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यूँ तो सर्दियों का रूखा-सूखा मौसम कोहरे की धुंध के बीच ही निकल जाता है। लेकिन ऐसे शुष्क मौसम में कोई सुंदर सा फूल पूरी प्रफुल्लता के साथ खिला हुआ दिख जाए तो उस बहादुर फूल को देखकर हमारी तबीयत भी दुरुस्त हो जाती है! यदि आप भी इन सर्दियों में फूलों को खिलते हुए देखने का सुखद अनुभव लेना चाहते हैं, तो आपके लिए हमारे जौनपुर में ही “लोहिया पार्क” नामक प्रकृति का एक उपहार है, जो आपकी मनोदशा को बदल कर रख देगा। जी हाँ, फूल या यूँ कहें कि “ख़ासतौर पर शुष्क सर्दियों में उगने वाले फूल हमारी मनोदशा को भी बदल सकते हैं।”
भारत में शीतकालीन यानी सर्दियों के दौरान उगने वाले फूल वास्तव में बहुत सुंदर होते हैं। भारत का मौसम विविधताओं से भरा होता है। उदाहरण के लिए, समुन्द्र के किनारे बसे मुंबई में कभी भी सर्दियाँ नहीं पड़ती, जहां खिलने वाले फूल साल के किसी भी मौसम में खिल सकते हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर देश के पूर्वोत्तर में स्थित सिक्किम के सर्द पहाड़ों की ऊंचाई पर भी 35 से अधिक प्रकार के हिमालयी फूल उगते हैं। मज़े की बात यह है कि भारत में सर्दियों के मौसम में उगने वाले फूल अन्य मौसमी फूलों की तुलना में बहुत रंगीन होते हैं। ये फूल कोहरे के अंधेरे और उदास सर्दियों के बीच बहुत खूबसूरत भी दिखाई देते हैं। ये वार्षिक पौधे होते हैं, जिन्हें बीज और प्रसार के माध्यम से उगाया जा सकता है। इन्हें कंटेनरों (containers), क्यारियों और घर की सीमाओं में भी उगाया जा सकता है। सर्दियों के फूलों के बीजों को अक्टूबर से नवंबर तक बोना चाहिए। आज आप कुछ ऐसे चुनिंदा फूलों से परिचित होने वाले हैं, जो सिक्किम और उत्तराखंड की ऊँची और सर्द हिमालय में उगते हैं। ये फूल न केवल अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं, साथ ही हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माने जाते हैं।
1. गैंदा (Marigold): गैंदें के फूल सर्दियों में भी उगते हैं, और अक्सर हमारे बगीचों में पाए जाते हैं। ये फूल एक साथ प्रचुर संख्या में खिलते हैं। आम भारतीय घरों में इन फूलों को भाग्यशाली माना जाता है और इनका इस्तेमाल विविध प्रकार से किया जा सकता है।
2. कैलेन्डुला (Calendula): कैलेंडुला के फूल को पॉट मैरीगोल्ड (pot marigold) के नाम से भी जाना जाता है। यद्यपि ये फूल ठंड के मौसम में अच्छी तरह खिलते हैं, लेकिन इनकी एक और विशेषता यह भी है, कि ये फूल गर्मी और धूप को भी सहन कर सकते हैं। ये फूल पीले और नारंगी रंग के होते हैं, जो सर्दियों के दौरान गर्माहट का एहसास करा सकते हैं।
3. शीतकालीन चमेली (Winter Jasmine): शीतकालीन चमेली, सर्दियों के दौरान खिलने वाले कुछ चुनिंदा फूलों में से एक होते हैं। अच्छी बात यह है कि इनकी देखभाल करना आसान होता है। आपको इन्हें ऐसी जगह पर लगाना चाहिए, जहां इन फूलों को सूरज की रोशनी मिलती रहे और ऐसी मिट्टी में लगाना चाहिए, जिसमें पानी अच्छी तरह से अवशोषित हो सके।
4. डाहलिया (Dahlia): डाहलिया फूल, लगभग पूरे वर्ष खिलते हैं। ये फूल विभिन्न रंगों और गंधों के साथ तथा अलग-अलग आकारों में खिलते हैं। इन फूलों को अधिक धूप की ज़रूरत नहीं होती, इसलिए ये सर्दियों में और अंधेरी जगहों पर भी आसानी से उग सकते हैं। हालाँकि भले ही ये फूल सर्दियों में अच्छी तरह से उगते हैं, लेकिन फिर भी इन्हें नियमित रूप से देखभाल की आवश्यकता होती है।
