 
                                            समय - सीमा 260
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1053
मानव और उनके आविष्कार 829
भूगोल 241
जीव-जंतु 305
| Post Viewership from Post Date to 27- Apr-2024 (31st Day) | ||||
|---|---|---|---|---|
| City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
| 1642 | 171 | 0 | 1813 | |
| * Please see metrics definition on bottom of this page. | ||||
 
                                              प्रत्येक वर्ष 27 मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच समुदाय’और ‘अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान’ (International Theatre Institute (ITI) द्वारा 'विश्व रंगमंच दिवस' (World Theatre Day) मनाया जाता है। इस दिन, मनोरंजन के क्षेत्र में रंगमंच से जुड़े लोगों के महत्त्व  और समाज में उनके द्वारा लाए जाने वाले परिवर्तनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए रंगमंच कलाओं का जश्न मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसके माध्यम से दुनिया भर में रंगमंच के सभी रूपों को बढ़ावा देने और लोगों को रंगमंच के महत्त्व  के बारे में जागरूक करने में सहायता मिलती है। प्राचीनतम सभ्यताओं के समय से ही रंगमंच मनोरंजन के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक रहा है। रंगमंच के माध्यम से कलाकारों द्वारा विशेष स्थान या मंच पर दर्शकों के सामने वास्तविक अनुभव प्रस्तुत करने के लिए ललित कला के विभिन्न रूपों का उपयोग किया जाता है। विश्व रंगमंच दिवस पर इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने कार्य के विषय में सरकारों और जनमत नेताओं तक बात पहुंचाने का अवसर प्राप्त होता है।
प्राचीनतम सभ्यताओं के समय से ही रंगमंच मनोरंजन के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक रहा है। रंगमंच के माध्यम से कलाकारों द्वारा विशेष स्थान या मंच पर दर्शकों के सामने वास्तविक अनुभव प्रस्तुत करने के लिए ललित कला के विभिन्न रूपों का उपयोग किया जाता है। विश्व रंगमंच दिवस पर इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने कार्य के विषय में सरकारों और जनमत नेताओं तक बात पहुंचाने का अवसर प्राप्त होता है। 
अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान द्वारा वर्ष 1961 में ‘विश्व रंगमंच दिवस’ की शुरुआत की गई थी। तब से, प्रतिवर्ष 27 मार्च को पेरिस (Paris) में 1962 में "थिएटर ऑफ नेशंस” (Theatre of Nations) के उद्घाटन की वर्षगांठ पर यह दिन मनाया जाता है। दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय थिएटर संस्थान द्वारा 85 केंद्रों के अलावा, स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं और रंगमंच पेशेवरों को इस आयोजन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान द्वारा रंगमंच दिवस के लिए एक विषय भी निश्चित किया जाता है। वर्ष 2023 में ITI ने विश्व रंगमंच दिवस का विषय "रंगमंच और शांति की संस्कृति" निर्धारित किया था। क्या आप जानते हैं कि हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में भी उन्नीसवीं सदी के अंत में रंगमंच के ऐसे ही एक रूप ‘नौटंकी’ का उदय हुआ, जो लोकप्रियता की ऊंचाइयों तक पहुँच गया। नौटंकी एक सांगीतीय रंगमंच शैली है जिसमें नृत्य, संगीत, कहानी, हास्य, संवाद, नाटक और बुद्धि का एक आकर्षक मिश्रण बनाकर प्रस्तुत किया जाता है। नौटंकी