Post Viewership from Post Date to 21-Dec-2023
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2574 229 2803

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

कड़ी पत्ते की विशेषताओं को देखते हुए पत्ती-आधारित तेलों का भविष्य उज्जवल नज़र आ रहा है!

जौनपुर

 20-11-2023 09:49 AM
साग-सब्जियाँ

खाना पकाने की कला भी चित्रकारी करने से कम नहीं होती है। जिस प्रकार सही रंगों का प्रयोग करने से एक चित्र में जान फूंकी जा सकती है, उसी प्रकार सही मात्रा में मसालों का उपयोग करके एक साधारण व्यंजन को भी बेहद लज़ीज़ बनाया जा सकता है। भारतीय पाक संस्कृति में मसालों और जड़ी-बूटियों के बिना व्यंजन ही अधूरा-अधूरा सा लगता है। यहां पर किसी भी पकवान के स्वाद, गंध और उससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों को बढ़ाने के लिए प्रत्येक घटक को बेहद सावधानीपूर्वक चुना जाता है। उदाहरण के तौर पर किसी व्यंजन में केवल कड़ी पत्ता डाल देने से ही, उस व्यंजन का स्वाद और सुगंध तुरंत ही कई गुना बढ़ सकती है। दक्षिण भारतीय व्यंजनों में तो कढ़ी पत्ते को स्वाद और सुगंध से परिपूर्ण पावरहाउस (powerhouse) माना जाता है। पारंपरिक दक्षिण भारतीय मीट रोस्ट, कड़ी और मछली जैसे व्यंजन तो कड़ी पत्ते के तेल के बिना अधूरे माने जाते हैं।
कड़ी पत्ते का तेल आपके व्यंजनों में ताज़गी, खट्टी सुगंध और स्वाद जोड़ सकता है। इसका उपयोग सलाद से लेकर पास्ता और ब्रेड (pasta and bread) जैसे विभिन्न प्रकार के विदेशी व्यंजनों को बनाने में भी किया जा सकता है। इतना ही नहीं कढ़ी पत्ता, आपके स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। कड़ी पत्ते आधारित व्यजनों का सेवन करने से, आपकी पाचन क्रिया मजबूत हो सकती है। साथ ही यह पेचिश, कब्ज और दस्त जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में भी रामबाण साबित होता है। कड़ी पत्ते में आयरन (Iron) भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो एनीमिया (anaemia) को नियंत्रित में मदद कर सकता है। ताज़ी कड़ी पत्तियों के नियमित रूप से सेवन करने पर मधुमेह में भी सुधार हो सकता है। यह वज़न घटाने में भी लाभकारी सिद्ध हो सकती है।
खाना पकाने में कड़ी पत्ते के तेल का उपयोग करना बहुत आसान होता है। यह आपके भोजन में सुगंध और स्वाद दोनों को बढ़ा सकता है, जिससे आपके व्यंजन, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक दोनों हो जाते हैं। आप अपने घर पर भी कड़ी पत्ते का तेल आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए आपको बस कुछ ताज़ी कड़ी पत्तियों को किसी खाद्य तेल के साथ गर्म करना है। परंपरागत रूप से, इसे नारियल तेल के साथ बनाया जाता है। एक बार तेल गर्म हो जाने पर, उसमें कड़ी पत्ता दाल दें और मिला लें । इसके पश्चात तुरंत आंच बंद कर दें। आप इसे छान सकते हैं, या ऐसे ही इस्तेमाल कर सकते हैं। हर गुजरते दिन के साथ पूरी दुनिया में खाद्य तेल की कमी होती जा रही है। आने वाले 20 वर्षों में, हमें 50% अधिक संयंत्र-आधारित तेलों की आवश्यकता हो सकती है। अधिकांश पौधों का तेल कुछ विशिष्ट तेल फसलों, जैसे कैनोला, सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, नारियल और पाम के बीज और फलों से निकाला जाता है। हालांकि हमारे वैज्ञानिकों ने यह पता लगा लिया है कि, “ये पौधे अपने बीजों में तेल कैसे बनाते हैं, और उसी ज्ञान का उपयोग कर आज वैज्ञानिक पौधे के अन्य हिस्सों, जैसे तने और पत्तियों, से भी तेल बनाने में सफल हो गए हैं। इस तकनीक के तहत पत्ती के स्टार्च भंडार (Starch reserves) को, तेल के अणुओं में बदलने के लिए पौधे द्वारा ग्रहण की गई सूर्य की ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। मिसौरी विश्वविद्यालय (University of Missouri) के जैव रसायन प्रोफेसर जे थेलेन (Jay Thelen) ने पौधों की पत्तियों में वनस्पति तेल के मुख्य घटक ट्राईसिल ग्लिसरॉल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक विधि विकसित की है। इस विधि से हम ज्वार जैसे बड़े, पत्तेदार पौधों से भी आसानी से तेल निकाल सकते हैं। इस विधि से वनस्पति तेलों का उत्पादन, अधिक कुशल और लागत प्रभावी हो सकता है।
पौधे के पत्तेदार भागों से प्राप्त होने वाला तेल भी आम वनस्पति तेल, जैसे कैनोला या सोयाबीन तेल की तरह ही होता है। कुल मिलाकर वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए शोध ने पहली बार साबित कर दिया है कि, पत्तियां भी प्रभावी तेल उत्पादक हो सकती हैं। एक उदाहरण के तौर पर पिमेंटो पत्ती का तेल ताज़ी या सूखी पत्तियों के आसवन द्वारा बनाया जाता है। इसके लिए पत्तियों को ताज़ा, मुरझाया या सुखाया जा सकता है और आसुत होने से पहले कुछ महीनों तक संग्रहीत किया जा सकता है। सूखी पत्तियों से तेल की उपज 0.5% और 3.0% के बीच होती है, जबकि ताज़ी पत्तियों से यह 0.3% और 1.25% के बीच होती है। ऑलस्पाइस पत्ती के तेल में पाए जाने वाले मुख्य घटक यूजेनॉल से 65% से 96% तेल बनाता है। पत्ती और छाल से प्राप्त आवश्यक तेल का उपयोग साबुन, इत्र, मसाला सार और पेय में किया जाता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2r99jduc
https://tinyurl.com/376zmp4h
https://tinyurl.com/3u9jashm
https://tinyurl.com/ynzz2a87