5. रोडोडेंड्रोन (Rhododendron) या बुरांश: रोडोडेंड्रन अर्बोरेटम (Rhododendron Arboretum), एक छोटा और सदाबहार पेड़ होता है, जिसे पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय रूप से ख़ासतौर पर उत्तराखंड में बुरांश के नाम से जाना जाता है। बुरांश का फूल आमतौर पर वसंत के दौरान हिमालयी राज्यों में खिलता है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पिछले कुछ वर्षों से ये फूल असामान्य रूप से अपने तय समय से दो से तीन महीने पहले यानी जनवरी में ही खिल गए। शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसा संभवतः जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकता है।
वास्तव में रोडोडेंड्रोन को खिलने के लिए 15-20 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान की आवश्यकता होती है। हिमालयी क्षेत्रों में यह तापमान आमतौर पर मार्च और अप्रैल के दौरान रहता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सर्दियों के महीनों में भी उच्च तापमान दर्ज किया जा रहा है, जिस कारण बुरांश के फूल भी जल्दी खिल रहे हैं।
इस घटना को पहली बार 2014 के एक अध्ययन में देखा गया था। इस अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि “2009-2011 के वास्तविक समय क्षेत्र अवलोकनों (real time field observations) के आधार पर, रोडोडेंड्रोन के फूल खिलने का चरम समय मार्च-मई से फरवरी की शुरुआत से मार्च के मध्य तक स्थानांतरित हो गया था। अध्ययन में 1971 से 2011 तक के दीर्घकालिक तापमान डेटा का भी विश्लेषण किया गया, जिसके तहत औसत अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। हालाँकि उत्तराखंड में बढ़ते तापमान और बदलती जलवायु से सिर्फ रोडोडेंड्रोन का फूल ही प्रभावित नहीं हो रहा है। पहाड़ों के कई अन्य फूल और फसलें भी अपने तय समय से जल्दी या देर से खिलने लगे हैं।
यदि आप इन पहाड़ी फूलों को देखने के लिए उत्तराखंड या सिक्किम जैसे पहाड़ी राज्यों में जाने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं, तो आपके लिए हमारे जौनपुर में ही लोहिया पार्क, पारिवारिक पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थान हो सकता है, जहां आप सर्दियों के दौरान उगने वाले कुछ फूलों को भी देख सकते हैं। यह पार्क आपके और आपके बच्चों के लिए एक सुखद सप्ताहांत के लिए एक खेल क्षेत्र और प्रकृति की सुंदरता में डूबने का मौका प्रदान करता है। 80 एकड़ में फैले इस पार्क का निर्माण डॉ. राम मनोहर लोहिया जी को एक श्रद्धांजलि के रूप में किया गया है, जहां आप हर मौसम में विभिन्न प्रकार के फूलों को देख सकते हैं। इस पार्क में एक फव्वारा, एक तालाब और एक कृत्रिम झील भी है, जो इसकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देती है। कुल मिलाकर जौनपुर का लोहिया पार्क सर्दियों के दौरान फूल प्रेमियों के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक साबित हो सकता है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/mr44aus6
http://tinyurl.com/y4ynysfc
http://tinyurl.com/2s44sjmf
http://tinyurl.com/bdh5b2zt
चित्र संदर्भ
1. बुरांश के फूल को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
2. बर्फ में उगे केसर के फूल को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
3. गुलाब में गिर रही बर्फ को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
4. गैंदें के फूल को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
5. कैलेन्डुला को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
6. शीतकालीन चमेली को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
7. डाहलिया फूलों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. बुरांश के पेड़ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. बुरांश के फूलों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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