City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2356 | 89 | 2445 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
हमारा शहर रामपुर, राज्य की राजधानी लखनऊ से सिर्फ 330 किलोमीटर दूर है, जो अपने अवधी और मुगलई व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन जब विशेष व्यंजनों की बात आती है तो हमारा शहर रामपुर अपनी अलग पहचान रखता है। पूर्व में नवाबों की रियासत रहे हमारे रामपुर के व्यंजनों में मुगल, अफगान, लखनवी, कश्मीरी और अवधी व्यंजनों के स्वाद का मिश्रण मिलता है, इसका एक प्रमुख कारण 1857 के विद्रोह के बाद इस क्षेत्र में शरण लेने वाले रसोइयों का प्रभाव है। तो आइए आज के अपने इस लेख में रामपुरी व्यंजनों का स्वाद चखते हैं।
जैसा कि हमने आपको अपने 10 मई के 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम वाले लेख में बताया था कि रामपुर ने विद्रोह में भाग न लेकर अंग्रेज़ों का पक्ष लिया था, जिसके कारण रामपुर 1857 के विद्रोह के विनाश से बच गया और उन्नीसवीं सदी में उत्तर भारतीय मुस्लिम संस्कृति का एक सांस्कृतिक केंद्र बन गया। रामपुर के नवाबों ने क्षेत्र की विभिन्न संस्कृतियों को समाहित करते हुए एक सांस्कृतिक रूप से संपन्न राज्य का निर्माण किया। संगीतकारों, कवियों, लेखकों, गायकों, नर्तकों और रसोइयों को रामपुर राज्य में उदार प्रायोजन प्रदान किया गया, जिसके कारण वे यहां अपनी कला का अभ्यास कर इसमें और अधिक निपुण हो गए। चूंकि रामपुर के नवाब भोजन के शौकीन थे, इसलिए उन्होंने विशेष रूप से दिल्ली और अवध के रसोइयों को अपने यहां स्थान दिया, जिन्होंने रामपुर खानसामा के साथ मिलकर उच्च दर्ज़े के व्यंजन बनाए और पेश किए। इस प्रकार, रामपुरी व्यंजन, जो विशेष रूप से नवाबों द्वारा अपने स्वाद के अनुसार परिष्कृत कराए गए थे, अफगानी, मुगल, अवधी और कश्मीरी व्यंजनों का मिश्रण प्रस्तुत करते हैं। रामपुर के नवाब सैयद हामिद अली खान (शासनकाल 1894-1930) और उनके उत्तराधिकारी नवाब सैयद रजा अली खान (शासनकाल 1930-1949) जैसे नवाबों ने लज़ीज़ रामपुरी व्यंजनों को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। नवाब रजा अली खान के समय में शबदेघ (मांस और शलजम करी), दुपुख्त पुलाव (पुलाव के साथ) साबुत चिकन या बटेर), उरुस ए बेहरी (मछली), दार ए बहिश्त (मिठाई), मुजफ्फर (सेवैन और केसर मिठाई) और नान ए संतरा (नारंगी केक) जैसे व्यंजनों के भव्य भंडार शाही मेजों की शोभा बढ़ाते थे। नवाब हामिद अली खान के समय शाही रसोई में एक सौ पचास खानसामा कार्य करते थे, जिनमें से प्रत्येक खानसामा केवल एक व्यंजन में माहिर होता था। बताया जाता है कि व्यंजनों को एक अनोखा स्वाद देने के लिए कमल के बीज, केले के फूल, गुलाब की पत्तियां, खस की जड़ें और चंदन जैसी अनूठी सामग्री का उपयोग किया जाता था। कठल के सीख कबाब, केले का कबाब, आलू के कबाब, सब्ज़ पुलाव जैसे भव्य शाकाहारी व्यंजनों का आविष्कार नवाबों की शाही रसोई में ही किया गया था। रामपुर के व्यंजनों में बनने वाला हलवा और मिठाइयाँ भी असाधारण थीं - सफेदा (मीठा चावल), अनानास पुलाव, अदरक हलवा, सोहन हलवा, और यहाँ तक कि अकल्पनीय गोश्त हलवा भी। शाही रसोइयों में काम करने वाले खानसामाओं ने ही इन सभी व्यंजनों का आविष्कार किया था।
चूंकि नवाबों को नए-नए प्रयोग करना पसंद था, इसलिए उन्होंने रामपुरी व्यंजनों में पारंपरिक सामग्रियों का उपयोग करके नए स्वाद वाले व्यंजन बनवाने का प्रयास किया। कहा जाता है कि गोश्त हलवा, मच्छी का हलवा, मिर्ची का हलवा और अदरक का हलवा जैसी मिठाइयों का जन्म ऐसे ही प्रयोग से हुआ था। अदरक के हलवे के साथ एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है। ऐसा माना जाता है कि नवाब खान के वंशजों में से एक को बीमारी से उबरने के लिए अदरक खाने की सलाह दी गई थी। इसके तीखे स्वाद के कारण, नवाब ने अदरक का सेवन करने से इनकार कर दिया। तब शाही रसोइयों ने अपने कौशल से उन्हें अदरक की दैनिक खुराक दिलाने के लिए एक मीठा व्यंजन तैयार किया। जब उन्हें यह व्यंजन परोसा गया तो नवाब को यह इतना पसंद आया कि उन्होंने इस मिठाई को दो बार चखा। इस प्रकरण के बाद, अदरक का हलवा परिवार में एक शाही परंपरा बन गई।