के माध्यम से किए जाने वाले नाटक बेहद सुव्यवस्थित और इनके  नायक कुशल अभिनेता और गायक होते थे। बहुत कम सुविधाओं के बावजूद इन अभिनेताओं द्वारा इतनी बारीकी से अपनी कला का प्रदर्शन किया जाता था कि मंच पर अपनी वेशभूषा में अभिनेता के प्रस्तुत होते ही सभी आयु वर्ग के लोग मंत्रमुग्ध होकर प्रदर्शन देखने लगते थे। सबसे पहले नौटंकी की शुरुआत उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर से मानी जाती है। जिसके बाद 1910 के दशक तक, कानपुर और हमारा शहर लखनऊ नौटंकी के महत्वपूर्ण केंद्र बन गए थे।
क्या आप जानते हैं कि हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में भी उन्नीसवीं सदी के अंत में रंगमंच के ऐसे ही एक रूप ‘नौटंकी’ का उदय हुआ, जो लोकप्रियता की ऊंचाइयों तक पहुँच गया। नौटंकी एक सांगीतीय रंगमंच शैली है जिसमें नृत्य, संगीत, कहानी, हास्य, संवाद, नाटक और बुद्धि का एक आकर्षक मिश्रण बनाकर प्रस्तुत किया जाता है। नौटंकी के माध्यम से किए जाने वाले नाटक बेहद सुव्यवस्थित और इनके  नायक कुशल अभिनेता और गायक होते थे। बहुत कम सुविधाओं के बावजूद इन अभिनेताओं द्वारा इतनी बारीकी से अपनी कला का प्रदर्शन किया जाता था कि मंच पर अपनी वेशभूषा में अभिनेता के प्रस्तुत होते ही सभी आयु वर्ग के लोग मंत्रमुग्ध होकर प्रदर्शन देखने लगते थे। सबसे पहले नौटंकी की शुरुआत उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर से मानी जाती है। जिसके बाद 1910 के दशक तक, कानपुर और हमारा शहर लखनऊ नौटंकी के महत्वपूर्ण केंद्र बन गए थे। 
इनमें से प्रत्येक शहर की अपनी कला को प्रस्तुत करने की एक विशिष्ट शैली थी। शुरुआत से ही, नौटंकियों के माध्यम से कलाकारों द्वारा किंवदंतियों, संस्कृत, फ़ारसी और पौराणिक कथाओं सहित साहित्य और परंपरा की एक विस्तृत श्रृंखला की पुनर्व्याख्या प्रस्तुत की गई। इसके कुछ सबसे प्रसिद्ध प्रदर्शनों में से राजा हरिश्चंद्र, लैला मजनू, शिरीन फरहाद, श्रवण कुमार, हीर रांझा और बांसुरी वाली  प्रमुख हैं। इसके अलावा पृथ्वीराज चौहान, अमर सिंह राठौड़ और रानी दुर्गावती जैसे ऐतिहासिक पात्रों पर आधारित नाटक भी काफ़ी  लोकप्रिय थे। लखनऊ वासियों और कानपुर के लोगों के लिए तो नौटंकी मनोरंजन का मुख्य स्रोत था। उत्तर भारत में नौटंकी ने राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान सुधारवादी भूमिका भी निभाई। इसके साथ ही नौटंकी द्वारा कथानकों के भीतर नैतिक, सामाजिक और राजनीतिक मूल्यों को स्थापित करते हुए, प्रासंगिक संदेशों को व्यक्त किया गया। उस दौरान पूरे अवध में देशभक्ति और वीरता से ओतप्रोत नाटकों के मंचन के माध्यम से कलाकारों द्वारा एक अलग ही प्रकार से स्वाधीनता संग्राम लड़ा गया। लोगों पर नौटंकी का प्रभाव इस हद तक था कि जब लैला मजनू के मंचन में मजनू पागल होने के बाद लैला से पहली बार में मिलता था तो थिएटर सिसकियों से गूंज उठता था। जब शिरीन-फरहाद में फरहाद, शिरीन की कब्र पर अपना सिर पीटता था, या जब सुल्ताना डाकू में सुल्ताना, ब्रिटिश पुलिस कमिश्नर को आश्चर्यचकित कर देता था, तो दर्शकों के मन में एक बहुत प्रबल भावना पैदा होती है।
