Post Viewership from Post Date to 27-Jan-2024
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2000 258 2258

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

19वी सदी अमेरिका के किसान आंदोलनों ने कृषि से सम्बंधित,किन मूलभूत प्रश्नों को किया उजागर?

जौनपुर

 27-12-2023 10:04 AM
भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

अमेरिका (America) के राजनीतिक इतिहास में, 1867 और 1896 के बीच हुए, किसान आंदोलन(Farmers’ movement) में, तीन विभिन्न समयकाल थे, जिन्हें ग्रेंज(Grange), एलायंस(Alliance) और अमरीकी जनवादी या पॉपुलिस्ट पार्टी(Populist Party) आंदोलनों के नाम से जाना जाता था।
उस समय अति उत्पादन तथा उच्च प्रशुल्क जैसे कारकों ने, अमेरिका के किसानों को व्यापक हताशा में डाल दिया था। साथ ही,संघीय सरकार उनकी चिंताओं को दूर करने में, असमर्थ होने के कारण, वे अधिक निराश और चिंतित हो गए थे। दूसरी ओर, राज्य सरकारों की असमान प्रतिक्रियाओं के कारण, कई किसान अपनी समस्याओं का वैकल्पिक समाधान खोज रहे थे। तब, देश भर के औद्योगिक शहरों में बढ़ते श्रमिक आंदोलनों को ध्यान में रखते हुए, किसानों ने श्रमिक संघों के समान गठबंधनों में संगठित होना शुरू कर दिया। ये सहयोग के प्रतिरूप थे,जहां, लोग बड़ी संख्या में, रेलमार्ग जैसे प्रमुख उद्योगों के साथ, अधिक सौदेबाजी की शक्ति प्रदान कर सकते थे। हालांकि, अंततः, ये गठबंधन अपने लाभ के लिए, व्यापक परिवर्तन शुरू करने में असमर्थ रहे। फिर भी, समान उद्देश्य की एकजुटता से प्रेरित होकर, किसानों ने राजनीति के माध्यम से आंतरिक बदलाव लाने की कोशिश की। क्योंकि, उन्हें आशा थी कि वर्ष 1891 में, अमरीकी जनवादी के निर्माण से, एक ऐसा राष्ट्रपति बनेगा, जो लोगों और विशेष रूप से किसानों को प्राथमिकता देगा। अतः हम कह सकते हैं कि, 19वीं सदी का उत्तरार्ध मध्यपश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका(United States of America)में,कृषि अशांति का समयकाल था। 1865 से 1896 तक, किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण ग्रेंज, पॉपुलिस्ट पार्टी, ग्रीनबैक(Greenback)और अन्य गठबंधनों सहित संगठित आंदोलनों का गठन हुआ। इस आंदोलन के कुछ प्रमुख कारण, गिरती कीमतें, घटती क्रय शक्ति तथा साहूकारों, रेल निगमों, और अन्य बिचौलियों की एकाधिकारवादी प्रथा आदि थे। आंदोलन के समय, कृषि उत्पादों की कीमत में अस्थिरता में योगदान देने वाला एक कारक आपूर्ति एवं मांग से संबंधित था। उस समय, पश्चिम में अधिक लोगों के बसने से कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई। इस उपनिवेशण को, अप्रवासियों की आमद, होमस्टेड अधिनियम(Homestead Act) और रेलमार्ग निर्माण आदि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। साथ ही, कृषि मशीनरी में प्रगति के आगमन से उत्पादकता में भी वृद्धि हुई। जैसे-जैसे उत्पादकता बढ़ी, कपास, गेहूं और मक्का जैसे कई उत्पादों की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव आया। कुछ विद्वान इस अवधि के दौरान मूल्य अस्थिरता को किसान असंतोष का एक प्रमुख कारण बताते हैं। क्योंकि, राज्यों के भीतर मूल्य अस्थिरता को विरोध से जोड़ने के सबूत हैं।
