City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2238 | 186 | 2424 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
भारतीय संस्कृति में भूमि यानी, जमीन को “मां” कहकर पुकारा जाता है। भूमि को माता की उपाधि देना यह दर्शाता है कि भारतीय लोगों के जीवन में प्रकति की क्या अहमियत रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, भारतीय संस्कृति की भाँति माओरी संस्कृति (Māori culture) में भी भूमि को सभी जीवित चीजों के लिए “माँ” की तरह माना जाता है। उनके अनुसार “प्रकृति हमें वह सब कुछ देती है, जो हमें जीवित रहने और आगे बढ़ने के लिए चाहिए।”
माओरी लोगों को न्यूजीलैंड (New Zealand) का मूल निवासी माना जाता है। ये लोग 14वीं शताब्दी में पूर्वी पोलिनेशिया (Polynesia) से न्यूजीलैंड में आए और यहां आकर अपनी अनूठी संस्कृति विकसित की। माओरी, न्यूजीलैंड के मूल पॉलिनेशियन लोगों को ही कहा जाता है। माओरी भाषा में, "माओरी" शब्द का अर्थ "प्राकृतिक," या "सामान्य होता है।" किंवदंतियों और कहानियों में, इस शब्द का उपयोग लोगों को देवताओं और आत्माओं से अलग बताने के लिए किया जाता था। इसी तरह, "वाई माओरी" का अर्थ खारे पानी के विपरीत "ताजा पानी" होता है।
18वीं सदी में सबसे पहले यूरोपीय लोग न्यूजीलैंड पहुंचे। हालांकि इससे पहले, माओरी और यूरोपीय लोग शांतिपूर्वक व्यापार करते थे। लेकिन जल्द ही परिस्थितियां हिंसक होने लगी, क्यों कि यूरोप से आये नये लोग माओरी लोगों की संस्कृति का सम्मान नहीं कर रहे थे।
1840 में माओरी और ब्रिटिश लोगों ने वेतांगी की संधि पर हस्ताक्षर किये। यह संधि माओरी के अधिकारों और भूमि की रक्षा करने के लिए की गई थी। लेकिन अंग्रेज़ों ने अपना वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने माओरी की जमीन छीन ली और उन्हें पश्चिमी संस्कृति को अपनाने के लिए मजबूर कर दिया, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने भारतीयों के साथ किया।
समय के साथ माओरी लोगों की आबादी में नाटकीय रूप से गिरावट आने लगी, लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में इसमें सुधार होना शुरू हो गया। आज, न्यूजीलैंड में लगभग 892,200 माओरी ही शेष बचे हैं। हालाँकि फिर भी ये लोग देश का दूसरा सबसे बड़ा जातीय समूह हैं।
माओरी लोगों की संस्कृति अत्यंत समृद्ध मानी जाती है। उनकी अपनी ख़ुद की भाषा, पौराणिक कथाएँ, शिल्प और प्रदर्शन कलाएं हैं। माओरी लोग, न्यूजीलैंड की संस्कृति और समाज के सभी क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उनकी अपनी मीडिया, राजनीतिक पार्टियां और खेल टीमें भी हैं। हालाँकि, न्यूजीलैंड के मूल निवासी होने के बावजूद कई माओरी अभी भी भेदभाव और आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उनकी जीवन प्रत्याशा और आय भी अन्य न्यूजीलैंड राशियों की तुलना में कम देखी गई है। यहाँ तक की अपने ही देश में उन्हें उच्च स्तर के अपराध, स्वास्थ्य समस्याएं, कारावास और शैक्षिक भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है। हालाँकि न्यूजीलैंड सरकार, माओरी और अन्य न्यूजीलैंड वासियों के बीच के इस अंतर को कम करने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह प्रयास केवल कागजों पर ही नज़र आ रहे हैं।
माओरी लोग खुद को इस भूमि के लोगों के रूप में पहचानने के लिए "टंगाटा व्हेनुआ" शब्द का भी उपयोग करते हैं। 19वीं शताब्दी में माओरी जनजातियों को ना चाहते हुए भी अपनी अधिकांश भूमि से हाथ धोना पड़ गया। इस उथल-पुथल के कारण यहाँ के मूल और स्थानीय लोगों की पहचान ख़त्म हो गई।
आज, कई माओरी लोग अपनी भूमि और संस्कृति को पुनः प्राप्त करने के लिए बहुत कोशिश कर रहे हैं। माओरी महिलाएं पर्यावरण, भूमि और लोगों की रक्षा के लिए अधिक नेतृत्वकारी भूमिका निभा रही हैं। परिवारों, समुदायों और समाज में संतुलन बहाल करने के लिए लोगों का विकास और शिक्षा आवश्यक है। जब लोग स्वस्थ और शिक्षित होते हैं, तो वे अधिक ज़िम्मेदारियाँ ले सकते हैं, दूसरों को सलाह दे सकते हैं और दयालु और देखभाल करने वाले हो सकते हैं। माओरी लोगों का मानना है कि मनुष्य, भूमि और प्राकृतिक दुनिया सभी जुड़े हुए हैं। वे इस संबंध को "काइतियाकितांगा" कहते हैं। माओरी लोगों में प्रकृति और अभ्यास प्रणालियों के प्रति बहुत गहरा सम्मान नज़र आता है। ये लोग संसाधनों के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग का भरपूर समर्थन करते हैं।
काइतियाकितांगा (Kaitiakitanga) एक माओरी शब्द होता है, जिसका अर्थ पर्यावरण की संरक्षकता या देखभाल करना होता है। यहाँ पर प्रकृति के रक्षक या अभिभावक को “काइतियाकी” कहकर संबोधित किया जाता है। कैइताकी एक व्यक्ति या समूह भी हो सकता है। काइतियाकी को किसी विशेष स्थान, जैसे झील, जंगल या पहाड़ की देखभाल के लिए तांगटा वेनुआ (भूमि के लोग) द्वारा चुना जाता है। माओरी संस्कृति में महिलाएं भी परंपरागत रूप से भूमि प्रबंधन और निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं।
काइतियाकितांगा का उद्देश्य केवल पर्यावरण को नुकसान से बचाना नहीं है। बल्कि उनके ऊपर इसे टिकाऊ तरीके से उपयोग करने से जुड़ी जिम्मेदारी भी होती है। माओरी परंपरा में, भूमि को “पापातुआनकु (Papatuanuku)” कहा जाता है। उनके लिए यह एक माँ के समान होती है, जो लोगों, पेड़ों और पक्षियों सहित हर चीज़ को जन्म देती है। काइतियाकितांगा माओरी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और अब यह अभयास दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि आज के समय में कई लोग पर्यावरण की रक्षा के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/4d9bb8sz
https://tinyurl.com/4s9f8pdu
https://tinyurl.com/mr23u7br
https://tinyurl.com/mry529d7
चित्र संदर्भ
1. झुक कर बैठे हुए माओरी लोगों को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
2. 2018 में समग्र और क्षेत्रीय रूप से न्यूजीलैंड में माओरी जातीयता को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
3. माओरी नृत्य को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. 1840 में वेटांगी की संधि पर हस्ताक्षर करने के दृश्य को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. पारंपरिक माओरी प्रेम कहानी का प्रदर्शन करती व्याख्यात्मक नर्तकी को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.