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आपसे भी अक्सर ऐसे कई लोग टकराए होंगे, जो कई सालों तक दाने-दाने के मोहताज रहे थे, लेकिन अचानक ही वे लोग इतना सबकुछ हासिल कर लेते हैं, जिसकी कोई भी अपेक्षा नहीं कर सकता था। अधिकांश मामलों में लोग, अचानक हुई तरक्की को उसका सौभाग्य समझने की भूल कर लेते हैं। लेकिन वास्तव में मेहनती लोगों को सफलता “बांस के पेड़” की तरह मिलती है। शुरुआत में सालों तक कोई भी आशावादी परिणाम नहीं नजर आता, लेकिन सालों बाद परिणामों की प्रचुरता और विशालता देखकर, हर कोई हैरान रह जाता है। चलिए जानते हैं, कि बांस के पेड़ में ऐसे कौन-कौन से गुण होते हैं, जिन्हें इंसान सीख ले तो उसका जीवन बदल जाए!
निराशा या देरी की स्थिति में भी बिना कोई शिकायत किये, शांति से प्रतीक्षा करने की क्षमता को “धैर्य” कहा जाता है। हमें बांस के पेड़ से धैर्य से जुड़ा एक अहम् सबक सीखना चाहिए।
दरअसल चीनी बांस (Chinese Bamboo) के पेड़ को विकसित होने में पांच साल तक लग जाते हैं। पहले के चार वर्षों के दौरान, यह पेड़ बहुत ही मुश्किल से थोड़ा बहुत ही बढ़ पाता है, क्यों कि इस दौरान वे अपनी जड़ों को मजबूत कर रहे होते हैं, और उन्हें फैला रहे होते हैं, ताकि भविष्य में उनकी लंबाई को समर्थन मिल सके। लेकिन फिर पांचवें वर्ष में, अचानक ही बांस का पौंधा केवल छह सप्ताह के भीतर ही 80 फीट तक बढ़ जाता है। बांस का यही गुण हमें धैर्य, दृढ़ता और विश्वास की एक उल्लेखनीय उपलब्धि को दिखाता है।
चलिए जानते हैं कि बांस या खासतौर पर चीनी बांस के पेड़ से हम क्या सीख सकते हैं?
सबसे पहले, हम सीख सकते हैं कि अच्छी घटनाओं को घटित होने में समय लगता है, इसलिए “हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।” जिस तरह बांस के पेड़ को बढ़ने से पहले, एक मजबूत नींव तैयार करने में चार साल तक लग जाते हैं, उसी तरह हमें भी अपने लक्ष्यों के साथ धैर्य रखने की जरूरत होती है। हो सकता है कि हमें लंबे समय तक कोई भी प्रगति न दिखाई दे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है, कि हम प्रगति नहीं कर रहे हैं। जिस प्रकार बांस अपनी जड़ प्रणाली को विकसित करने के लिए चार साल तक भूमिगत ही रहता है, उसी प्रकार हमें भी दीर्घकालिक सफलता प्राप्त करने के लिए चरित्र, मूल्यों और दृष्टिकोण की एक मजबूत नींव बनाने की आवश्यकता पड़ती है।
बांस के पौंधे से हम दूसरा सबक यह सीख सकते हैं कि “धैर्य के लिए विश्वास की आवश्यकता होती है।” बांस के पौंधे को हमेशा यह भरोसा होता है कि वह बढ़ रहा है, भले ही वह प्रगति हमें नग्न आंखों से न दिखाई दे रही हो। इसी तरह, हमें भरोसा रखना चाहिए कि हमारे भी प्रयास अंततः फल जरूर देंगे। हमें हमारी प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए और विश्वास करना चाहिए कि, “हमें हमारी कड़ी मेहनत का फल अवश्य मिलेगा।” सफलता रातोरात नहीं मिलती। अपने लक्ष्यों के करीब जाने के लिए निरंतर प्रयास और छोटे दैनिक कार्यों की आवश्यकता पड़ती ही है।
अंत में, हम बांस के पौंधे से एक जरूरी सबक यह सीख सकते हैं कि “धैर्य रखने से अप्रत्याशित पुरस्कार भी मिलने लगते हैं।” चीनी बांस का पेड़ पांचवें वर्ष में इतनी तेजी से बढ़ता है कि इसे अक्सर "चमत्कारिक पौधा" भी कह दिया जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि यह वर्षों के धैर्यपूर्वक, स्थिर विकास का परिणाम होता है। जब हम धैर्य रखते हैं, तो हो सकता है कि हमें तुरंत वह परिणाम न दिखें जो हम चाहते हैं, लेकिन अंततः, हमें अपने परिश्रम का फल अवश्य मिलता हिया। और अक्सर, वे फल हमारी कल्पना से भी कहीं अधिक प्रचुर और मीठे होते हैं।