रामपुरी व्यंजनों का एक समृद्ध इतिहास है और अपने समृद्ध इतिहास की तरह, कई स्वादिष्ट और आकर्षक व्यंजन रामपुरी थाली की शोभा बढ़ाते हैं। यहाँ कुछ रामपुरी व्यंजन हैं जिन्हें अवश्य आज़माना चाहिए:
1. आलू का ज़र्दा: प्रसिद्ध रामपुरी व्यंजनों में से एक आलू का ज़र्दा है। स्वाद में मीठा, यह व्यंजन आलू, चीनी, घी, दूध, इलायची पाउडर और बादाम, काजू तथा पिस्ता जैसे मेवों के मिश्रण से बनाया जाता है। यह व्यंजन आम तौर पर ईद जैसे त्यौहारों और विशेष अवसरों पर बनाया जाता है।
2. रामपुरी बिरयानी: रामपुर की एक और उत्कृष्ट कृति रामपुरी बिरयानी है। अपने समृद्ध स्वाद, सुगंधित मसालों और कोमल एवं रसीले मांस के लिए जानी जाने वाली बिरयानी में बासमती चावल के साथ रात भर मैरीनेट किए हुए चिकन के साथ-साथ अदरक-लहसुन पेस्ट, हल्दी पाउडर, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, तेज पत्ता और लौंग जैसे मसालों का मिश्रण होता है। इसको आमतौर पर तले हुए प्याज से सजाया जाता है और रायते के साथ गर्म परोसा जाता है।
3. तार कोरमा: एक और स्वादिष्ट रामपुरी व्यंजन तार कोरमा है। यह व्यंजन आम तौर पर दही, क्रीम और विभिन्न मसालों से बनी स्वादिष्ट और सुगंधित ग्रेवी में मांस के कोमल टुकडों के साथ पकाया जाता है। तार कोरमा को आम तौर पर नान, चावल या परांठे के साथ परोसा जाता है। यह एक शानदार व्यंजन है, जो विशेष अवसरों और समारोहों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।
4. गोभी-गोश्त: यह एक स्वादिष्ट व्यंजन है, जिसे कोमल मांस, फूलगोभी और प्याज, टमाटर, लहसुन, अदरक, मिर्च, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला पाउडर और लाल मिर्च पाउडर वाले मसाले के मिश्रण के साथ बनाया जाता है। एक बार तैयार होने के बाद, गोभी-गोश्त को ताज़े धनिये की पत्तियों से सजाया जाता है और नान, रोटी या चावल के साथ परोसा जाता है।
5. मिर्च का हलवा: क्या आपने कभी सोचा है कि मिर्च को मीठा भी बनाया जा सकता है? खैर, मिर्ची का हलवा नामक एक रामपुरी व्यंजन है जो काफी प्रसिद्ध है और एक अनोखी और मसालेदार मिठाई है, जो अपने स्वादिष्ट स्वादों के मिश्रण के लिए जानी जाती है। यह व्यंजन घी में कटी हुई हरी मिर्च को भूनकर तैयार किया जाता है और तब तक पकाया जाता है जब तक कि वे नरम न हो जाएं। पकने के बाद इसमें दूध, चीनी, इलायची पाउडर, मेवे (बादाम, काजू, पिस्ता) जैसी अन्य सामग्रियां मिलाई जाती हैं। यह मिठाई मसालेदार और मीठे स्वाद का एक अनूठा संयोजन प्रदान करती है। मिर्ची का हलवा अक्सर विशेष अवसरों और त्यौहारों के दौरान परोसा जाता है।
6. संभल के सीख: संभल के सीख एक स्वादिष्ट और जायकेदार रामपुरी व्यंजन है जिसमें मसालेदार कीमा होता है। अक्सर समारोहों और विशेष अवसरों पर स्टार्टर के रूप में परोसा जाने वाला संभल के सीख लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। संभल के सीख का आनंद नान, रोटी या चावल के साथ ताजा सलाद और चटनी के साथ लिया जाता है।
7. रामपुरी मुर्ग मुसल्लम: रामपुरी व्यंजन की एक और खासियत मुर्ग मुसल्लम है जिसमें साबुत चिकन को अंडे और सूखे मेवों से भरा जाता है और मसालेदार करी में कोयले पर धीमी आंच पर पकाया जाता है। रामपुरी मुर्ग मुसल्लम को नान, रोटी या चावल के साथ परोसा जाता है।
