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भारतीय लोग बदलती दुनिया के साथ नए बदलावों को स्वीकार करने में हमेशा से ही आगे रहे हैं। इसका पहला उदाहरण हमें तब देखने को मिला था, जब भारतीयों ने इंटरनेट की दरें सस्ती होने के तुरंत बाद हाथों-हाथ इसे अपना लिया था। ठीक ऐसा ही उत्साह हमें सौर ऊर्जा यानी सूरज से निर्मित होने वाली ऊर्जा की स्वीकार्यता के संदर्भ में भी देखने को मिल रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2022 में ही भारत दुनिया भर में सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाले शीर्ष चार देशों की सूची में शामिल हो गया था। दुनियां में कोयले की कमी और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आज सभी देश हरित, लंबे समय तक चलने वाले तथा सस्ते ऊर्जा समाधानों में अधिक रूचि दिखाने लगे हैं। खासतौर पर लोगों की “सौर ऊर्जा” जैसी पर्यावरण मैत्री और कभी न ख़त्म होने वाली ऊर्जा प्रणालियों में रुचि बहुत अधिक बढ़ रही है।
सौर ऊर्जा का तात्पर्य सूर्य की ऊर्जा को दैनिक जीवन में बिजली और गर्मी से चलने वाले घरेलू तथा व्यावसायिक उपकरणों को चलाने के लिए उपयोग की जा सकने वाली ऊर्जा में बदलना होता है।
इस ऊर्जा को उत्पन्न करने के लिए सौर पैनलों (Solar Panels) का उपयोग किया जाता है। ये पैनल इतने छोटे होते हैं कि आपके घर की छत में फिट हो जायेंगे या फिर इतने बड़े भी हो सकते हैं, इनसे एक पूरा 'सोलर फार्म' ही निर्मित हो जाता है, जो एक पूरे गांव को बिजली दे सकता है।
घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा से निम्नलिखित उपकरण आसानी से चलाए जा सकते हैं:
- बल्ब और ट्यूबलाइट (Bulb And Tubelight)
- टीवी (Tvs)
- लैपटॉप और पीसी (Laptop And Pc)
- माइक्रोवेव (Microwave)
- टोस्टर (Toasters) जैसे अन्य छोटे उपकरण।
इसके अलावा सौर ऊर्जा से रेफ्रिजरेटर (Refrigerator), वॉशिंग मशीन (Washing Machine) और एयर कंडीशनर (Air Conditioner) जैसे बड़े उपकरणों को भी आसानी से चलाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको अधिक सौर पैनलों की आवश्यकता होती है।
सौर ऊर्जा, ऊर्जा का एक नवीकरणीय और अंतहीन स्रोत माना जाता है, जो हानिकारक ग्रीन हाउस गैसों (Greenhouse Gases) का उत्पादन नहीं करता है। जब तक सूर्य चमकता रहेगा, तब तक हमें उससे ऊर्जा मिलती रहेगी।
सौर पैनल भी पर्यावरण के अनुकूल माने जाते हैं। आमतौर पर वे 25 से अधिक वर्षों तक चलते हैं, और उन्हें बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों का तेजी से पुनर्चक्रण किया जा सकता है। इसका मतलब है कि सौर पैनलों का कार्बन पदचिह्न (Carbon Footprint), या उनके द्वारा उत्पादित कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) की मात्रा लगातार कम होती जा रही है।
सौर पैनल ऐसे उपकरण होते हैं, जो सूर्य के प्रकाश को घरों में प्रयोग की जा सकने वाली बिजली में परिवर्तित करते हैं। इन्हें आम तौर पर सिलिकॉन (Silicone) या अन्य अर्धचालक सामग्री से बनाया जाता है, जिसे कांच के आवरण के साथ धातु के पैनल फ्रेम (Panel Frame) में स्थापित किया जाता है। सौर पैनल से जब सूरज की रोशनी टकराती है, तो अर्धचालक पदार्थ, प्रकाश के फोटॉनों (Photons) से ऊर्जा को अवशोषित करता है और इलेक्ट्रॉन (Electrons) को छोड़ता है। यह प्रक्रिया बिजली का प्रवाह बनाती है जिसे पीवी चार्ज (Pv Charge) कहा जाता है।
सौर पैनल से यह ऊर्जा, डायरेक्ट करंट (Direct Current (Dc) के रूप में संग्रहित की जाती है। हालांकि, हमारे घरों में प्रयोग होने वाले अधिकांश उपकरण डायरेक्ट करंट के बजाय प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Current (Ac) का उपयोग करते हैं। इसलिए, सौर पैनल द्वारा उत्पादित डीसी बिजली को एसी बिजली में परिवर्तित करने के लिए घरों में इन्वर्टर (Inverter) का उपयोग किया जाता है।
क्या आप जानते हैं कि यदि आपके सोलर पैनल आपकी जरूरत से अधिक ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं, तो अतिरिक्त बिजली को सीधे ऊर्जा ग्रिड को वापस भेज सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो आप इस अपनी अतिरिक्त सौर ऊर्जा को सरकार को भी बेच सकते हैं, और अपने सोलर प्लांट से एक निवेश के तौर पर पैसा भी कमा सकते हैं।
सौर ऊर्जा के इन सभी लाभों को देखते हुए आपके मन में भी यह प्रश्न जरूर उठा होगा कि आखिर भारत में सौर प्रणाली स्थापित करने में खर्चा कितना आता है?
इस संदर्भ में हमारे लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है, कि प्रत्येक सौर ऊर्जा प्रणाली अद्वितीय होती है। सौर ऊर्जा प्रणाली का डिज़ाइन भवन के प्रकार, छत के विवरण, छायांकन और उपयोगिता आवश्यकताओं जैसे कारकों पर निर्भर करता है।
भारत में विभिन्न सिस्टम आकारों में प्रति Kwh सौर पैनल स्थापना लागत की अनुमानित सीमा का सारणीबद्ध प्रतिनिधित्व नीचे दिया गया है:
सोलर सिस्टम का आकार | मूल्य सीमा (अनुमानित) |
---|---|
1kw सोलर सिस्टम | रु. 75,000 – 85,000 |
2kw सोलर सिस्टम | रु. 1,50,000 – 1,70,000 |
3kw सोलर सिस्टम | रु. 1,89,000 – 2,15,000 |
4kw सोलर सिस्टम | रु. 2,52,000 – 2,85,600 |
5kw सोलर सिस्टम | रु. 3,15,000 – 3,57,000 |
10kw सोलर सिस्टम | रु. 5,31,000 – 6,07,000 |
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