामान्य रूप से विकसित होने में मदद मिलती है। क्या आप जानते हैं कि प्रत्येक माँ के स्तन की गंध अनोखी होती है, जिससे बच्चे को अपनी माँ को पहचानने में मदद मिलती है।
पूरे मानववादी विकास के दौरान, गंध की भावना हमारे जीवित रहने के लिए भी महत्वपूर्ण रही है। आज भी मनुष्य और जानवर कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए गंध का उपयोग करते हैं। इस बात के भी प्रमाण हैं कि अल्जाइमर और डिमेंशिया (Alzheimer's And Dementia) जैसी मस्तिष्क संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को घ्राण स्मृति की समस्या होती है। जैसे-जैसे उनकी बीमारी बदतर होती जाती है, वैसे-वैसे लोग गंध को पहचानने के गुण को खोने लगते हैं। इसके अतिरिक्त, घ्राण स्मृति समस्याएं अवसाद जैसे मानसिक विकारों की पहचान करने में मदद कर सकती हैं, क्योंकि प्रत्येक विकार, गंध से संबंधित स्मृति समस्याओं का एक अनूठा पैटर्न दिखाता है। हम जो भी गंध सूंघते हैं, वह हवा में मौजूद छोटे अणुओं से आती है। यदि कोई चीज़ इन अणुओं को हवा में नहीं छोड़ती है, तो उसमें गंध भी नहीं होगी। इसके अलावा, यदि हमारी नाक में किसी विशेष अणु का पता लगाने के लिए सही रिसेप्टर्स नहीं होते, तो हम इसे सूंघ भी नहीं पाते।
जब हम सांस लेते हैं, तो गंध के अणु हमारी नाक में प्रवेश करते हैं और नाक गुहा के पीछे स्थित घ्राण उपकला नामक एक विशेष क्षेत्र में घुल जाते हैं। इस क्षेत्र में घ्राण रिसेप्टर्स (Olfactory Receptors) होते हैं जो गंध का पता लगाते हैं। ये रिसेप्टर्स, विशेष न्यूरॉन्स (Specialized Neurons) का हिस्सा होते हैं। जब वे कुछ अणुओं को पकड़ते हैं, तो वे सीधे मस्तिष्क में घ्राण बल्ब को संकेत भेजते हैं।
मनुष्यों में लगभग 12 मिलियन घ्राण रिसेप्टर्स होते हैं, जो सुनने में बहुत अधिक लगते हैं, लेकिन अन्य जानवरों में इनकी संख्या इससे भी अधिक होती हैं। उदाहरण के लिए, खरगोशों में इनकी संख्या लगभग 100 मिलियन होती है, अधिकांश कुत्तों में इनकी संख्या लगभग 1 बिलियन होती है, और ब्लडहाउंड्स (Bloodhounds) में इनकी संख्या लगभग 4 बिलियन होती है। ब्लडहाउंड जैसे जानवरों में घ्राण उपकला भी मनुष्यों की तुलना में बहुत अधिक होती है।
गंध का पता लगाने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं:
- घ्राण सिलिया (Olfactory Cilia) गंध अणुओं को पकड़ती है।
- सिग्नल, सिलिया से डेंड्राइट (Cilia To Dendrites) तक जाता है।
- फिर सिग्नल घ्राण अक्षतंतु (Olfactory Axon) के साथ चलता है।
- अंत में, संकेत घ्राण बल्ब में माइट्रल कोशिका (Mitral Cell) नामक एक अन्य न्यूरॉन तक पहुंचता है, और वहां से, यह मस्तिष्क में घ्राण प्रांतस्था में जाता है।
जब मनुष्य किसी चीज़ को सूंघता है, तो वह सुगंध तुरंत ही उसे उसके बचपन की एक स्पष्ट और भावनात्मक स्मृति वापस ले आती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि गंध पहचानने की क्षमता या भावना, सभी भावनाओं और यादों के लिए जिम्मेदार मस्तिष्क क्षेत्रों से निकटता से जुड़ी हुई है।
अध्ययनों से पता चलता है कि गंध से उत्पन्न यादें अधिक भावनात्मक होती हैं और दृश्यों या ध्वनियों से उत्पन्न होने वाली यादों की तुलना में अधिक स्पष्ट रूप से वर्णित भी होती हैं। गंध से संबंधित ये यादें, बचपन की शुरुआत के दिनों की भी हो सकती हैं, जबकि दृश्य और मौखिक यादें आमतौर पर शुरुआती वयस्कता के बाद शुरू होती हैं।
