Post Viewership from Post Date to 31-Dec-2023
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2456 242 2698

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

ब्रिटिश कालीन भारत की पृष्ठभूमि को समझने के लिए बिथिया मैरी क्रोकर की इन पुस्तकों को पढ़ें!

जौनपुर

 30-11-2023 10:13 AM
उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

बिथिया मैरी क्रोकर (Bithia Mary Croker) एक आयरिश उपन्यासकार थीं, जिन्होंने ब्रिटिश शासित भारत में लोगों की जीवन शैली के बारे में लिखकर उस समय के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की है। बिथिया मैरी क्रोकर का जन्म 1848 या 1849 के आसपास किल्गेफिन, काउंटी रोस्कॉमन, आयरलैंड (Kilgefin, County Roscommon, Ireland) में हुआ था। वह आयरलैंड के एंग्लिकन चर्च (Anglican Church) के रेक्टर (Rector) और लेखक रहे रेव विलियम शेपर्ड (Rev. William Sheppard) की इकलौती बेटी थीं। बिथिया की शिक्षा रॉकफेरी (Rockferry), चेशायर (Cheshire) और फ्रांस (France) में हुई थी। बिथिया ने 1871 में, रॉयल स्कॉट्स फ्यूसिलियर्स (Royal Scots Fusiliers) और बाद में रॉयल मुंस्टर फ्यूसिलियर्स (Royal Munster Fusiliers) रहे एक अधिकारी जॉन स्टोक्स क्रोकर (John Stokes Croker) से शादी की। रॉयल मुंस्टर फ्यूसिलियर्स 1881 से 1922 तक ब्रिटिश सेना की एक लाइन इन्फैंट्री रेजिमेंट (Line Infantry Regiment) थी। अपनी शादी के बाद, बिथिया अपने पति के साथ भारत चली आई और इस दम्पत्ती ने यहां 14 साल एक साथ बिताए।
भारत में अपने समय के दौरान, बिथिया ने कुछ समय वेलिंग्टन के हिल स्टेशन (Hill Station Of Wellington) में बिताया, जो अब तमिलनाडु में है। चूंकि बिथिया क्रोकर के पति, लेफ्टिनेंट क्रोकर (Lieutenant Crocker) ब्रिटिश सेना में सेवारत थे, इसलिए उन्होंने भारत की सुदूर छावनियों में कई साल साथ में बिताए थे। हालांकि इन दूरस्थ क्षेत्रों में मनोरंजन के सीमित विकल्प उपलब्ध होने के कारण, बिथिया ने लेखन की ओर रुख कर दिया। 1882 में, उन्होंने भारत पर आधारित अपना पहला उपन्यास, "प्रॉपर प्राइड (Proper Pride)" प्रकाशित किया।
अपने उपन्यास लिखने के लिए क्रोकर, उन स्थानों से प्रेरणा लेती थी, जहां वह रही थी या जिन लोगों से वह मिली थी। उन्होंने 40 से अधिक उपन्यास और लघु कहानियों के छह संग्रह लिखे, जिनमें से अधिकांश भारत, आयरलैंड (Ireland) और ब्रिटिश उच्च वर्गों के इर्द गिर्द घूमते थे। उनके उपन्यास अपने जीवंत कथानकों, आकर्षक पात्रों के विशद वर्णन के लिए जाने जाते हैं। बिथिया क्रोकर का लेखन करियर 30 वर्षों से अधिक समय तक चला। बिथिया का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास “द रोड टू मांडले” (The Road To Mandalay) है, जो औपनिवेशिक बर्मा की जीवनशैली पर आधारित है। यह उपन्यास 1917 में प्रकाशित हुआ था और इस पर एक फिल्म भी बनी थी। बिथिया ने कई भूतिया कहानियाँ भी लिखीं। बिथिया मैरी क्रोकर एक विपुल लेखिका थीं, जिन्होंने 42 उपन्यास और लघु कहानियों के सात संग्रह प्रकाशित किए।
उन्होंने भारत में अपने अनुभवों के बारे में कई उपन्यास लिखे, जिनमें शामिल है:
➲ प्रिटी मिस नेविल 1883 (Pretty Miss Neville 1883)
➲ मार्ग का एक पक्षी 1886 (A Bird Of Passage 1886)
➲ डायना बैरिंगटन: ए रोमांस ऑफ़ सेंट्रल इंडिया 1888 (Diana Barrington: A Romance Of Central India 1888)
➲ हस्तक्षेप: एक उपन्यास 1891 (Intervention: A Novel 1891)
➲ मिस्टर जर्विस 1894 (Mr Jervis 1894)
➲ एंजल: ए स्केच इन इंडियन इंक 1901 (Angel: A Sketch In Indian Ink 1901)
➲ बिल्ली का पंजा 1902 (Cat's Paw 1902)
➲ उसके अपने लोग 1905 (His Own People 1905)
➲ कंपनी का नौकर: दक्षिणी भारत का एक रोमांस 1907 (The Company's Servant: A Romance Of Southern India 1907)
➲ बेब्स इन द वुड: ए रोमांस ऑफ़ द जंगल्स 1910 (Babes In The Wood: A Romance Of The Jungle 1910)
उन्होंने "टेरेंस (Terence)" नामक एक आयरिश रोमांस उपन्यास भी लिखा था, जिसे बाद में उन्होंने एक सफल नाटक में रूपांतरित किया। इसके अलावा उन्होंने "पैगी ऑफ द बार्टन्स (Peggy Of The Bartons)" नामक एक कहानी लिखी। यह इंग्लैंड के सैंडशायर (Sandshire, England) के सुरम्य और एकांत गांवों पर आधारित एक कहानी है, जिसके कई संस्करण प्रकाशित हुए। उनका काम अपने समय में खूब लोकप्रिय हुआ और आज भी पाठकों के बीच खासा पसंद किया जाता है। भारत के संदर्भ में "इन ओल्ड मद्रास (In Old Madras)" उनकी एक बेहद चर्चित पुस्तकों में शुमार है। यह पुस्तक 1800 के दशक के दौरान भारत में ब्रिटिश प्रवासियों के दैनिक जीवन पर केंद्रित है। इस पुस्तक में मल्लेंदर नाम के एक युवक की कहानी दी गई है, जो एक व्यापारी के रूप में काम करने के लिए मद्रास (अब चेन्नई) जाता है। वह जल्द ही वहां की स्थानीय संस्कृति में घुल मिल जाता है और वहां पर विभिन्न दिलचस्प पात्रों से मिलता है। इस पुस्तक को किसी पारंपरिक रहस्य से ज़्यादा एक संस्मरण या यात्रा वृतांत की तरह लिखा गया है। कहानी में कई दिलचस्प मोड़ भी हैं, लेकिन इसका मुख्य फोकस मल्लेंदर की निजी यात्रा और भारतीय समाज के बारे में उनकी टिप्पणियों पर है। यह पुस्तक कई पाठकों को पढ़ने में सुखद और ज्ञानवर्धक लगी। एक पाठक की टिप्पणी कुछ इस प्रकार है: “भारत के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानना दिलचस्प था, और मुझे पात्रों को जानने में मज़ा आया।”