 लखनऊ वासियों और कानपुर के लोगों के लिए तो नौटंकी मनोरंजन का मुख्य स्रोत था। उत्तर भारत में नौटंकी ने राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान सुधारवादी भूमिका भी निभाई। इसके साथ ही नौटंकी द्वारा कथानकों के भीतर नैतिक, सामाजिक और राजनीतिक मूल्यों को स्थापित करते हुए, प्रासंगिक संदेशों को व्यक्त किया गया। उस दौरान पूरे अवध में देशभक्ति और वीरता से ओतप्रोत नाटकों के मंचन के माध्यम से कलाकारों द्वारा एक अलग ही प्रकार से स्वाधीनता संग्राम लड़ा गया। लोगों पर नौटंकी का प्रभाव इस हद तक था कि जब लैला मजनू के मंचन में मजनू पागल होने के बाद लैला से पहली बार में मिलता था तो थिएटर सिसकियों से गूंज उठता था। जब शिरीन-फरहाद में फरहाद, शिरीन की कब्र पर अपना सिर पीटता था, या जब सुल्ताना डाकू में सुल्ताना, ब्रिटिश पुलिस कमिश्नर को आश्चर्यचकित कर देता था, तो दर्शकों के मन में एक बहुत प्रबल भावना पैदा होती है। 
किसी भी नाटक के मंचन के दौरान नौटंकी में अभिनेता और दर्शक एक हो जाते थे और बीच की सारी दीवारें टूट जाती थी।  
नौटंकी का भारतीय सिनेमा पर भी प्रभाव पड़ा है। नौटंकी के माध्यम से संगीत, नाटक, अच्छाई और बुराई के बीच का अंतर, शाही सजावट और कलाकारों का अभिनय एक मंच से दूसरे पर्दे पर पहुंचा। हालाँकि 1960 के दशक तक, सिनेमा मनोरंजन का प्रमुख माध्यम बन गया था, और 1990 के दशक तक, लगभग सभी मौजूदा नौटंकी कंपनियां बंद हो गई। लेकिन आज भी कला का यह रूप पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। हाल के दिनों में, नौटंकी में लोगो की रुचि फिर से बढ़ी है।  कलाकारों की एक नई पीढ़ी द्वारा नौटंकी के रूप में नृत्य दृश्यों का प्रदर्शन किया जाता है।  इसके अलावा 'ग्रेट गुलाब थिएटर कंपनी' और 'कृष्ण कला केंद्र' और मिशन सुहानी जैसी कंपनियों द्वारा अभी नौटंकी प्रदर्शन किए जाते हैं। अवस्थी और उर्मिल थपलियाल, त्रिपुरारी शर्मा, राज कुमार श्रीवास्तव और अतुल यदुवंशी जैसे नाटककारों द्वारा भी नौटंकी को आधुनिक नाट्य प्रस्तुतियों में शामिल करके, पारंपरिक मंडलियों के प्रदर्शन को प्रोत्साहित किया जा रहा है और नई नौटंकी नाटकों को लिखकर और निर्मित करके इसे संरक्षित और समकालीन बनाने की कोशिश की जा रही है। आज नौटंकी नाटक सीडी, डीवीडी और इंटरनेट पर भी व्यापक रूप से प्रसारित होते हैं।
इसके अलावा 'ग्रेट गुलाब थिएटर कंपनी' और 'कृष्ण कला केंद्र' और मिशन सुहानी जैसी कंपनियों द्वारा अभी नौटंकी प्रदर्शन किए जाते हैं। अवस्थी और उर्मिल थपलियाल, त्रिपुरारी शर्मा, राज कुमार श्रीवास्तव और अतुल यदुवंशी जैसे नाटककारों द्वारा भी नौटंकी को आधुनिक नाट्य प्रस्तुतियों में शामिल करके, पारंपरिक मंडलियों के प्रदर्शन को प्रोत्साहित किया जा रहा है और नई नौटंकी नाटकों को लिखकर और निर्मित करके इसे संरक्षित और समकालीन बनाने की कोशिश की जा रही है। आज नौटंकी नाटक सीडी, डीवीडी और इंटरनेट पर भी व्यापक रूप से प्रसारित होते हैं।
 
 
 संदर्भ 
https://tinyurl.com/4w8f27bh 
https://tinyurl.com/yuufw3pn 
https://tinyurl.com/2tfd3x87 
https://tinyurl.com/3wuzn378 
 
चित्र संदर्भ  
1. नौटंकी करते कलाकारों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia) 
2. एक भारतीय रंगमंच को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia) 
3. डाकू और हसीना की भूमिका में नौटंकी कलाकारों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia) 
4. नौटंकी इंदल हरण में दाहिनी ओर देवेन्द्र शर्मा और बायीं ओर चौधरी छज्जन सिंह को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia) 
5. नौटंकी कलाकार देवेन्द्र शर्मा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia) 
  
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        