चित्र संदर्भ
1. कड़ी पत्ते को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. सब्जी में कड़ी पत्ते के प्रयोग को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. पात्र में रखे गए कड़ी पत्ते को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. कड़ी पत्ते के पेड़ को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. पत्तियों के आवश्यक तेल को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
6. पत्तियों से निर्मित तेल को दर्शाता एक चित्रण (PickPik)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • नटूफ़ियन संस्कृति: मानव इतिहास के शुरुआती खानाबदोश
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:24 AM


  • मुनस्यारी: पहली बर्फ़बारी और बर्फ़ीले पहाड़ देखने के लिए सबसे बेहतर जगह
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:24 AM


  • क्या आप जानते हैं, लाल किले में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास के प्रतीकों का मतलब ?
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:17 AM


  • भारत की ऊर्जा राजधानी – सोनभद्र, आर्थिक व सांस्कृतिक तौर पर है परिपूर्ण
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:25 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर देखें, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चलचित्र
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:25 AM


  • आइए जानें, कौन से जंगली जानवर, रखते हैं अपने बच्चों का सबसे ज़्यादा ख्याल
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:12 AM


  • आइए जानें, गुरु ग्रंथ साहिब में वर्णित रागों के माध्यम से, इस ग्रंथ की संरचना के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:19 AM


  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में, क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और चिकित्सा पर्यटन का भविष्य
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:15 AM


  • क्या ऊन का वेस्ट बेकार है या इसमें छिपा है कुछ खास ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:17 AM


  • डिस्क अस्थिरता सिद्धांत करता है, बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों के निर्माण का खुलासा
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id