Post Viewership from Post Date to 23-May-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1688 124 1812

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

आख़िर 22 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है ‘विश्व पृथ्वी दिवस?

लखनऊ

 22-04-2024 10:05 AM
जलवायु व ऋतु

आकाश में सैकड़ों आकाशगंगाएँ हैं जिनमें हजारों-लाखों ग्रह मौजूद हैं। आकाशगंगा में हमारी पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ (World Earth Day) के रूप में मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस हमारे ग्रह को समर्पित एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। यह पर्यावरण की ओर ध्यान आकर्षित करता है और इसके संरक्षण और स्थिरता को प्रोत्साहित करता है। इस वर्ष ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ का यह 54वां उत्सव होगा। तो आइए इस मौके पर जानते हैं कि विश्व पृथ्वी दिवस क्यों मनाया जाता है, और इस दिवस को मनाने के पीछे का इतिहास और उद्देश्य क्या हैं। इसके साथ ही यह भी जानते हैं कि अप्रैल माह की 22 तारीख को ही इस दिन के लिए क्यों चुना गया? प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को 'विश्व पृथ्वी दिवस' 1970 के आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की वर्षगांठ के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और हमारे ग्रह की रक्षा के लिए संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देना है। यह दिवस हमें हमारे पृथ्वी ग्रह की देखभाल करने और भावी पीढ़ियों के लिए इसकी एवं इसकी प्रजातियों की रक्षा करने के हमारे उत्तरदायित्व की याद दिलाता है। यह दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि एक सुरक्षित एवं पर्यावरणीय अनुकूल दुनिया के निर्माण के लिए व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारों को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। जलवायु संकट के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों के व्यवहार में नीतिगत बदलाव को प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 22 अप्रैल को, दुनिया भर में लगभग 1 अरब लोग इस दिन को कार्रवाई के दिन के रूप में पृथ्वी दिवस पर भाग लेते हैं। अब इसे दुनिया में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले धर्मनिरपेक्ष अनुष्ठान के रूप में मान्यता प्राप्त है। पहली बार 'विश्व पृथ्वी दिवस' वर्ष 1970 में मनाया गया था और तब से यह 190 से अधिक देशों में मनाया जाने वाला एक वैश्विक कार्यक्रम बन गया है। पृथ्वी पर सबसे बड़े नागरिक कार्यक्रम के रूप में, इस दिवस की शुरुआत पर्यावरण की रक्षा के लिए किए गए पहले आंदोलन के साथ हुई। नदियों के जल के गंभीर रूप से प्रदुषित होने एवं तेल रिसाव, और धुंध के कारण निरंतर आग लगने की घटनाओं से पर्यावरण के लिए उत्पन्न संकट के प्रति ‘पृथ्वी दिवस’ एक सामूहिक प्रतिक्रिया थी। उस दौरान अमेरिका की आबादी का लगभग 10% अर्थात बीस मिलियन अमेरिकी पर्यावरणीय अज्ञानता का विरोध करने के लिए 22 अप्रैल, 1970 को सड़कों, कॉलेज परिसरों और बाज़ारों में उतर आए। इन प्रदर्शनों के बीच, प्रदर्शनकारियों ने न्यूयॉर्क (New York) शहर के आमतौर पर हलचल वाले फिफ्थ एवेन्यू (Fifth Avenue) को पूरी तरह बंद कर दिया, जबकि बोस्टन (Boston) में छात्रों ने लोगान हवाई अड्डे (Logan Airport) पर "डाई-इन" (die-in) आयोजित किया। युद्धोपरांत तेल रिसाव, फैक्ट्री प्रदूषण और अन्य पारिस्थितिकी ख़तरे बढ़ रहे थे, उन्हें रोकने के लिए कोई क़ानून नहीं था। इस प्रकार के विरोध प्रदर्शनों से अमेरिकी जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए एक साथ सामने आये। अनियंत्रित पर्यावरणीय विनाश के बढ़ते स्तर के बारे में चिंतित, विस्कॉन्सिन (Wisconsin ) के जूनियर सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन (Gaylord Nelson) ने पर्यावरणीय खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1969 में पूरे अमेरिका में विश्वविद्यालय परिसरों में इस विषय में शिक्षण की एक श्रृंखला का सुझाव दिया। शिक्षण आयोजित करने के लिए नेल्सन के साथ कांग्रेसी पीट मैक्लोस्की (Pete McCloskey) और डेनिस हेस (Denis Hayes) भी शामिल हुए, और शीघ्र ही यह कार्यक्रम छात्र आबादी से परे व्यापक हो गया। पृथ्वी दिवस के प्रदर्शनों ने अमेरिकी नीति पर एक अमिट छाप छोड़ी। 