दूसरी ओर, मूल्य अस्थिरता का एक प्रमुख कारण वैश्वीकरण था। अन्य देशों के उत्पादन के आधार पर, अमेरिका में भी कीमतें बढ़ती एवं घटती गई। इस दौरान, किसानों के लिए परिवहन यह मुख्य चिंता थी।जबकि, रेल परिवहन द्वारा कृषि के व्यावसायीकरण को बढ़ावा मिला, परंतु, किसानों ने माल ढुलाई की ऊंची दरों की शिकायत की, लेकिन, उपलब्ध साक्ष्य इस तर्क के विपरीत हैं। फिर भी, बेलम युग(Bellum era) के बाद में, वास्तविक परिवहन लागत में लगातार गिरावट आई। लेकिन, कुछ सबूत हैं कि, किसानों को कम दरों से लाभ नहीं हो रहा था। इसके अलावा, पश्चिम के किसान अपनी उपज को पूर्व के किसानों की तुलना में अधिक दूरी तक बाजार में भेज रहे थे। इसके अतिरिक्त, टन-मील(Ton-mile) दरें अक्सर शिकागो(Chicago) से न्यूयॉर्क शहर(New York City) की दरों की तुलना में, शिकागो के पश्चिम में बहुत अधिक थीं। कुछ आंकड़ों से पता चलता है कि, औसत कीमतें और प्रति एकड़ औसत आय, ‘न्यूयॉर्क शहर से उनकी दूरी’ से जुड़ी हुई थीं।
उच्च विरोध के साक्षी बने राज्यों में, किसानों को कीमतों के स्वरूप के कारण, उच्च मूल्य परिवर्तनशीलता का सामना करना पड़ा, जो राज्यों को जोड़ने वाले रेल नेटवर्क से प्रभावित था। हालांकि, इस बात के प्रमाण हैं कि, परिवहन लागत में गिरावट के कारण, अपनी ज़मीन में उपयुक्त मिट्टी होने वाले किसानों को सापेक्ष कृषि कीमतों का लाभ उठाने के लिए अपनी फसलों में विविधता लानी पड़ी।
कीमतों में यह अस्थिरता बेलम काल के बाद हुए परिवर्तन के कारण मोनोकल्चर(Monoculture) दौर में बढ़ गई थी। जो किसान कभी विविध खेती पर निर्भर थे, उन्हें अब बाज़ार में बिक्री के लिए, केवल एक फसल का उत्पादन करना लाभदायक लगा। यह दक्षिण में विशेष रूप से स्पष्ट था,क्योंकि, किसान विविध मकई और कपास से हटकर, केवल कपास की कृषि में स्थानांतरित हो गए। एक तरफ़, कृषि अशांति के पीछे व्यावसायीकरण एक मुख्य घटक था। इस समय के दौरान, सापेक्ष लाभप्रदता बढ़ने के कारण, किसान बाज़ार उत्पादन में लगे रहे। कृषि आदानों और वस्तुओं की खरीद, जो पहले घरेलू उत्पादन में होती थी, अब ऋण से प्राप्त की जाने लगी। किसानों को अपनी उपज बाज़ार में बेचनी पड़ती थी, और बाद में वे वाणिज्यिक बाज़ार प्रणाली में शामिल हो जाते थे। इस प्रकार, किसान को अपनी उपज को पर्याप्त उच्च कीमत पर बेचने हेतु, परिवहन और ऋण का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया। किसान अब केवल एक किसान नहीं, बल्कि, एक व्यवसायी होने की सफलता से खुद का मूल्यांकन करते थे। यह भी देखा गया था कि, किसान समाज में अपनी गिरती स्थिति से परेशान थे। जबकि, वे एक समय संयुक्त राज्य अमेरिका में बहुसंख्यक थे, राष्ट्र के निरंतर औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण अब वे अल्पसंख्यक हो गए थे।
हालांकि, इस अशांति ने कई आंदोलनों को राजनीतिक परिदृश्य पर उभरने में सक्षम बनाया। सबसे बड़े ग्रेंज, ग्रीनबैक और अमरीकी जनवादी आंदोलन थे। ग्रेंज आंदोलन, जो 1867 में शुरु हुआ था, मुख्य रूप से रेलमार्गों, अनाज लिफ्ट(Grain elevators) और अन्य बिचौलियों तथा एकाधिकार को विनियमित करने पर केंद्रित था। ग्रीनबैक आंदोलन 1870 के दशक के अंत में चरम पर था। इसने उच्च कृषि कीमतें, स्वर्ण मानक के विरुद्ध, और कीमतों में सामान्य वृद्धि के लिए अभियान चलाया।जबकि, पॉपुलिस्ट पार्टी, जो 1890 के दशक में बनी थी, एक अल्पकालिक पार्टी थी, जिसने व्यवसायों के विनियमन, परिवहन शुल्क और मौद्रिक मुद्दों पर अभियान चलाया था।

संदर्भ
http://tinyurl.com/3dfw425e
http://tinyurl.com/vs4ffs65
http://tinyurl.com/44nvacs2

चित्र संदर्भ
1. अमेरिका के किसान आंदोलन को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
2. अमेरिका के किसान आंदोलन में प्रतिभागी किसानों को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
3. अमेरिका के किसान आंदोलन में जलते ट्रेक्टर को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
4. अमेरिकी महिला किसान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id