8. रामपुरी शामी कबाब: रामपुरी शामी कबाब की विशिष्ट विशेषता मसालों के मिश्रण और बनाने की विधि में निहित है। मांस और दाल को लौंग, दालचीनी, इलायची, काली मिर्च और तेज पत्ते जैसे सुगंधित मसालों के मिश्रण के साथ नरम होने तक एक साथ पकाया जाता है। पकने के बाद, मिश्रण को ठंडा किया जाता है और फिर पीसकर एक पेस्ट बनाया जाता है। फिर इस पेस्ट में बेसन मिलाकर छोटी-छोटी पैटीज़ या गोलियां बनाई जाती हैं। फिर इन्हे तब तक तला जाता है जब तक कि उनके बाहर सुनहरे-भूरे रंग की परत न बन जाए। एक बार तैयार होने पर, रामपुरी शामी कबाब को हरी चटनी या अपनी पसंद की किसी अन्य चटनी के साथ परोसा जाता है।
हालाँकि, यह एक विडंबना है कि अन्य पारंपरिक व्यंजनों के विपरीत, रामपुरी व्यंजन केवल अपने जन्मस्थान तक ही सीमित हैं। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से रामपुरी व्यंजन अपने सीमित क्षेत्र से बाहर नहीं निकल पाए। सांस्कृतिक इतिहासकार तराना हुसैन खान का मानना है कि आज़ादी के बाद रामपुर रियासत के आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण व्यंजनों की विविधता में कमी आई। नवाबों द्वारा स्थापित उद्योग बंद हो गए। रसोइयों को शाही रसोई छोड़ने के लिए कहा गया। उनके पास कोई प्रायोजक नहीं थे और नवाबों के पास शाही खानसामा का समर्थन करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे। हालांकि यदि अब आप रामपुरी व्यंजनों के बारे में जानना एवं उन्हें बनाना सीखना चाहते हैं तो आपके लिए तराना हुसैन खान द्वारा लिखित 'देघ टू दस्तरख्वान: क़िस्सा एंड रेसिपीज़ फ्रॉम रामपुर' (Degh to DastarKhwan: Qissas and Recipes from Rampur) नामक एक पुस्तक उपलब्ध है, जो रामपुर के व्यंजनों और संस्कृति को दर्शाती है। यह पुस्तक आंशिक रूप से एक संस्मरण और आंशिक रूप से व्यंजनों से सजी एक थाली है। इसका प्रत्येक अध्याय एक भावना का प्रतिनिधित्व करता है। पुस्तक में खानसामा, शादी, अंत्येष्टि सहित जीवन के सभी क्षेत्रों और अनेकों लोगों की कहानियाँ शामिल हैं। पुस्तक यह भी बताती है कि कैसे रामपुरी व्यंजनों के माध्यम से प्रेम, क्षमा और आध्यात्मिकता को व्यक्त किया जा सकता है, ,उदाहरण के लिए कोरमा जैसे व्यंजन शादियों का जश्न मनाते हैं, पुलाव शोक मनाने वालों को सांत्वना देते हैं, और कबाब क्षमा को दर्शाते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/y79sfmfu
https://tinyurl.com/v7suwfjh
https://tinyurl.com/yj2pw3rr
https://tinyurl.com/yesyhvef
https://tinyurl.com/mdav8776
चित्र संदर्भ
1. चिकन बिरयानी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. विविध भारतीय व्यंजनों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. सीख कबाब को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. अदरक के हलवे को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
5. आलू के ज़र्दा को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
6. बिरयानी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
7. तार कोरमा को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
8. गोभी-गोश्त को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
9. मिर्च के हलवे को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
10. सीख कबाब को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
11. रामपुरी मुर्ग मुसल्लम को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
12. रामपुरी शामी कबाब को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
13. 'देग टू दस्तरख्वान: क़िस्सा एंड रेसिपीज़ फ्रॉम रामपुर को दर्शाता चित्रण (amazon)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.