संदर्भ

https://tinyurl.com/5yudte4u
https://tinyurl.com/2uzyfbb3
https://tinyurl.com/3d5bsdek
https://tinyurl.com/4kychz8u
https://tinyurl.com/mp53udr9

चित्र संदर्भ
1. बिथिया मैरी क्रोकर और उनकी पुस्तक को दर्शाता एक चित्रण (fictionfanblog, amazon)
2. बिथिया मैरी क्रोकर को दर्शाता एक चित्रण (fictionfanblog)
3. उपन्यास, "प्रॉपर प्राइड" को दर्शाता एक चित्रण (amazon)
4. पैगी ऑफ द बार्टन्स को दर्शाता एक चित्रण (amazon)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • हमारे पड़ोसी शहर वाराणसी के कारीगरों ने, जीवित रखी है, उत्कृष्ट ज़रदोज़ी कढ़ाई
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     18-10-2024 09:18 AM


  • मनुष्यों की बढ़ती जनसंख्या के कारण, अपने ही द्वीप से विलुप्त होना पड़ा जावन बाघ को
    स्तनधारी

     17-10-2024 09:19 AM


  • निश्चित नियमों का पालन करके रखे जाते हैं पौधों और जानवरों के वैज्ञानिक नाम
    कोशिका के आधार पर

     16-10-2024 09:22 AM


  • खनन कार्यों से प्रभावित हुआ है, आदिवासी समुदाय और हमारा पारिस्थितिकी तंत्र
    खदान

     15-10-2024 09:17 AM


  • मूल पौधें का भाग होते हुए भी, विविपैरी के माध्यम से, फल करते हैं, नए जीवन की शुरुआत
    व्यवहारिक

     14-10-2024 09:24 AM


  • आइए देखें, कैसे बनती है चीज़
    वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

     13-10-2024 09:10 AM


  • दशहरा विशेष: बियोवुल्फ़ नामक कृति में, पश्चिम के रावण ग्रेंडल का अंत कैसे होता है?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-10-2024 09:21 AM


  • जानें जौनपुर के बाज़ारों व व्यवसायों के विकास में, कागज़ी मुद्रा की भूमिका
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     11-10-2024 09:13 AM


  • आइए जानें, मंदिर वास्तुकला की नागर शैली की विशेषताएँ और इसके विभिन्न प्रकार
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     10-10-2024 09:10 AM


  • बनारस के श्याम-श्वेत इतिहास से लेकर, आधुनिक रंगीन भारत को दर्शाते हैं पोस्टकार्ड
    संचार एवं संचार यन्त्र

     09-10-2024 09:06 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id