1970 के अंत तक, ‘अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी’ (US Environmental Protection Agency) का गठन हो गया और पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्य से कई कानूनों का गठन किया गया। इनमें राष्ट्रीय पर्यावरण शिक्षा अधिनियम, व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य अधिनियम तथा स्वच्छ वायु अधिनियम शामिल हैं। पानी की गुणवत्ता और लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा और हानिकारक रसायनों और कीटनाशकों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए भी क़ानून पेश किए गए। 1990 में पृथ्वी दिवस अमेरिका से आगे बढ़ गया। 141 देशों के लगभग 200 मिलियन लोग उस वर्ष दुनिया भर में पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने के प्रयासों में शामिल हुए। इसके बाद 1992 में ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो (Rio de Janeiro, Brazil) में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा "पृथ्वी शिखर सम्मेलन", का आयोजन किया गया। 2016 में, संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 22 अप्रैल को ‘पृथ्वी दिवस’ के रूप में चुना जब जलवायु परिवर्तन पर ऐतिहासिक ‘पेरिस समझौते’ (Paris Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए थे। आज 'विश्व पृथ्वी दिवस' के माध्यम से दुनिया भर के नागरिक और कार्यकर्ता ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) और नवीकरणीय ऊर्जा जैसी पर्यावरणीय चिंताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कार्रवाई करने के लिए एक मंच पर एक साथ सामने आते हैं। आज, ‘पृथ्वी दिवस नेटवर्क’ (Earth Day Network (EDN) के माध्यम से साल भर 190 देशों में 20,000 से अधिक भागीदार और संगठन एकजुट होकर कार्य करते हैं। यह मिशन इस आधार पर स्थापित किया गया है कि जाति, लिंग, आय या भूगोल की परवाह किए बिना सभी लोगों को एक स्वस्थ, टिकाऊ वातावरण का नैतिक अधिकार है। पृथ्वी दिवस नेटवर्क शिक्षा, सार्वजनिक नीति और सक्रियता अभियानों के माध्यम से इस मिशन को आगे बढ़ाता है।
पृथ्वी दिवस नेटवर्क निम्नलिखित मुख्य लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कार्य करता है:
- जलवायु परिवर्तन, हरित विद्यालय और पर्यावरणीय पाठ्यक्रम, हरित नौकरियाँ और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे मुद्दों को शामिल करके पर्यावरण के अर्थ को व्यापक बनाना;
- दुनिया भर में स्थानीय, राज्य, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नागरिक सहभागिता के अवसर प्रदान करके आंदोलन में विविधता लाना। यह मानते हुए कि जलवायु परिवर्तन हमारे सबसे कमज़ोर नागरिकों को सबसे पहले और सबसे गंभीर रूप से प्रभावित करता है, EDN अक्सर कम आय वाले समुदायों के साथ उनकी आवाज़ और मुद्दों को आंदोलन में लाने के लिए काम करता है।
- सभी नागरिकों को पर्यावरण आंदोलन में सक्रिय होने के अवसर प्रदान करने के लिए भागीदार संगठनों के साथ काम करके समुदायों को संगठित करना। इस वर्ष के पृथ्वी दिवस का वैश्विक विषय 'ग्रह बनाम प्लास्टिक' ('Planet vs. Plastics') निश्चित किया गया है, जिसका उद्देश्य मानव स्वास्थ्य के लिए प्लास्टिक के ख़तरे को पहचान कर इसके उपयोग में कटौती लाना है। इसके माध्यम से 2040 तक प्लास्टिक के उत्पादन में 60% की कटौती की मांग की जा रही है। इस वर्ष 23 अप्रैल से 29 अप्रैल 2024 तक, दुनिया भर की सरकारें और गैर सरकारी संगठन 'संयुक्त राष्ट्र वैश्विक प्लास्टिक संधि' (United Nations Global Plastic Treaty) की शर्तों पर बातचीत करने के लिए ओटावा (Ottawa) में एकत्र होने वाले हैं।

संदर्भ
https://rb.gy/9h7zvt
https://rb.gy/x2fhm3
https://rb.gy/iou3mm

चित्र संदर्भ
1. विश्व पृथ्वी दिवस को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
2. विश्व पृथ्वी दिवस लेख को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
3. प्रदूषण फैलाते कारखाने को संदर्भित करता एक चित्रण (getarchive)
4. अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के झंडे को दर्शाता एक चित्रण (studentsforlifeaction)
5. विश्व पृथ्वी दिवस को मनाते नासा के अधिकारीयों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. प्लास्टिक प्रदूषण को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id