जानवर भी अक्सर गंध को यादों से जोड़ते हैं, जो उनके अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जीवन की प्रमुख घटनाओं के दौरान जानवर कई गंधों को सूंघते और सीखते हैं। इससे उन्हें शिकारियों से बचने, भोजन ढूंढने और संभोग करने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, नवजात जानवर भोजन और देखभाल के लिए अपनी माँ पर निर्भर होते हैं। इस दौरान, वे महत्वपूर्ण गंध सीखते हैं जो उन्हें अपनी माँ के साथ जुड़ने में मदद करती हैं और बाद में अपने भावी साथियों को पहचानने में मदद करती हैं। जैसे-जैसे जानवर बढ़ते हैं, वैसे-वैसे उनके जीवित रहने के लिए भावनात्मक अनुभवों से सीखना महत्वपूर्ण हो जाता है। वे डर कंडीशनिंग (Fear Conditioning) नामक प्रक्रिया के माध्यम से खतरे से बचना सीखते हैं। ऐसा तब होता है जब कोई हानिरहित उत्तेजना, जैसे शोर या गंध, किसी हानिकारक चीज़, जैसे झटके, के साथ जोड़ी जाती है। तब जानवर भविष्य में इस खतरे को पहचानना और उससे बचना सीख जाता है।
गंध और स्मृति के बीच आश्चर्यजनक संबंध को प्राउस्ट घटना (Proust Phenomenon) के रूप में जाना जाता है, और इसे मस्तिष्क की संरचना को देखकर समझाया जा सकता है। घ्राण संवेदी न्यूरॉन्स (Olfactory Sensory Neurons) नामक विशेष तंत्रिका कोशिकाएं नाक गुहा के पीछे घ्राण उपकला में स्थित होती हैं। ये न्यूरॉन्स पर्यावरण में रासायनिक संकेतों का पता लगाते हैं और उन्हें विद्युत संकेतों में परिवर्तित करते हैं।
ये सिग्नल फिर घ्राण बल्ब तक जाते हैं, जो पहला स्थान है जहां गंध की जानकारी संसाधित होती है। जहाँ दूसरी इन्द्रियां मस्तिष्क के कॉर्टेक्स तक पहुंचने से पहले थैलेमस से होकर गुज़रती हैं, वहीं गंध की जानकारी थैलेमस को दरकिनार करते हुए, घ्राण तंत्रिका के माध्यम से सीधे लिम्बिक प्रणाली में जा सकती है, जिसमें अमिगडाला और हिप्पोकैम्पस (Amygdala And Hippocampus) शामिल हैं। अमिगडाला से यह सीधा संबंध बताता है कि क्यों एक विशेष गंध से तुरंत एक ज्वलंत स्मृति या मज़बूत भावना उत्पन्न हो सकती है। मनुष्यों और जानवरों दोनों में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि अमिगडाला, भावनाओं को संसाधित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होती है। इसलिए, घ्राण बल्ब और अमिगडाला के बीच त्वरित, सीधा संबंध बताता है कि क्यों कुछ गंध स्वचालित रूप से उन गंधों से संबंधित भावनात्मक यादों को तुरंत ट्रिगर कर सकती हैं।
संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/Uxthcscm
Https://Tinyurl.Com/2vkve7tb
Https://Tinyurl.Com/494ys49z
Https://Tinyurl.Com/Yckyrb7v
चित्र संदर्भ
1. एक फूल को सूंघती बिल्ली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. फूल और फलों को सूंघते लोगों को संदर्भित करता एक चित्रण (Look and Learn)
3. घ्राण बल्ब को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. घास को सूंघते बच्चे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. घ्राण रिसेप्टर्स को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. नवजात बिल्ली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. अमिगडाला को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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