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बंदरों को आमतौर पर झगड़ालू, चंचल और लालची जानवर माना जाता है। हालांकि, महर्षि वाल्मीकि के लेखन में पवन पुत्र हनुमान को भी एक बंदर के स्वरूप में चित्रित किया जाता है, लेकिन उनका चरित्र बंदरों के तथाकथिक चरित्र के ठीक विपरीत है और हमें सिखाता है कि हम हमारी इंद्रियों और कार्यों को कैसे नियंत्रित सकते हैं?
सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों से यह अपेक्षा की जाती है, कि हमें अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने के लिए भगवान हनुमान की पूजा करनी चाहिए। हममें से अधिकांश लोग वासना के कारण अपने जीवन में बहुत अधिक कष्ट सहते हैं। यहां तक कि कुछ अच्छे स्वभाव वाले लोग भी कई बार बड़ी गलतियाँ कर बैठते हैं, क्योंकि वे अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं।
हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे जटिल भाग होता है। यह आपको चलने और नृत्य जैसी गतिविधियों तथा घटनाओं को याद रखने और भावनाओं को महसूस करने में भी मदद करता है। इसी कारण आप दूसरों से जुड़ पाते हैं।
लेकिन आज टीवी (TV), इंटरनेट (Internet) और सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से हम अपने दिमाग़ को अनावश्यक सूचनाओं और जानकारियों से भर रहे हैं।
आज के डिजिटल युग में, हम पहले से कहीं अधिक जानकारी तक बहुत ही आसानी से चुटकियों में पहुंच सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से हमारे दिमाग़ में संज्ञानात्मक अधिभार (Cognitive Overload) नामक जटिल समस्या पैदा हो सकती है। दरअसल संज्ञानात्मक अधिभार, मानसिक थकावट की एक ऐसी स्थिति होती है, जो तब घटित होती है, जब हमारे दिमाग को इसकी क्षमता से अधिक जानकारी मिलने लगती है।
संज्ञानात्मक अधिभार टीवी, इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे बाहरी स्रोतों या हमारे मौजूदा ज्ञान और अनुभवों जैसे आंतरिक कारकों से शुरू हो सकता है। ऐसा होने पर हमारे मस्तिष्क में मौजूद जानकारी ही हमें निराश और अलग-थलक महसूस कराने लगती है।
लोग संज्ञानात्मक अधिभार पर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया करते हैं। उदाहरण के तौर पर कुछ लोग पंगु महसूस कर सकते हैं और जटिल मुद्दों को संभालने में असमर्थ हो सकते हैं। यदि उनके द्वारा प्राप्त की जा रही जानकारी उनके विश्वासों को चुनौती देती है, तो ऐसे में संज्ञानात्मक अधिभार से पीड़ित लोग बहुत जल्द क्रोधित हो सकते हैं। इस स्थिति में कुछ लोग निष्क्रियता की ओर बढ़ने लगते हैं, यानी पीड़ित लोग अपनी राय बनाने के बजाय दूसरों की राय पर अधिक विश्वास करने लगते हैं और उसी का पालन करने लगते हैं।
यदि आप तनावग्रस्त, थका हुआ या निराश महसूस कर रहे हैं, तो यह संज्ञानात्मक अधिभार का संकेत हो सकता है। हालांकि आज के इंटरनेट युग में, जहां युवा संज्ञानात्मक अधिभार और ध्यान की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, ऐसे में पौराणिक चरित्र पवनपुत्र हनुमान का चरित्र या जीवन दर्शन, हमारे लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम कर सकता है। हनुमान जी को अपनी बुद्धि, शक्ति, साहस, भक्ति और आत्म-अनुशासन के लिए जाना जाता है। उनकी छवि देखकर लोगों को इन सभी आदर्श गुणों को ख़ुद में भी विकसित करने की प्रेरणा मिल सकती है। यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि भगवान हनुमान, जिन्हें भगवान शिव का एक रूप माना जाता है, कभी भी कामुक सुखों के आगे नहीं झुके। भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति ने उन्हें प्रलोभनों का सामना करने पर भी अपना ब्रह्मचर्य क़ायम रखने की प्रेरणा दी। युवाओं के बीच हनुमान जी को शरीर सौष्ठव और कुश्ती में एक प्रेरक देवता के रूप में भी जाना जाता है, जिसके लिए बहुत अधिक अनुशासन और इंद्रियों पर नियंत्रण की भी आवश्यकता होती है।
हनुमान जी की पूजा करके और भगवान राम के नाम का जाप करके, हम अपने जीवन में सौभाग्य ला सकते हैं, दुर्भाग्य को सौभाग्य या अवसर में बदल सकते हैं और अपनी इंद्रियों को नियंत्रित कर सकते हैं। सौभाग्य से हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर हमारे जौनपुर के बालूघाट बाईपास रोड पर भी स्थित है। इस मंदिर को माणिक चौक के बावनवीर हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में मनोकामना लेकर आया कोई भी भक्त, हनुमानजी की परम कृपा से इस दरबार से कभी भी खाली हाथ नही जाता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थापित हनुमानजी की 28 फुट की विशाल प्रतिमा, पवनपुत्र के कई भक्तों को आकर्षित करती है। विशेष रुप से हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर, यहाँ पर शहर भर से भक्त, हनुमानजी के प्रति अपनी भक्ति एवं समर्पण भाव के साथ हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर में विशाल वटवृक्ष की छांव में विद्यमान माँ दुर्गा, बाबा भोलेनाथ, एवं श्री बावन वीर हनुमानजी की प्रतिमा का अनुपम संग्रह बड़ा ही मनोरम लगता है। हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर यहां आकर मंदिर में बजरंगबली के दर्शन करना तथा रामचरितमानस के सुंदरकांड का श्रवण एवं पाठ करना विशेषतौर पर फलदायी साबित होता है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/5n7uhtwv
http://tinyurl.com/3z4bhcsu
http://tinyurl.com/3cnx2xt9
http://tinyurl.com/2rnvv2w4
चित्र संदर्भ
1. जौनपुर के बावनवीर हनुमान मंदिर को संदर्भित करता एक चित्रण (Facebook "Shri Bavanveer Hanuman Trust")
2. ध्यान मुद्रा में हनुमान जी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मोबाइल चलाते युवाओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. क्रोधित व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
5. ध्यान मुद्रा में हनुमान जी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. सामने से देखने पर बावनवीर हनुमान मंदिर को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
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