जौनपुर जनपद एक कृषी प्रधान जिला है यहाँ पर कृषी सम्बन्धी व्यापोरों की अधिकता है। जिले में प्राचीन काल से ही तेलों का उत्पाद बड़े पैमाने पर किया जाता रहा है तथा तेल बनाने के कई कारखाने विद्यमान हैं। जौनपुर जनपद प्राचीन काल से ही फूलों के लिए सुविख्यात है चमेली का तेल इस जनपद में प्रचुर मात्रा में तैयार किया जाता आ रहा है। यही कारण है कि यहाँ पर अधिकतर फूल उत्पादित करने वाले किसान चमेली, बेला, रजनीगंधा, गुलाब, गेंदा आदि की खेती करते हैं। गुलाब का तेल, मेंहदी का तेल, तिल का तेल, चमेली का तेल आदि का उत्पादन जौनपुर में बड़े पैमाने पर होता है तथा यहाँ से तेल का व्यापार दूर-दूर तक होता है। जौनपुर में उत्पादित 'हिमताज' तेल आज भी विश्व भर की बाजारों में विपणन हेतु जाता है तथा इसी तेल के तर्ज पर कई ठंडे तेल की कम्पनियाँ बनी।
जौनपुर में पुष्प के उत्पादन व इसके व्यापार का गहन अध्ययन व लेखन महाकवि विद्यापति ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक कीर्तिलता के द्वितीय पुष्प में तत्कालीन जौनपुर नगर का अत्यन्त ह्रदय ग्राही एवं रोचक वर्णन किया है। अपनी कविता में जौनपुर के बारे में लिखते हुये विद्यापति ने लिखा है कि मानों दूसरे अमरावती शहर का अवतार हुआ है। इस प्रकार के कई अन्य विवरण कई युरोपीय विद्वानों ने भी किया है। वर्तमान काल में जनपद में तिल के तेल का उत्पादन अपनी चरम पर है तिल का तेल औषधि ही नही अपितु मंदिरों और मज़ारों पर दीपक जलाने के लिये प्रयोग में लाया जाता है। खाने के विभिन्न पकवानों को बनाने के लिये भी तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है। जौनपुर में बने तिल के तेल भारत भर में भेजे जाते हैं। यहाँ के किसान तिल की फसल में भी अब रुचि लेने लगे हैं जिसका प्रमुख कारण है तिल के तेल का व्यापार।
1.शोधगंगा http://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/179826/9/09_chapter%205.pdf
2. जौनपुर का गौरवशाली इतिहास, डॉ. सत्य नारायण दूबे
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