बांस की यह कहानी हमें जीवन में धैर्य की अहमियत सिखाती है। बांस के पेड़ की तरह, सफलता हासिल करने से पहले हमें अपने कौशल और ज्ञान को विकसित करने तथा तराशने में समय लगाना होगा। हमें रातों-रात अमीर बनने या मशहूर होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, हमें कड़ी मेहनत करने और अपने सपनों के साथ मजबूती से डटे रहने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
बांस के पौधे पहले से ही तने का निर्माण भी कर लेते हैं। इस दौरान बांस की कलियों में पूर्ण विकसित तने के लिए आवश्यक सभी कोशिकाएं बन जाती हैं। बाद में केवल पार्श्व शाखाएँ और पत्तियाँ निकलती हैं। इन सुप्त अंकुरों को विकसित होने में समय लगता है, लेकिन एक बार विकसित होने के बाद, वे बहुत ही तेज़ी के साथ केवल छह हफ़्तों में पूरी तरह से विकसित हो सकते हैं।
हालांकि आप खुद भी अपने खेतों में बांस के पौंधे को तेजी से विकसित करने के लिए कई उपाय कर सकते हैं,जैसे:
१. बांस का पौधा बड़े आकार का चुनें: आप बांस का पौधा जितने बड़े आकार का खरीदेंगे, वह जमीन में भी उतनी ही तेजी से बढ़ेगा। ऐसा जड़ों और प्रकंदों के बड़े नेटवर्क के कारण संभव हो पाता है, जो बाद में अधिक अंकुर पैदा करने में सक्षम होते हैं।
२. बांस को धूप में रखें: बांस के पौधे को धूप बहुत पसंद होती है, इसलिए इसे प्रतिदिन कम से कम चार घंटे धूप में अवश्य रखें।
३. बांस को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में रोपित करें: बांस को पनपने के लिए बेहतर जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। हालांकि यदि आपकी मिट्टी बहुत भारी है, तो आप इसे रेत या खाद के साथ संशोधित कर सकते हैं।
४. बांस को नियमित रूप से पानी दें: बांस को बहुत अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए इसे नियमित रूप से (खासकर गर्मी के महीनों के दौरान) पानी देते रहें।
५. बांस को खाद दें: बांस को मजबूत और स्वस्थ तरीके से विकसित होने के लिए उर्वरकों की भी आवश्यकता पड़ती है। इसलिए आप संतुलित मात्रा में ऐसे उर्वरकों का प्रयोग करें, जिसमें नाइट्रोजन और पोटेशियम की मात्रा अधिक हो।
६. बांस की छंटाई करें: बांस की छंटाई करने से उसे नए अंकुर उगाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। इसलिए बांस के किसी भी मृत या क्षतिग्रस्त डंठल को समय रहते काट दें ।
इन सुझावों का पालन करके, आप अपने बांस को उसकी पूरी क्षमता तक पहुंचने और एक सुंदर और संपन्न पौधे के रूप में विकसित होने में मदद कर सकते हैं।
संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/3c9rhzfu
Https://Tinyurl.Com/43j98f3k
Https://Tinyurl.Com/4hxypnnn
Https://Tinyurl.Com/2p933dzu
Https://Tinyurl.Com/2s4ywmab
चित्र संदर्भ
1. छोटे और बड़े बम्बू को दर्शाता एक चित्रण (pickpik)
2. बालकनी में उगाई गई बम्बू की पौंध को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
3. बांस के जंगल को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. बाँस के विश्वव्यापी वितरण को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. चीन के गुआंगदे में बांस के जंगल को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
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